मॉस्को7 घंटे पहले
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नवलनी की पत्नी यूलिया ने कहा है कि वो पुतिन के खिलाफ सियासी जंग जारी रखेंगी। (फाइल)
रूस के दिवंगत नेता एलेक्सी नवलनी की पत्नी यूलिया नवल्नाया ने देश के लोगों के नाम एक अपील जारी की है। यूलिया ने कहा है कि 17 मार्च को राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जब लोग बैलट पेपर से वोटिंग करें तो उस पर एलेक्सी का नाम जरूर लिखें।
यूलिया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने रशियन वोटर्स से अपील की है कि वो वोटिंग वाले दिन विरोध प्रदर्शन भी करें। नवलनी रूस की सबसे खतरनाक जेल पोलर वुल्फ में कैद थे। 16 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी। इसकी पुख्ता वजह सामने नहीं आ सकी है।
तस्वीर 2014 की है। तब नवलनी मॉस्को की एक अदालत में पेश होने जा रहे थे। इसके पहले वो पत्नी यूलिया के साथ नजर आए थे।
अब सिर्फ रूस के लोगों से उम्मीद
- यूलिया ने कहा- मेरे पति एलेक्सी नवलनी को पिछले हफ्ते जब दफनाया गया। उनकी अंतिम विदाई हुई तो बहुत बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे। इसके बाद मुझे काफी उम्मीदें हैं। मैं चाहती हूं कि हम मिलकर विरोध दर्ज कराएं। इसके लिए कोई रिस्क नहीं लेना है, किसी को गिरफ्तारी नहीं देनी है। बस एक साथ लोगों को यूनिटी दिखानी है।
- यूलिया ने आगे कहा- विरोध जताने के लिए इलेक्शन डे अहम है। हम उन्हें (पुतिन सरकार) बताना चाहते हैं कि रूसी अब भी जिंदा हैं और अपनी बात कहने की हिम्मत भी रखते हैं। हम प्रेसिडेंट पुतिन का विरोध करते रहेंगे।
- पुतिन सरकार यूलिया के इन आरोपों को खारिज कर चुकी है कि एलेक्सी नवलनी की मौत के पीछे राष्ट्रपति का हाथ है। हालांकि, अब तक मौत की वजह साफ नहीं की गई है। हालांकि, डेथ सर्टिफिकेट पर ‘नैचुरल डेथ’ लिखा है।
- माना जा रहा है कि 17 मार्च को होने वाले प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में पुतिन की जीत तय है और वो 6 साल के लिए फिर चुने जाएंगे।
जेल अफसरों ने क्या कहा था
- 16 फरवरी को नवलनी की मौत की पुष्टि हुई। इसके बाद जेल अधिकारियों ने कहा- नवलनी आर्कटिक सर्कल की जेल में बेहोश होकर गिर गए थे। उनकी तबियत खराब थी, वो शाम को टहलकर वापस लौटे थे, जिसके बाद उन्होंने अच्छा महसूस नहीं होने की शिकायत की थी। इसके बाद वो बेहोश होकर गिर गए थे।
- जेल अधिकारियों के मुताबिक, उन्होंने तुरंत मेडिकल टीम और एंबुलेंस को बुलाया था। हालांकि, डॉक्टरों ने वहां पहुंचते ही नवलनी को मृत घोषित कर दिया। उधर, न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक पिछले हफ्ते उनकी तबीयत ठीक लग रही थी। एक दिन पहले यानी 15 फरवरी को ही नवलनी की ऑनलाइन सुनवाई हुई थी। इसका वीडियो टेलीग्राम पर शेयर किया गया था। इसमें नवलनी मजाक करते हुए दिखाई दिए थे।
- उन्होंने खुद पर लगे जुर्माने पर मजाकिया लहजे में जज से कहा था- आपके फैसलों की वजह से मेरे पैसे खत्म होते जा रहे हैं। आप अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा मुझे भी दे दीजिए।
- जेल में होने के बावजूद नवलनी सोशल मीडिया पर एक्टिव थे। वो उसी के जरिए अपने वकीलों और दुनिया तक संदेश पहुंचाते थे। उनके आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट में नवलनी ने पत्नी को वैलेंटाइन डे विश किया था। उन्होंने लिखा था- हम बेशक बर्फीले तूफान और हजारों किलोमीटर की दूरी से जुदा हैं। फिर भी मुझे महसूस होता है कि तुम हर पल मेरे साथ हो। तुम्हारे प्रति मेरा प्यार बढ़ता जाता है।
2020 में फ्लाइट में जहर देने की कोशिश हुई
- नवलनी पर 2017 में जानलेवा हमला हुआ था। हमले में उनकी आंख में गंभीर चोट आई थी। साल 2018 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में खड़े होने की कोशिश की, लेकिन धोखाधड़ी के आरोप के चलते वो ऐसा न कर सके। एलेक्सी ने इसे सरकार की साजिश बताया था। जुलाई 2019 में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने के ऐलान के बाद नेवलनी को 1 महीने की जेल हुई थी।
- उस वक्त जेल में तबियत बिगड़ने के बाद कहा गया कि नवलनी को जहर देने की कोशिश हुई है। इसके बाद साल 2020 में भी उन्हें जहर देने की कोशिश की गई। वह फ्लाइट में बेहोशी की हालत में पाए गए थे, जिसके बाद फ्लाइट की जर्मनी में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी।
- उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ठीक होने के बाद गिरफ्तारी की खतरे के बावजूद नवलनी 2021 में रूस लौटे। रूस में कदम रखते ही सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
माना जा रहा है कि 17 मार्च को होने वाले प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में पुतिन की जीत तय है और वो 6 साल के लिए फिर चुने जाएंगे। (फाइल)
रूस पर पुतिन का राज
- पुतिन पहली बार साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे। इससे पहले 1999 में उन्हें रूस के पहले राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने बतौर PM चुना था। 2000 से 2008 तक लगातार 2 कार्यकाल के दौरान पुतिन रूस के राष्ट्रपति पद पर काबिज रहे। रूस के संविधान के मुताबिक, पुतिन लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे। ऐसे में साल 2008 में पुतिन के सबसे बड़े समर्थकों में शामिल दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति बने।
- इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री पद संभाला। 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति मेदवेदेव ने अपनी पार्टी से पुतिन को प्रेसिडेंट कैंडिडेट के लिए नॉमिनेट करने को कहा। इसके बाद 2012 के चुनाव में पुतिन ने दोबारा जीत हासिल की और वो सत्ता में लौट आए।