हरिद्वार14 घंटे पहले
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संसार में रंग-रूप और गुणों की भिन्नताएं दिखाई देती हैं। सभी के कर्म भी अलग-अलग हैं। अज्ञानता की वजह से हमें इतनी भिन्नताएं दिखाई देती हैं। ईश्वर एक ही है और सभी रूपों में वही समाया हुआ है। इसलिए संसार में कोई अलग नहीं है, कोई पराया नहीं है। जिन लोगों को ये ज्ञान हो जाता है, उनके सभी भय और संदेह दूर हो जाते हैं, उनका व्यक्तित्व दिव्य हो जाता है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए ज्ञान हासिल करने के लिए क्या करना चाहिए?
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