ढाका10 घंटे पहले

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शेख हसीना के खिलाफ पहला केस 13 अगस्त को दर्ज हुआ था। उन पर एक दुकानदार की हत्या का केस दर्ज हुआ था। - Dainik Bhaskar

शेख हसीना के खिलाफ पहला केस 13 अगस्त को दर्ज हुआ था। उन पर एक दुकानदार की हत्या का केस दर्ज हुआ था।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीन पर मंगलवार को 9 मामले दर्ज किए गए। देश में नई सरकार बनने के बाद से उन पर अब तक 31 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें 26 हत्या, 4 नरसंहार और एक किडनैपिंग का मामला है।

बांग्ला अखबार डेली स्टार के मुताबिक, बांग्लादेश के एक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम के सचिव मुफ्ती हारून इजहार चौधरी ने इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में हसीना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के मुताबिक हिफाजत-ए-इस्लाम के कार्यकर्ता 5 मई 2013 को ढाका में ईशनिंदा के खिलाफ कानून बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

इस दौरान हिंसक हो उठी भीड़ पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। इसमें 27 लोग मारे गए थे। 11 साल बाद इस मामले में हसीना के खिलाफ नरसंहार का मामला दर्ज हुआ है। इसमें हसीना के बेटे सजीब वाजिद जॉय , बेटी साइमा वाजिद पुतुल और बहन शेख रेहाना को भी आरोपी बनाया गया है।

इनके अलावा अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर, पूर्व मंत्री रशीद खान मेनन, पूर्व सेना प्रमुख अजीज अहमद सहित हसीना के करीबी रहे 23 और लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

हसीना पर नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने के मामले दर्ज हुए हैं।

हसीना पर नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने के मामले दर्ज हुए हैं।

इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में चार मामले दर्ज
हसीना के खिलाफ ट्रिब्यूनल में अब तक चार मामले दर्ज हो चुके हैं। इन चार मामलों में तीन मामले हाल ही में हुए छात्र आंदोलन में हुई हिंसा से जुड़े हैं। मोहम्मद अबुल हसन नाम के एक व्यक्ति ने सोमवार को हसीना के खिलाफ नरसंहार की शिकायत दर्ज कराई थी। अबुल हसन के बेटे शहरयार हसन अल्वी की छात्र आंदोलनों के दौरान मौत हो गई थी। इससे पहले भी 9 वीं कक्षा के एक छात्र आरिफ अहमद के पिता ने भी ट्रिब्यूनल में हसीना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आरिफ को 5 अगस्त को प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली लगी थी। 2 दिन बाद उसकी मौत हो गई।

ट्रिब्यूनल के अधिकारी अताउर रहमान ने कहा, “हमने शिकायत दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है।”

शेख हसीना ने 2010 में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) की स्थापना की थी। इस ट्रिब्यूनल की स्थापना 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए की गई थी।

अंतरिम सरकार UN की निगरानी में जांच कराएगी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि वे हसीना के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर संयुक्त राष्ट्र (UN) की निगरानी में जांच कराएगी। अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार प्रो. आसिफ नजरुल ने कहा कि शेख हसीना पर कमान देने की जिम्मेदारी थी, इसलिए छात्र आरक्षण विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों में उनकी भूमिका की जांच की जाएगी।

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बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे शेख हसीना के करीबी मंत्रियों और आला अफसरों की भी बड़ी भूमिका रही। खुफिया रिपोर्ट कहती है कि कानून मंत्री, लॉ सेक्रेटरी, बैंक ऑफ बांग्लादेश के गवर्नर, IT मंत्री और खुफिया ब्रांच के हेड के ‘गलत’ फैसलों ने ठंडे पड़ रहे आंदोलन को भड़का दिया।

मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करना और आंदोलनकारी छात्रों से जबरन पूछताछ करना हसीना सरकार को बहुत भारी पड़ गया। बांग्लादेश सेना की इंटेलिजेंस विंग डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फोर्स इंटेलिजेंस (DGFI) के कुछ अधिकारी और कैबिनेट के कुछ मंत्री हसीना के प्रति वफादार नहीं थे।

DGFI ने तख्तापलट से ठीक पहले शेख हसीना सरकार के कैबिनेट मंत्रियों, बड़े अफसरों और विपक्षी नेताओं के कॉल रिकॉर्ड किए थे, भास्कर को मिले इन कॉल रिकॉर्ड से जाहिर है कि IT मंत्री और खुफिया ब्रांच हेड के गलत फैसलों से कैसे प्रदर्शन भड़का। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

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