4 घंटे पहले

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हमास चीफ की मौत के बाद इजराइल पर लेबनान और ईरान की तरफ से अटैक की आशंका बढ़ गई है। - Dainik Bhaskar

हमास चीफ की मौत के बाद इजराइल पर लेबनान और ईरान की तरफ से अटैक की आशंका बढ़ गई है।

अमेरिका ने बढ़ते तनाव को देखते हुए मिडिल ईस्ट में और हथियार तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने बताया कि अमेरिका इलाके में एक फाइटर जेट स्क्वॉड्रन और एक एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात करेगा। इनका लक्ष्य ईरान की तरफ से इजराइल पर हमले की स्थित में उसकी रक्षा करना होगा।

दरअसल, तेहरान में हमास चीफ हानियेह की मौत के बाद सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने इजराइल पर सीधा हमला करने की धमकी दी थी। वहीं ईरान समर्थक संगठन हिजबुल्लाह और हूतियों ने भी इजराइल से बदला लेने की बात कही थी।

इसके बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने मिडिल ईस्ट में बैलिस्टिक मिसाइल वाले क्रूजर और डिस्ट्रॉयर भी तैनात करने का आदेश दिया है। साथ ही अमेरिका वहां दूसरे बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस वेपन भी भेज रहा है।

अमेरिका मिडिल ईस्ट में अपने सबसे बेहतरीन एयरक्राफ्ट कैरियर्स में शामिल USS अब्राहम लिंकन भेजने वाला है।

अमेरिका मिडिल ईस्ट में अपने सबसे बेहतरीन एयरक्राफ्ट कैरियर्स में शामिल USS अब्राहम लिंकन भेजने वाला है।

मिडिल ईस्ट में 12 नए युद्धपोत भेज रहा अमेरिका
इससे पहले 1 अगस्त को वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में 12 नए युद्धपोत तैनात किए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फोन पर बातचीत के दौरान इजराइल की रक्षा करने का वादा किया था।

दोनों नेताओं ने मिडिल ईस्ट में अमेरिका के हथियारों और डिफेंस वेपन्स की संख्या ब़ढ़ाने पर चर्चा की थी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका के रक्षा मंत्री ने क्षेत्र में पहले से तैनात USS थियोडोर रूजवेल्ट कैरियर की जगह USS अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात करने का आदेश दिया है।

‘क्षेत्र में अपने सैनिकों की रक्षा के लिए बढ़ाई हथियारों की तैनाती’
पेंटागन की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने शुक्रवार को बताया कि ऑस्टिन ने इजराइल के सपोर्ट और क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी सैनिकों की रक्षा के लिए हथियार भेजने का फैसला किया है। पिछले साल अक्टूबर में इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद से ही मिडिल ईस्ट और भूमध्य सागर में अपने युद्धपोतों की संख्या बढ़ा दी थी।

इस क्षेत्र में अमेरिका के 2 नेवी डिस्ट्रॉयर्स, USS रूजवेल्ट, USS बल्कली, USS वास्प और USS न्यूयॉर्क जैसे कैरियर्स मौजूद हैं। USS वास्प और न्यूयॉर्क को तनाव बढ़ने की स्थिति में इलाके से अमेरिकी सैनिकों को तुरंत वापस लाने के लिए तैनात किया गया है।

इससे पहले 13 अप्रैल को भी जब ईरान ने इजराइल पर हमला किया था, तब अमेरिकी डिफेंस सिस्टम ने उसे इंटरसेप्ट कर दिया था।

लॉयड ऑस्टिन ने ईरान की तरफ से इजराइल पर हमले के खतरे को देखते हुए नए हथियार भेजने का फैसला किया।

लॉयड ऑस्टिन ने ईरान की तरफ से इजराइल पर हमले के खतरे को देखते हुए नए हथियार भेजने का फैसला किया।

अमेरिका ने इजराइल को कौन-से हथियार भेजे
अमेरिकी मीडिया हाउस न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिका ने इजराइल को गाजा में जंग के बीच 155 मिलिमीटर के 52,229 M795 आर्टिलेरी शेल्स, होवित्जर तोपों के लिए 30 हजार गोले भेजें हैं। इजराइल को 320 मिलियन डॉलर के डंब बम भी दिए गए हैं, जिनमें GPS लगाकर उन्हें सटीक हमला करने में कारगर बनाया जा सकता है।

इसके अलावा एयर डिफेंस सिस्टम, टैंक , हेलफायर मिसाइलें और कंधे पर रखकर चलाए जाने वाले रॉकेट भी भेजे हैं। इसके अलावा 250 से 2 हजार पाउंड के बम भी दिए गए हैं।

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