स्पोर्ट्स डेस्क51 मिनट पहले

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15 अंपायर IPL 2024 के दौरान स्मार्ट रीप्ले सिस्टम के साथ काम करेंगे। इसमें भारतीय और विदेशी दोनों अंपायर शामिल हैं। - Dainik Bhaskar

15 अंपायर IPL 2024 के दौरान स्मार्ट रीप्ले सिस्टम के साथ काम करेंगे। इसमें भारतीय और विदेशी दोनों अंपायर शामिल हैं।

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 2024 एडिशन 22 मार्च से शुरू होने वाला है। इस साल ज्यादा सटीक रिव्यू और निर्णय लेने के लिए लीग में स्मार्ट रीप्ले सिस्टम इस्तेमाल किया जाएगा।

ESPN क्रिकइंफो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्ट रीप्ले में ज्यादा स्प्लिट स्क्रीन (एक स्क्रीन में एक से ज्यादा फ्रेम) और बेहतर फ्रेम रेट होगा।

स्मार्ट रीप्ले सिस्टम से टीवी अंपायर को हॉक-आई ऑपरेटरों से सीधे इनपुट मिलेंगे, जो वेन्यू के चारों ओर आठ हॉक-आई हाई-स्पीड कैमरों से कैप्चर की गई फुटेज में मदद करने के लिए एक ही कमरे में बैठे होंगे। पिछली तकनीक के मुकाबले स्मार्ट रीप्ले में एक बड़ा अंतर यह होगा कि टीवी डायरेक्टर अब तीसरे अंपायर और हॉक-आई ऑपरेटर के बीच कम्यूनिकेशन में शामिल नहीं होंगे।

ECB (इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड) ने पहले द हंड्रेड में इसी तरह की रेफरल प्रक्रिया का यूज किया था।

स्मार्ट रीप्ले में ज्यादा स्क्रीन मिलेगी, इससे बाउंड्री कैच देखने में आसानी होगी
स्मार्ट रीप्ले सिस्टम टीवी अंपायर को पहले की तुलना में ज्यादा एंगल से देखने की अनुमति देगा, जिसमें स्प्लिट स्क्रीन से मदद मिलेगी।

उदाहरण के तौर पर बाउंड्री पर फील्डर अगर कैच लेता है। पहले रिव्यू में जब गेंद पकड़ी गई, तब ब्रॉडकास्टर सटीक समय पर फील्डर के पैरों और हाथों को एक साथ नहीं दिखा पाता था, लेकिन अब नई तकनीक से, एक स्प्लिट स्क्रीन पैरों के सिंक्रॉनाइज फुटेज के साथ अंपायर को दिखा सकती है कि गेंद कब पकड़ी गई थी, या कब छोड़ी गई थी।

मैच में होते है 8 हॉक-आई कैमरा
किसी भी मैच में आठ हॉक-आई कैमरे होते हैं, मैदान के दोनों तरफ सामने की ओर दो-दो और विकेट के दोनों तरफ स्क्वॉयर की दिशा में दो-दो कैमरे होते हैं।

IPL 2023 तक हॉक-आई कैमरों का इस्तेमाल मुख्य रूप से बॉल ट्रैकिंग और अल्ट्राएज के लिए किया जाता था, इसलिए, LBW और अल्ट्राएज की जांच के अलावा, ब्रॉडकास्टर ने बड़े पैमाने पर किसी भी ऑन-फील्ड रेफरल के लिए अपने खुद के कैमरे से फुटेज का उपयोग किया। इसमें स्टंपिंग, रन-आउट, कैच और ओवरथ्रो के रेफरल शामिल थे।

हॉक-आई कैमरा क्रिकेट के अलावा टेनिस, एफ-1, फुटबॉल और बैडमिंटन में भी रिव्यू के लिए यूज किया जाता है।

हॉक-आई कैमरा क्रिकेट के अलावा टेनिस, एफ-1, फुटबॉल और बैडमिंटन में भी रिव्यू के लिए यूज किया जाता है।

तीन एंगल से स्टंपिंग देख सकेंगे
स्टंपिंग के लिए नई तकनीक टीवी अंपायर को तीन एंगल दिखाएगी। अनिवार्य रूप से साइड-ऑन कैमरों के साथ-साथ एक ही फ्रेम में फ्रंट-ऑन से फुटेज दिखाया जाएगा। फ्रंट-ऑन कैमरा एंगल महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हटाए जा रहे बेल्स की सटीक तस्वीर देता है। पहले ब्रॉडकास्टर स्टंप कैम के फुटेज के साथ एक तरफ से साइड-ऑन फुटेज दिखाता था।

स्टंप कैम लगभग 50 फ्रेम्स पर सेकंड की कम गति पर रिकॉर्ड करता है, जबकि हॉक-आई कैमरे लगभग 300 फ्रेम प्रति सेकंड पर रिकॉर्ड करते हैं, जिसका अर्थ है कि अब अंपायरों के लिए अपने निर्णय को आधार बनाने के लिए अधिक सटीक फुटेज होंगे।

BCCI ने दी अंपायर्स को 2 दिन की ट्रेनिंग
BCCI ने नई तकनीक को लेकर चुनिंदा अंपायरों के लिए रविवार और सोमवार को मुंबई में दो दिन की वर्कशॉप आयोजित की। यह पता चला है कि लगभग 15 अंपायर, जिनमें भारतीय और विदेशी दोनों अंपायर शामिल हैं, 22 मार्च से शुरू होने वाले IPL 2024 के दौरान स्मार्ट रीप्ले सिस्टम के साथ काम करेंगे।

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