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  • Meen Sankranti Tomorrow: On This Competition, There Is A Custom Of Doing Solar Worship And Bathing And Donating, This Offers Inexhaustible Advantage And Additionally Will increase The Lifespan.

2 घंटे पहले

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गुरुवार, 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में आने से मीन संक्रांति मनाई जाएगी। इस पर्व पर पवित्र नदी या तीर्थ में स्नान और दान करने की परंपरा है। संक्रांति पर्व पर किए गए शुभ कामों का पुण्य फल और बढ़ जाता है।

सूर्य की संक्रांति पर पितरों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध करने का भी विधान ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन किए गए स्नान-दान से मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता, इसलिए हर महीने आने वाली संक्रांति को पर्व कहा गया है।

इस पर्व पर सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। ऐसा न कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर नहा लेना चाहिए। इससे तीर्थ स्नान का पुण्य मिलता है। इस दिन उगते हुए सूरज को प्रणाम करें। फिर अर्घ्य दें। धूप-दीप दिखाएं और आरती करें। आखिरी में फिर से सूर्य देवता को प्रणाम करें और 7 बाद प्रदक्षिणा करें। यानी एक ही जगह पर खड़े होकर 7 बार परिक्रमा करते हुए घूम जाएं।

पूजा के बाद वहीं खड़े होकर श्रद्धा के मुताबिक, दान करने का संकल्प लें और दिन में जरूरतमंद लोगों को खाना और ऊनी कपड़ों का दान करें। हो सके तो इस दिन व्रत भी कर सकते हैं। पूरे दिन नमक खाए बिना व्रत रखने से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं और मनोकामना पूरी होती है।

तांबे के लोटे से दें सूर्य को अर्घ्य
सूर्य पूजा के लिए तांबे की थाली और तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें। थाली में लाल चंदन, लाल फूल और घी का दीपक रखें। दीपक तांबे या मिट्‌टी का हो सकता है। अर्घ्य देते वक्त लोटे के पानी में लाल चंदन मिलाएं और लाल फूल भी डालें।
ऊँ घृणि सूर्यआदित्याय नमः मंत्र बोलते हुए अर्घ्य दें और प्रणाम करें। अर्घ्य वाले पानी को जमीन पर न गिरने दें। किसी तांबे के बर्तन में ही अर्घ्य गिराएं। फिर उस पानी को किसी ऐसे पेड़-पौधे में डाल दें। जहां किसी का पैर न लगे।

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