अहमदाबाद57 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर

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एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया का सबसे बड़ा टैलंट सर्च में आए खिलाड़ियों को जिला एथलेटिक्स फेडरेशन के अधिकारियों की लापरवाहियों का खामियाजा उठाना पड़ रहा है।

गुजरात के अहमदाबाद में 16 से 18 फरवरी तक अंडर-14 और अंडर-16 की 19 वीं नेशनल इंटर डिस्ट्रिक्ट एथलेटिक्स चैंपियनशिप (NIDJM)का आयोजन हो रहा है। इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए आए एथलीटों में से किसी को किराये के लिए पैसे उधार लेने पड़े तो किसी के कोच को लोगों से एकत्रित करने पड़े।

2003 में शुरू हुए नेशनल इंटर डिस्ट्रिक्ट एथलेटिक्स चैंपियनशिप (NIDJM ) में इस साल 616 जिलों से 5000 से ज्यादा एथलीट भाग ले रहे हैं।

फेडरेशन से किराया भत्ता नहीं मिला
बिहार के अररिया के आए मोहम्मद जावेद अली ने बताया कि पिछले साल का भी किराया भत्ता और डेली अलाउंस अब तक नहीं मिला है। पिछले साल NIDJM पटना में हुआ था। तब हमारे कोच ने बताया कि पटना में जाने के बाद पता चलेगा कि किराया मिलेगा या नहीं। पटना जाने के बाद वह हमें छोड़ कर चले गए। हमें किराया का पैसे आज तक नहीं मिला। वहीं इस साल भी हम लोग अपने पैसे लगाकर आए हैं।

किराया मिलेगा यह नहीं बताया गया है। टीम के साथ आए कोच विवेक कुमार ने बताया कि मैं पहली बार टीम लेकर आया हूं। हमें जिला एसोसिएशन से हमें कुछ भी नहीं दिया गया है। बच्चे खुद ही किराया लगाकर आए हैं।

इवेंट में ट्रायथलॉन, पेन्थाथलन, जैवलिन थ्रो, लॉन्ग जंप, हाई जंप, शॉट पुट और रेस-हर्डल्स इवेंट होंगे।

इवेंट में ट्रायथलॉन, पेन्थाथलन, जैवलिन थ्रो, लॉन्ग जंप, हाई जंप, शॉट पुट और रेस-हर्डल्स इवेंट होंगे।

2 साल से खुद का पैसा लगाकर पहुंच रहे
दरभंगा से आए सईदी हसन मेहदी ने बताया कि पिछले साल पटना में हुए चैंपियनशिप में खुद ही पैसा लगाकर गए थे। वहीं इस साल भी हम लोग अपने पैसे लगाकर आए हैं। हालांकि यहां आने के बाद यहां पर रहने और खाने-पीने की अच्छी सुविधा दी गई है। दरंभगा में खुद ही प्रैक्टिस करते हैं। वहां पर ग्राउंड में बुनियादी सुविधा तक नहीं है।

रास्ते में लोगो से पैसे मांगकर पहुंचे
बेगुसराय जिले से आए नीतिश कुमार ने बताया कि अहमदाबाद के किराये के1600 रुपया लगा है। 800 रुपये हम लोगों ने दिए हैं। बाकी के 800 रुपये कोच सर ने इधर-उधर से एकत्रित कर इंतजाम किया। पिछले साल हमारे जिले से गए कई लड़कों को अब तक पिछले साल का ही किराया नहीं मिला है।

इस चैंपियनशिप में बिहार के बक्सर जिले से आए चंदन कुमार बताते हैं कि उन्होंने अपने पैसे लगाकर यहां तक आना पड़ा है। उनकी टीम के कई खिलाड़ी तो ऐसे हैं। जिनके लिए किराया का पैसे का इंतजाम उनके पैरंट्स ने उधार लेकर किया है। हमारी टीम में पिछले साल पटना में भाग लेने वाले कई एथलीटों को भी किराया अब तक नहीं मिला है।

जिले का पंजीकरण नहीं हुआ
वहीं छत्तीसगढ़ के उतर बस्तर क्षेत्र से 13 एथलीटों को लेकर आई कोच प्रभा जैन ने बताया कि उनके जिला का पंजीकरण नहीं हुआ है। इसलिए एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से जो यहां आने का किराया है, वह नहीं मिल पाता है। हम लोगों का प्रयास है कि जल्द से जल्द हमारी जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन पंजीकृत हो जाए। अभी सपोर्ट्स अधिकारी और जिले एथलेटिक्स संघ के अधिकारियों ने बच्चों के किराए का इंतजाम किया है।

नीरज चोपड़ा भी इसी चैंपियनशिप की खोज हैं
टोक्यो ओलिंपिक में देश के लिए जेवलियन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा भी इसी चैंपियनशिप से वहां तक का सफर तय किया है। नीरज के अलावा 2023 नेशनल गेम्स में 3000 मीटर में नेशनल रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीतने वाले सुनील जोलिया भी इस चैंपियनशिप की ही खोज हैं।

एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया देती हैं आने जाने का खर्च
इस चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए आने वाले खिलाड़ियों का खर्च एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया देती है। नेशनल इंटर डिस्ट्रिक्ट एथलेटिक्स चैंपियनशिप के कोर्डिनेटर सीएस राठी ने बताया कि सभी जिला एसोसिएशन जो पंजीकृत हैं और अपना अकाउंट नंबर देते हैं, उनके खाते में बच्चों का किराया भेज दिया जाता है।

आधे से ज्यादा जिला एथलेटिक्स संघ ने नहीं दिया है अकाउंट नंबर
अहमदाबाद 616 जिले के एथलीट भाग ले रहे हैं। सभी ने ऑनलाइन अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था। उस दौरान 616 जिलों में से सिर्फ 320 जिलों ने ही एकाउंट नंबर दिए हैं। वहीं बिहार के 39 जिलों में से सिर्फ 10 जिलों ने ही अकाउंट नंबर दिए हैं।

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