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  • Particular Issues Of Phalgun Month: Lord Shiva Appeared In The Type Of Linga, Shri Ram Noticed Vijaya Ekadashi Quick For Victory, Holi Made For Leisure

6 घंटे पहले

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हिंदू कैलेंडर का आखिरी महीना यानी फाल्गुन मास 25 फरवरी से शुरू हुआ है और 25 मार्च तक रहेगा। इन दिनों पतझड़ का वक्त होता है। शिशिर ऋतु खत्म होती है और हम वसंत की तरफ बढ़ते हैं। मौसमी बदलाव को ध्यान में रखते हुए शिवरात्रि और होली जैसे बड़े तीज-त्योहार भी इसी महीने में मनाए जाते हैं।

इस महीने शिवजी लिंग रुप में प्रकट हुए, इसलिए शिवरात्रि पर्व शुरू हुआ। श्रीराम ने रावण पर जीत के लिए फाल्गुन मास की एकादशी का व्रत किया था। इस महीने के आखिरी दिन बच्चों के मनोरंजन के लिए पर्व मनाया जाता है जिसे होलिका कहते हैं।

इस महीने से जुड़ी पांच रोचक बातें
1.
मान्यता है कि इस महीने की विजया एकादशी का महत्व भगवान राम से जुड़ा है। सीता हरण के बाद लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए जाते समय जब समुद्र बाधा बना। तब श्रीराम ने विजया एकादशी का व्रत कर सागर पार करने में सफलता पाई और युद्ध में विजयी हुए। इसलिए इस दिन भगवान वासुदेव की पूजा की जाती है।
2. फाल्गुन महीने के 14वीं तिथि की रात में भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे, इसलिए शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इस तिथि पर व्रत-उपवास के साथ ही पूरे दिन और रातभर शिवजी की महापूजा की जाती है।
3. फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन फूलेरा दूज मनाते हैं। ये मथुरा और वृंदावन का त्योहार है। इस दिन श्रीकृष्ण को फूलों की होली खेलाई जाती है और होली की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
4. इस महीने की आखिरी तिथि को मनाए जाने वाला होली उत्सव का अत्यंत धार्मिक, सामाजिक, आध्यात्मिक महत्व है। यह आनंद, प्रेम, सद्भावना का पर्व है। यह भावनाओं के स्तर पर एक दूसरे के रंग में रंग जाने का अवसर है।
5. लिंगपुराण में होलीका उत्सव को फल्गुनिका के नाम से जाना जाता है। जिसे बालकों की क्रीड़ाओं से पूर्ण और सुख समृद्धि देने वाला बताया गया है।
6. इसी प्रकार वराहपुराण में भी इस उत्सव को पटवास विलासीनी यानी चूर्णयुक्त खेल और लोक कल्याण करने वाली बताया गया है।

ऊर्जा और खुशियों का मौसम
फाल्गुन महीना हमेशा सकारात्मक सोच रखने की सीख देता है। चाहे परिस्थितियां कैसी भी हो। इस महीने के व्रत, त्योहारों में भी यही भाव छुपा होता है। इस महीने में आने वाले तीज-त्योहार सकारात्मक ऊर्जाओं और खुशियों से भरे होते हैं। इसमें होली बहुत खास होता है। जो फाल्गुन महीने का आखिरी दिन होता है।

फाल्गुन महीने और इसके पर्व, उत्सव का सामूहिक संदेश ये ही है कि जीवन में कर्मठता और सही दिशा को चुनें। हम आशा और आकांक्षा पैदा करें। हमारे अंदर आगे बढ़ने और ऊपर उठने की जो भावना है, उसे मरने न दें। क्योंकि जो कर्म करता है भगवान उसी का साथ देते हैं।

हिंदू कैलेंडर का आखिरी महीना उत्साह और खुशियां बढ़ाने वाला है। इन दिनों ऋतु बदलती है और वसंत शुरू होता है। वसंत में उत्साह रहता है। नई शुरुआत और सजृन का भाव बढ़ता है, इसलिए फागुन मास में मन खुश रहता है और अच्छे विचार आते हैं।

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