12 घंटे पहले
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अगर आपकी याददाश्त कमजोर हो रही है यानी आप चीजें भूलने लगे हैं तो इसका संबंध आपके खानपान से हो सकता है। भोजन में विटामिन की कमी से याददाश्त कमजोर हो सकती है।
याददाश्त का विटामिन से क्या संबंध है? भूलने की बीमारी को दूर भगाने के लिए कैसी डाइट लें, इसके बारे में बता रही हैं मदरहुड हॉस्पिटल, पुणे की कंसल्टेंट डाइटीशियन इंशारा महेदवी।
पौष्टिक आहार बेहद जरूरी
अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार बेहद जरूरी है। हेल्दी डाइट में मौजूद विटामिन और मिनरल शरीर को पोषण देते हैं और स्वस्थ बनाए रखते हैं। लेकिन भोजन में पोषक तत्वों की कमी होने पर कई हेल्थ प्रॉब्लम्स शुरू हो जाती हैं। भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी का असर याददाश्त पर भी पड़ता है।
शरीर में विटामिन की कमी न होने दें
शरीर में विटामिन की कमी होने पर थकान, कमजोरी, चक्कर आना, ऊर्जा में कमी और नजर कमजोर होना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। लंबे समय तक शरीर को यदि जरूरी विटामिन नहीं मिल पाते तो इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगता है।
विटामिन डी और बी12 की कमी का असर शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। विटामिन डी और बी12 की कमी होने पर एकाग्रता की कमी, याददाश्त कमजोर होना, तनाव, चिड़चिड़ापन बढ़ने लगता है।
विटामिन बी12 की कमी का असर
विटामिन बी12 लाल रक्त कोशिकाओं, डीएनए और न्यूरोट्रांसमीटर फंक्शन के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन बी12 की कमी के लक्षणों में हाथ-पैर सुन्न होना, चलने और संतुलन बनाने में कठिनाई, एनीमिया, थकान, कमजोरी, जीभ में सूजन, याददाश्त कमजोर होना जैसे नुकसान शामिल हैं।
ये लक्षण धीरे-धीरे या अचानक नजर आ सकते हैं। विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में मछली, चिकन, दूध, दही जैसे जैसे मिल्क प्रोडक्ट्स शामिल करें। आप चाहें तो डॉक्टर की सलाह पर विटामिन बी12 सप्लीमेंट या बी12 युक्त मल्टीविटामिन ले सकते हैं।
विटामिन डी कम हो तो क्या करें
विटामिन डी हड्डियों की सेहत बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस विटामिन की कमी से थकान, हड्डियों में दर्द, बालों का झड़ना, घाव का धीमी गति से भरना, मूड स्विंग, डिप्रेशन और याददाश्त कमजोर होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाए रखने, मांसपेशियों और तंत्रिका प्रणाली को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायक है।
लंबे समय तक विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर उंगलियां सुन्न होना या उंगलियों में झुनझुनी हो सकती है। हृदय की गति अनियमित हो सकती है।
विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए भोजन में मछली, अंडे, दूध और दूध से बनी चीजें, रागी, बाजरा, तिल, हरी पत्तेदार सब्जियां दालें आदि को शामिल करें। इसके साथ ही रोजाना कुछ समय धूप जरूर सेंकें।
फोलिक एसिड की कमी का असर
फोलेट, जिसे फोलिक एसिड भी कहा जाता है। प्रसव उम्र की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण विटामिन बी है। यह प्रेग्नेंसी के दौरान मां के स्वास्थ्य के साथ साथ शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी बेहद जरूरी है। फोलेट की कमी से अजन्मे बच्चों में कोशिका बनने में कमी, बड़ी लाल रक्त कोशिकाएं और न्यूरल ट्यूब में दोष हो सकते हैं। फोलेट की कमी के लक्षणों में थकान, चिड़चिड़ापन, दस्त, खराब शारीरिक और मानसिक विकास शामिल हैं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार फोलिक सप्लीमेंट लें।
आयरन की कमी हानिकारक
आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार हैं। जब आयरन का स्तर कम होता है, तो इससे लाल रक्त कोशिकाओं में कमी हो सकती है, जिससे एनीमिया नामक स्थिति पैदा हो सकती है।
हैवी पीरियड्स, गर्भवती महिलाएं और शाकाहारी भोजन करने वालों में आयरन की कमी का खतरा अधिक होता है। एनीमिया के परिणामस्वरूप कमजोरी, थकान, सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन तेज होना, पीली त्वचा, सिरदर्द, ठंडे हाथ-पैर, सूजन, नाखूनों का टूटना, याददाश्त कमजोर होना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
ये लक्षण शुरू में कम दिखाई देते हैं। लेकिन जैसे-जैसे शरीर में आयरन की बहुत कमी होने लगती है, ये साफ नजर आने लगते हैं। शरीर में आयरन के स्तर को बढ़ाने के लिए गेहूं से बने उत्पाद, रागी और बाजरा का सेवन कर सकते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ-साथ चना दाल और राजमा जैसी दालें भी आयरन के अच्छे स्रोत हैं।
मैग्नीशियम की कमी ऐसे दूर करें
मैग्नीशियम हड्डियों के स्वास्थ्य और शरीर में ऊर्जा बनाए रखने के लिए आवश्यक है। मैग्नीशियम की कमी से भूख न लगना, मतली, थकान, कमजोरी, मानसिक सुन्नता, शरीर में झुनझुनी, मांसपेशियों में ऐंठन, दौरे और अनियमित हार्ट रेट शामिल हैं।
मैग्नीशियम के स्तर को सामान्य करने के लिए, बादाम, काजू, मूंगफली, पालक, काली बीन्स, डार्क चॉकलेट, मछली और साबूत अनाज जैसे मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें।
बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और शाकाहारी भोजन करने वालों के शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने की आशंका ज्यादा रहती है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर मल्टीविटामिन ले सकते हैं।
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