2 घंटे पहले
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![अमेरिकी सांसद लिंडसे ग्राहम ने कहा है कि इजराइल को हर हाल में अपने अस्तित्व की रक्षा करनी होगी। - Dainik Bhaskar](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/14/lgpresser-photogallery_1715680859.jpg?resize=696%2C522&ssl=1)
अमेरिकी सांसद लिंडसे ग्राहम ने कहा है कि इजराइल को हर हाल में अपने अस्तित्व की रक्षा करनी होगी।
इजराइल-हमास युद्ध के बीच अमेरिकी सांसद लिंड्से ग्राहम ने कहा है कि इजराइल को हर वह कदम उठाना चाहिए जिससे वह जंग जीत सकता है। अमेरिकी मीडिया NBC न्यूज से बातचीत करते हुए ग्राहम ने कहा, “दूसरे विश्व युद्ध में जब पर्ल हार्बर हमले के बाद अमेरिका ने तबाही देखी, तब हमने जापान के हिरोशिमा-नागासाकी पर परमाणु बम गिराए और जंग खत्म कर दी।”
ग्राहम ने कहा, “इजराइल को भी यही करना चाहिए। अमेरिका यहूदी देश को युद्ध खत्म करने के लिए जरूरी बम दे। इजराइल किसी भी कीमत पर यह जंग हार नहीं सकता। जापान पर परमाणु हमला करना सही फैसला था। अब इजराइल को भी अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए ऐसे फैसले लेने होंगे।”
अमेरिकी सांसद ने इजराइल को 2 हजार पाउंड के बमों की खेप रोकने पर अमेरिकी सरकार की आलोचना भी की। सांसद ने कहा कि गाजा में हमास पर हमले के बीच फिलिस्तीनियों को नहीं बचाया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमास उन्हें ढाल बनाकर इस्तेमाल कर रहा है।
![तस्वीर 1945 में जापान पर परमाणु हमले के बाद मची तबाही की है। (क्रेडिट- फॉरेन पॉलिसी)](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/14/hiroshima-japan-nuclear-weapons-us-bomb-ap45080106_1715691270.jpg?resize=696%2C392&ssl=1)
तस्वीर 1945 में जापान पर परमाणु हमले के बाद मची तबाही की है। (क्रेडिट- फॉरेन पॉलिसी)
‘ईरान को नक्शे से मिटा दे अमेरिका’
यह पहली बार नहीं है जब रिपब्लिकन पार्टी के संसद लिंडसे ग्राहम ने ऐसा कोई विवादित बयान दिया हो। इससे पहले भी ग्राहम कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। दिसंबर 2023 में, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से कहा था कि वे ईरान को दुनिया के नक्शे से मिटा दें।
ग्राहम ने कहा था, ”मैं छह महीने से कह रहा हूं.ईरान को मारो। उनके पास खुले में तेल क्षेत्र हैं, उनके पास रिवॉल्यूशनरी गार्ड मुख्यालय है, जिसे आप अंतरिक्ष से देख सकते हैं। इसे मैप से हटा देना चाहिए।”
अमेरिका ने हथियारों की बड़ी खेप रोकी
दरअसल, कुछ दिनों पहले ही अमेरिका ने इजराइल को भेजी जाने वाली खतरनाक बमों की एक खेप को रोक दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका इजराइल के राफा में चल रहे ऑपरेशन के खिलाफ है। अगर इजराइल राफा में आम नागरिकों को निशाना बनाता है, तो अमेरिका हथियारों की खेप को रोक देगा।
टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन ने कहा था कि इजराइल को राफा में मिलिट्री ऑपरेशन और अमेरिकी हथियारों के बीच किसी एक को चुनना होगा। हालांकि अमेरिका के विरोध के बावजूद राफा में इजराइल का मिलिट्री ऑपरेशन जारी है।
![अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अगर इजराइल राफा पर हमला करेगा, तो अमेरिका हथियारों की खेप को रोकेगा।](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/14/joe-biden16981197891715231963_1715680366.jpg?resize=696%2C392&ssl=1)
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अगर इजराइल राफा पर हमला करेगा, तो अमेरिका हथियारों की खेप को रोकेगा।
जंग में 35 हजार फिलिस्तीनियों की मौत, राफा पर हमले कर रहा इजराइल
इजराइल-हमास जंग के बीच पिछले 7 महीने से जंग जारी है। इसमें अब तक 35 हजार फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, इनमें करीब 15 हजार बच्चे शामिल हैं। वहीं गाजा के करीब 80% लोग बेघर हो गए। यह जंग अब मिस्र बॉर्डर के करीब गाजा के राफा शहर पहुंच गई है।
दरअसल, जंग की शुरुआत में इजराइल की कार्रवाई से बचते हुए लोगों ने उत्तरी गाजा छोड़कर राफा में शरण ली थी। अलजजीरा के मुताबिक इस इलाके में 10 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। अब जंग के आखिरी पड़ाव के तहत इजराइल राफा में हमले कर रही है।
इजराइल का तर्क है कि उन्होंने अब तक हमास की 24 बटालियन को खत्म कर दिया है। लेकिन अब भी 4 बटालियन राफा में छिपी हुई हैं। इनके खात्मे के लिए राफा में ऑपरेशन चलाना जरूरी है।
दूसरी तरफ, अमेरिका समेत दुनियाभर के कई देश राफा पर हमले का विरोध कर रहे हैं। इजराइली बमबारी के खिलाफ अप्रैल में अमेरिकी और कई यूरोपीय देशों की यूनिवर्सिटीज में प्रदर्शन भी हुए। इस दौरान छात्रों ने अलग फिलिस्तीनी देश बनाए जाने की भी मांग की।
UN में फिलिस्तीन की सदस्यता पर अमेरिका का वीटो
करीब 1 महीने पहले UNSC में फिलिस्तीन को UN की पूर्ण सदस्यता देने का प्रस्ताव रखा गया था। 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीन के पक्ष में 12 वोट पड़े, जबकि ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड वोटिंग से दूर रहे। लेकिन अमेरिका के वीटो की वजह से फिलिस्तीन को अलग देश का दर्जा नहीं मिल सका।
इसके बाद 10 मई को UN महासभा में यह प्रस्ताव पेश किया गया। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यीय देशों में से 143 ने फिलिस्तीन के पक्ष में, जबकि 9 ने इसके विरोध में वोटिंग की। विरोध करने वाले देशों में अमेरिका और इजराइल शामिल थे। इसके बाद फिलिस्तीन संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के लिए क्वालिफाई कर गया। भारत ने भी इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया।