नई दिल्ली15 घंटे पहलेलेखक: संजय सिन्हा

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मां के गर्भ में पलने से लेकर बड़े होने तक जिसने चुनौतियां ही झेलीं हो, वह भला चुनौतियों से क्या डरेगी। जिंदा रहने, सांस लेने की जंग लड़ी।

बच्ची बनी, बिस्तर पर पैर पटकती, दो बार वॉकर से चलना सीखा। अपनों ने मुझे मारने के लिए स्लो पॉइजन दिया। जहर मेरे लिए अमृत बना। खुद को बचाते-बचाते दूसरों को बचाने लग गई।

कृति भारती की कहानी उन्हीं की जुबानी आज दैनिक भास्कर के ‘ये मैं हूं’ में सुनिए…

पिता ने मां को छोड़ा, घर में सब नफरत करते

जब मां प्रेग्नेंट थी, तब पिता ने साथ छोड़ दिया। मैं गर्भ में थी, उनका ही अंश थी, लेकिन पिता ने मुड़कर भी नहीं देखा। जब पति ही छोड़कर चला जाए तो पेट में पल रहे बच्चे का क्या काम। इसलिए मुझे मां के गर्भ में मारने का षडयंत्र रचा गया।

अबॉर्शन कराने की कोशिश हुई, लेकिन समय निकल चुका था और अबॉर्शन नहीं हुआ। मैं मां के गर्भ में चिपकी रही, न जानें कैसे बच गई और 7 माह में ही पैदा हो गई।

धरती पर आई तो किसी ने हुलस कर स्वागत नहीं किया। बाप के नाम से जोड़कर गंदी गालियां सुनी। दुलार, पुचकार की जगह दुत्कार और नफरत झेली।

दूसरे बच्चों को हंसी-ठिठोली करते देखती तो लगता कि सारे जहां के दुख मेरे हिस्से में ही आ गए।

दूसरे बच्चों को पापा-पापा कहते देखती, उनके मुंह तक नहीं थकते, मैं किससे क्या कहती? वो पिता जो मेरी दुनिया से ही निकल गया, उसे कहां और कैसे पुकारती।

मैं पिता से जिंदगी में 2-3 मौकों पर मिली। लेकिन वो पिता नहीं कोई पराया आम आदमी सा लगा।

जब 10 साल की हुई तो मुझे जहर देकर मारने की कोशिश की गई पर मैं एक बार फिर बच गई और मैं बिस्तर से लग गई। न उठ पाती न बैठ पाती। शरीर कमजोर हो गया।

श्री ब्रह्मानंद परमहंस ने रैकी थेरेपी से कृति का इलाज किया।

श्री ब्रह्मानंद परमहंस ने रैकी थेरेपी से कृति का इलाज किया।

रैकी थेरेपी से ठीक हुई

मां ने देश के सभी बड़े अस्पतालों में दिखाया, लेकिन बीमारी का पता नहीं चला। मां के पास पैसे नहीं थे, जबकि महंगे-महंगे टेस्ट होते। उन्होंने किस तरह पैसे का इंतजाम किया होगा, मुझे नहीं पता। लेकिन इलाज का कोई फायदा नहीं हुआ।

मां ज्योतिषियों से मिलती। वो बताते कि जब समय ठीक होगा तो लड़की भी स्वस्थ हो जाएगी। तब मां की दोस्त ने रैकी थेरेपी के बारे में बताया। भीलवाड़ा में श्री ब्रह्मानंद परमहंस का आश्रम है जहां रैकी थेरेपी कराई जाती है।

मेरा रैकी पद्धति से इलाज शुरू हुआ। इसमें मुख्य रूप से स्पर्श चिकित्सा होती है। माना जाता है कि हमारे शरीर से तरंगें निकलती हैं।

उन्हें स्पर्श के माध्यम से दूसरे के शरीर में पहुंचाया जाता है। यह एक तरह की पॉजिटिव ऊर्जा या एनर्जी जाे समस्या का जड़ से निदान करती है। रैकी को जापानी विद्या कहते हैं।

पहले मेरी 5- 6 घंटे की रैकी होती। 84 घंटे की मैराथन रैकी भी हुई है।

मुझे 70-80 लोग स्पर्श चिकित्सा देते। इसमें गुरुदेव का सबसे बड़ा योगदान रहा। मैं पूरी तरह स्वस्थ हो गई। ठीक होने के बाद 12 साल की उम्र में मैं गुरुदेव के साथ देश के अलग-अलग शहरों में रैकी थेरेपी से लोगों का इलाज करने लगी।

आस-पड़ोस वाले मां को बोलते-कहीं बेटी संन्यास न ले ले

गुरुदेव ने मुझे नया जीवन दिया। मैं महिलाओं को रैकी देती थी। आश्रम में ज्यादा समय बीतता। तब पड़ोस के लोगों ने मां को कहना शुरू किया कि कहीं तुम्हारी बेटी कहीं संन्यास न ले ले।

फिर तो तुम्हें भी छोड़ देगी। मां ने कहा कि जब तुम 18 साल की हो जाओ तब अपने निर्णय लेना, अभी वापस पढ़ाई शुरू करो।

चौथी क्लास के बाद मेरी पढ़ाई छूट गई थी। अब मुझे सीधे 10वीं की तैयारी करनी थी। ओपन बोर्ड से फार्म भरवाया गया। 16-18 घंटे पढ़ाई करती।

बहुत मुश्किल से 10वीं की परीक्षा पास की। आज मेरे पास 7 डिग्रियां हैं।

मैंने साइकोलॉजी से पढ़ाई की। फिर लॉ की पढ़ाई पूरी की। फैशन डिजाइनिंग, मास कम्यूनिकेश, इंटीरियर डिजाइनिंग, इवेंट मैनेजमेंट की पढ़ाई की।

मनोविज्ञान में ही पीएचडी पूरी की। इस बीच कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं से भी जुड़ी। पीड़ित महिलाओं की काउंसिलिंग करती। 9 साल की रेप पीड़ता की काउंसिलिंग की।

एचआईवी, सेक्शुअल ऑफेंस, गुमशुदा बच्चों, चाइल्ड हेल्प लाइन के लिए काम किया। लेकिन मैंने महसूस किया कि मैं जमीनी स्तर पर काम नहीं कर पा रही। तब 2011-12 में सारथी ट्रस्ट बनाया। यहां से मेरे करियर में नया मोड़ आया।

सम्मान ग्रहण करती कृति।

सम्मान ग्रहण करती कृति।

2012 में देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाया

एक बार एक बच्ची के भाई ने संपर्क किया कि उसकी बहन का बाल विवाह हुआ है। अब गवना का दबाव दिया जा रहा है, मदद करिए।

तब कई लोगों ने कहा कि तलाक दिलवा दीजिए। पर मैंने कहा कि लीगल रूप से यह शादी मान्य ही नहीं है। दूसरी ओर तलाक का एक सोशल स्टिग्मा होता है। इसलिए यह बाल विवाह कैंसिल होना चाहिए।

यह पहली बार विचार आया कि बाल विवाह को रद्द करवाया जा सकता है। इस तरह 2012 में देश का पहला बाल विवाह रद्द करवाया।

मुझे लोग कहते थे कि इस काम में फालतू समय बर्बाद कर रही हो। पर मैंने जो किया वो मेरा सबसे बड़ा फैसला रहा।

लिमका बुक, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में यह दर्ज हुआ। सीबीएसई ने मेरी मुहिम को चैप्टर में शामिल किया।

2000 बाल विवाह रुकवाए, राजस्थान में 50 बाल विवाह रद्द करवाए

मैंने बाल विवाह की ‘वैक्सीन’ खोज ली थी। इसलिए बाल विवाह को रद्द करवाने की मुहिम छेड़ दी। बाल विवाह के लिए सबसे अधिक बदनाम राजस्थान में 50 जोड़ों के बाल विवाह रद्द करवाए।

2000 से अधिक बाल विवाह रुकवाए। 40,000 से अधिक लोगों को बाल विवाह न करने की शपथ दिलाई और 21,000 शोषित महिलाओं और बच्चों का पुनर्वास कराया।

रेप करने की धमकी मिली, जमीन में गाड़ने की साजिश

बाल विवाह एक रुढ़िगत प्रथा है। जब कोई इस पर प्रहार करता है तो पूरा समाज विरोध में खड़ा हो जाता है। वो नहीं चाहते कि इसमें बदलाव हो।

राजस्थान में मौसर, आटा साटा प्रथा, अक्षय तृतीया जैसे अवसरों पर बाल विवाह का चलन रहा है।

जब मैं बाल विवाह रुकवाने जाती तो मुझे किडनैप करने, रेप करने की धमकियां मिलतीं।

एक बार मुझे जमीन में गाड़ने की साजिश रची गई। जोधपुर इलाके से ही किसी बच्ची ने फोन कर बचाने की उसे गुहार लगाई। मैं जब वहां पहुंची तो पता चला कि उन्होंने जानबूझकर यहां बुलाया है। तब ईश्वर की कृपा से मैं बच गई।

कई बार रात के 12-1 बजे भी बच्चियों के रेस्क्यू करने के लिए गई। तब लोग लाठियां लेकर हर गाड़ी को चेक करते। जब बाल विवाह निरस्त करवाती तो धमकी और हमला बढ़ जाता। इसके बावजूद कभी घबराई नहीं।

मुझे ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर मिले या नहीं मिले, धमकियां जरूर मिलती हैं। जब कभी धमकियां नहीं मिलतीं तो लगता है कि क्यों नहीं मिलीं।

कृति ने हजारों बच्चों को बाल विवाह से बचाया है।

कृति ने हजारों बच्चों को बाल विवाह से बचाया है।

अफसर नहीं बनी, लेकिन आईएएस को ट्रेनिंग देती हूं

मां की इच्छा थी कि बेटी आईएएस की तैयारी करे। लेकिन मेरा इस ओर रुझान नहीं था।

आज मसूरी के लबासना सेंटर में मैं चुने गए आईएएस अफसर को ट्रेनिंग देने जाती हूं। रीपा, नीपा जैसे कई इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग देती रही हूं।

राजस्थान पुलिस, दमन एवं दीव और सीलवासा पुलिस, दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ, सशस्त्र सीमा बल जैसे महकमों को भी नियमित रूप से ट्रेनिंग देती हूं।

‘असली शेरनी’ का खिताब

बाल विवाह रद्द कराने के लिए मुझे जेनेवा स्विटजरलैंड में ह्यूमन राइट्स अवॉर्ड दिया गया। अंतरराष्ट्रीय संगठन गर्ल्स नॉट ब्राइड की ओर ‘चेंज मेकर’ सम्मान दिया गया। लंदन और कोलंबो में भी सम्मान मिला। अंतरराष्ट्रीय टेफ्ड मैग्जीन की टॉप रैंकिंग में मुझे रखा गया।

एक बड़े क्लॉथ ब्रांड ने ‘आई शेप माय वर्ल्ड’ कैंपेन में मेरी मुहिम को लेकर विशेष फीचर वीडियो लॉन्च किया। अमेरिका की चॉकलेट कंपनी हर्शी (hershey) ने अपने चॉकलेट के कवर पर मेरी तस्वीर लगाई।

इसी तरह दिल्ली बाल आयोग की ओर से चिल्ड्रन चैंपियन अवॉर्ड दिया गया। इंदिरा शक्ति पुरस्कार, वुमन ऑफ द फ्यूचर अवॉर्ड, गरिमा बालिका संरक्षण अवॉर्ड भी मिल चुके हैं।

जब विद्या बालन अभिनीत शेरनी मूवी आई तो लॉन्चिंग के समय मुझे ‘असली शेरनी’ का टाइटल दिया गया। चर्चित शो ‘बालिका वधु’ के दौरान भी मेरी मुहिम को टेलिकास्ट किया गया।

प्रियंका चोपड़ा, काजोल, विवेक ओबेरॉय जैसे बड़े फिल्मी सितारों ने भी मुझे सम्मानित किया।

मां से विरोध करना सीखा, गुरु ने सेवाभाव सिखाया

मेरी मां ने मुझे सिखाया कि गलत काम का विरोध करना है। गुरु ने सिखाया कि दूसरों के लिए कैसे जीना है। गुरु ने सिखाया कि कैसे खुद को किनारे कर दूसरों के लिए जीवन समर्पित कर सकता हूं।

जब उदास होती हूं तो डांस करती हूं

मैं एक अच्छी डांसर भी हूं। नाचने का उद्देश्य खुद को खुशियों से भरना है। जब भी उदास होती हूं, तनाव होता है तब डांस करती हूं। मेरे लिए डांस और म्यूजिक का मतलब है आत्मा से जुड़ाव। जब मैं डिप्रेशन में रही तब डांस ने मुझे उस तनाव से छुटकारा पाने में मदद की।

मुझे दो मौकों पर लोग याद करते हैं, एक- बच्चों की शादी रुकाने और बड़ों की शादी में नचाने के लिए।

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