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पुंछ हमले के बाद रविवार (5 मई) को सेना और पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। जवानों ने हर आने-जाने वाले वाहन की चैकिंग की। - Dainik Bhaskar

पुंछ हमले के बाद रविवार (5 मई) को सेना और पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। जवानों ने हर आने-जाने वाले वाहन की चैकिंग की।

जम्मू कश्मीर के पुंछ में शनिवार शाम (4 मई) को एयरफोर्स के काफिले पर हमला हुआ था। इसमें 1 अफसर शहीद और 4 जवान घायल हुए थे। इस हमले को जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद्य ने लोकसभा चुनाव से पहले लोगों में डर फैलाने की साजिश बताया है। ​​​​​​

उन्होंने कहा-​ राजौरी-पुंछ जिलों में आतंकियों की सक्रियता चिंता बढ़ाने वाली बात है। बीते एक साल में इन्हीं दो जिलों के 120 किमी के दायरे में 7 आतंकी हमले हुए हैं। इनमें से 3 हमले जवानों के काफिले पर हुए हैं। इन हमलों में सुरक्षा चूक की बात से इनकार नहीं कर सकते हैं। सेना के मूवमेंट की ड्रोन से निगरानी होनी चाहिए।

दोनों जिलों से बॉर्डर करीब 30 किमी दूर है। यह पूरा इलाका ऊंचे पहाड़, घने जंगलों वाला है। कश्मीर की सीमा पर बिजली की बाड़ लगने के बाद आतंकी जम्मू रीजन में शिफ्ट हुए हैं। 2022 तक राजौरी-पुंछ दोनों में शांति थी, लेकिन अब आतंकी यहीं सबसे ज्यादा सक्रिय हैं।

एसपी वैद्य ​​​​​​ने कहा- ​राजौरी 2630 तो पुंछ 1674 वर्ग किमी का क्षेत्र है। यहां सेना की अच्छी पहुंच भी है, बॉर्डर पर निगरानी की कई तकनीकें हैं, बावजूद इसके इन्हीं इलाकों से बार-बार घुसपैठ हो रही है। 2023 में यहां 25 आतंकी मारे गए, जबकि इनसे लड़ते हमारे 20 जवान शहीद हो गए।

4 मई को पुंछ में हुए हमले में 4 आतंकियों ने सुरक्षाबलों के इसी वाहन पर गोलियां चलाई थीं।

4 मई को पुंछ में हुए हमले में 4 आतंकियों ने सुरक्षाबलों के इसी वाहन पर गोलियां चलाई थीं।

सेना के मूवमेंट की ड्रोन से निगरानी होती तो हमले रोके जा सकते थे
पूर्व DGP एसपी वैद्य ने कहा- जवानों के काफिले पर एक साल में तीन हमले हुए हैं। यदि पहले हमले के बाद ही हम पूरे रास्ते काफिले की निगरानी के लिए ड्रोन या हेलिकॉप्टर का उपयोग करते तो दूसरा-तीसरा हमला रोका भी जा सकता था। हमें काफिले की सुरक्षा और इन दो जिलों में आतंकियों से निपटने की रणनीति फिर बनाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा- अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर 25 मई को मतदान है। 370 हटने के बाद राज्य में यह पहला बड़ा चुनाव है। इसलिए इन इलाकों में आतंकवाद को ऑपरेट कर रहे 25 से 30 आतंकियों का खात्मा जरूरी हो गया है, क्योंकि ये हमला करने के बाद पाकिस्तान लौट जाते हैं। यह स्थिति सुरक्षाबलों के लिए सबसे गंभीर बनी हुई है।

नाटो सेना के हथियार पाकिस्तान के रास्ते अब कश्मीर आ रहे
सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सुरनकोट हमले में शामिल आतंकी प्रशिक्षित थे। उनके पास अमेरिकी हथियार थे। 2021 में जब नाटो सेना अफगानिस्तान से लौटी थीं, तब वे हथियारों का एक बड़ा जखीरा तालिबान को सौंप आई थीं। अब यही हथियार जम्मू-कश्मीर भेजे जा रहे हैं।

पुंछ में एयरफोर्स के काफिले पर 4 आतंकियों ने स्टील गोलियां चलाई थीं​​, 1 अफसर शहीद

पुंछ के सुरनकोट में शनिवार शाम 6 बजकर 15 मिनट पर एयरफोर्स के जवानों पर हमला हुआ था। 4 आतंकियों ने सनाई टॉप जा रही सुरक्षाबलों की दो गाड़ियों पर फायरिंग की। इसमें से एक वाहन एयरफोर्स का था।

हमले में पांच जवान घायल हुए थे, जिन्हें एयरलिफ्ट कर उधमपुर के अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान कॉर्पोरल विक्की पहाड़े की मौत हो गई। बाकी 4 घायलों में एक की हालत गंभीर है। हमले के बाद सभी आतंकी जंगल की ओर भाग गए थे। उन्हें ढूंढने के लिए 2 दिन बाद भी सर्च ऑपरेशन जारी रहा। पूरी खबर पढ़ें…

इंटेलिजेंस के मुताबिक, 250-300 आतंकी भारत में घुसपैठ को तैयार
16 दिसंबर 2023 को BSF के एक सीनियर अफसर ने इंटेलिजेंस के हवाले से जानकारी दी थी कि पाकिस्तान सीमा में 250 से 300 आतंकी लॉन्चपैड पर हैं। ये जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में हैं। अफसर ने बताया कि सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है। सीमा पार से किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी जाएगी।

बीएसएफ के आईजी अशोक यादव ने पुलवामा में बताया कि आतंकी गतिविधियों को देखते हुए हम (बीएसएफ) और सेना संवेदनशील इलाकों पर नजर रखे हुए हैं और सतर्क हैं। पिछले कुछ सालों में सुरक्षाबलों और कश्मीर के लोगों के बीच जुड़ाव बढ़ा है। अगर लोग हमारा सहयोग करें तो हम विकास के कामों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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