51 मिनट पहले

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को UAE के अबु धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। उन्होंने यहां पूजन किया। इस मौके पर अक्षय कुमार, विवेक ओबेरॉय और तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम दिलीप जोशी भी मंदिर दर्शन करने पहुंचे। इस बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर (BAPS) पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

UAE में इस मंदिर के बनने का कारण है कि यहां 35 लाख से भी ज्यादा भारतीय रहते हैं। इसमें से 20% प्रवासी अबु धाबी में रहते हैं।

UAE में इस मंदिर के बनने का कारण है कि यहां 35 लाख से भी ज्यादा भारतीय रहते हैं। इसमें से 20% प्रवासी अबु धाबी में रहते हैं।

अक्षय कुमार ने सोशल मीडिया पर मंदिर की तस्वीर साझा की
अक्षय कुमार ने फोटो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा- अबु धाबी में (BAPS) स्वामीनारायण मंदिर के उद्घाटन का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला। क्या ऐतिहासिक क्षण है! इंटरनेट पर एक वीडियो क्लिप भी वायरल होती नजर आ रही है। क्लिप में अक्षय कुमार सिक्योरिटी से घिरे मंदिर की ओर जाते दिखाई दे रहे हैं। इस उद्घाटन समारोह की एक फोटो भी सामने आई है, जिसमें विवेक ओबेरॉय भी नजर आ रहे हैं।

अक्षय कुमार और विवेक ओबेरॉय की ये तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है।

अक्षय कुमार और विवेक ओबेरॉय की ये तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है।

अक्षय कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ये तस्वीर शेयर की।

अक्षय कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ये तस्वीर शेयर की।

दिलीप जोशी उर्फ जेठालाल भी दर्शन करने पहुंचे
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो के जेठालाल भी इस मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा- मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि यहां इतना सुंदर और भव्य मंदिर बन गया है। 2018 में जब स्टोन फाउंडेशन सेरेमनी हुई थी, तब भी मैं यहां आया था। आज भगवान की कृपा से एक बार फिर आने का मौका मिला है। इतना खूबसूरत मंदिर भगवान के चमत्कार जैसा है। साफ दिखाई देता है कि जो यहां के राजा हैं, उनका दिल कितना बड़ा है। उन्होंने मंदिर के लिए जमीन दी। ये विश्वभर के लिए एकता की मिसाल है।

दिलीप जोशी ने इस मंदिर को भगवान का चमत्कार कहा।

दिलीप जोशी ने इस मंदिर को भगवान का चमत्कार कहा।

कितना भव्य है ये मंदिर
बता दें, अबु धाबी का यह मंदिर 27 एकड़ में फैला है और इसे बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी BAPS ने बनाया है। निर्माण पर 700 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। मंदिर अपनी भव्यता से दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रहा है। इस मंदिर के हर कोने में भारत की झलक देखने को मिलती है। यहां वाराणसी के घाटों का भी नजारा दिखता है।

मंदिर में 10 अलग-अलग जगह और लेवल पर 300 सेंसर्स लगाए गए हैं। ये मंदिर रियल टाइम डाटा देंगे कि मंदिर में उस समय कितना दबाव, तापमान है। ये सेंसर्स भूकंप और जमीन में होने वाली हलचल की जानकारी भी देंगे।

मंदिर में 10 अलग-अलग जगह और लेवल पर 300 सेंसर्स लगाए गए हैं। ये मंदिर रियल टाइम डाटा देंगे कि मंदिर में उस समय कितना दबाव, तापमान है। ये सेंसर्स भूकंप और जमीन में होने वाली हलचल की जानकारी भी देंगे।

इस मंदिर में खास क्या है
मंदिर में 7 गर्भगृह की मूर्तियां भारत की अलग-अलग जगहों से आई हैं। हर देवी-देवता के मंदिर के बाहर उनसे संबंधित लीलाएं पत्थरों पर मूर्तियों से उकेरी गई हैं। जैसे राम मंदिर में- रामायण। कृष्ण मंदिर में- भागवतम्। भारतीय परंपरा के जानवर- गाय, हाथी, मोर के साथ अरब देश के ऊंट, रेगिस्तानी बकरी, बाज, फलों में अनानास और खजूर को भी दीवारों पर जगह दी गई है।

ये मंदिर 108 फीट का है। इसमें 40,000 क्यूबिक फीट संगमरमर, 1,80,000 क्यूबिक फीट बलुआ पत्थर, 18,00,000 ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा मंदिर में 300 सेंसर भी लगाए गए हैं।

इस मंदिर के हर पत्थर की नक्काशी राजस्थान की वर्कशॉप में की गई है। फिर उन पत्थरों को गुजरात के बंदरगाह से पानी के जहाज से अबु धाबी लाया गया है। इसमें भारत का रेडसैंड स्टोन लगाया गया है, जो 50 डिग्री तापमान में भी गर्म नहीं होता है।

इस मंदिर के हर पत्थर की नक्काशी राजस्थान की वर्कशॉप में की गई है। फिर उन पत्थरों को गुजरात के बंदरगाह से पानी के जहाज से अबु धाबी लाया गया है। इसमें भारत का रेडसैंड स्टोन लगाया गया है, जो 50 डिग्री तापमान में भी गर्म नहीं होता है।

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