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2 घंटे पहले

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सर्दियों के अलावा भी हथेली और तलुओं में जलन हो रही है तो ये नॉर्मल नहीं है। लापरवाही करने के बजाय तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। विटामिन बी 12 की कमी और किडनी रोगों में भी हो सकती है पैरों में जलन। मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मंजूषा अग्रवाल बता रही हैं हथेली और तलुओं में जलन की की वजहें और उपाय।

हथेली और तलुए में जलन किन रोगों का संकेत

शरीर रोग के आने से पहले उसके संकेत जरूर देता है। शरीर के इशारे समझकर कई रोगों से बचा जा रहता है। यहां पर हम बता रहे हैं कि हथेली और तलुए में जलन हो तो क्या करें। हथेली और तलवा में जलन को हल्के में न लें। ये विटामिन बी12 की कमी, डायबिटीज, थायराइड और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के संकेत हो सकते हैं।

ब्लड टेस्ट कराएं

हथेली और तलुए में लगातार जलन हो तो इसे हल्के में न लें। बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं। ऐसा विटामिन बी12 की कमी के कारण हो सकता है। ऐसे में विटामिन बी12 के सप्लिमेंट्स ले सकते हैं। साथ ही डाइट में दूध और दूध से बनी चीजें, बादाम, सेब, केला, स्प्राउट्स, टमाटर, अंडा, मछली आदि शामिल करें।

डायबिटीज भी है एक वजह

लंबे समय से डायबिटीज है और खानपान व दवाई लेने में लापरवाही करते हैं तो डायबिटीज पूरे शरीर में नर्व डैमेज का कारण साबित हो सकती है। शुगर लेवल बढ़ने से नर्वस प्रभावित होती हैं, जिसके कारण पैरों में जलन और शरीर में खुजली बढ़ जाती है। डायबिटीज के रोगियों को डाइट में परहेज, रेगुलर एक्सरसाइज और समय पर दवाई लेना कभी नहीं भूलना चाहिए।

अगर थायराइड का बैलेंस बिगड़ जाए

थायराइड बढ़ने पर हथेली और तलुवों में जलन हो सकती है। यदि अचानक हथेली और तलुवों में जलन होने लगे तो अपनी जांच कराएं। थायराइड का बैलेंस बिगड़ गया है तो सबसे पहले अपना इलाज कराएं।

किडनी में गड़बड़ी

अगर किडनी में कोई समस्या और वह अपना काम ठीक से नहीं कर रही तो ब्लड में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे हथेलियों और तलुवों में जलन महसूस होने लगती है। ऐसे में तुरंत जांच और सही इलाज कराना बेहद जरूरी है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक गंभीर समस्या है। इसमें गर्दन के पीछे रीढ़ में तकलीफ होने लगती है। साथ ही हथेली और तलुवों में जलन होने लगती है। इसे हल्के में न लें। तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और इलाज शुरू कर दें।

डर और घबराहट

हथेली और तलुवों में जलन होना शारीरिक कारणों के अलावा इसकी मानसिक वजहें भी हो सकती हैं। जब कभी व्यक्ति बहुत ज्यादा डर या घबराहट महसूस करता है तो उसकी हथेलियों और तलुवों में जलन होने लगती है।

इंफेक्शन से जलन

एथलीट फुट के कारण पैरों में जॉक इच, रिंगवॉर्म जैसे फंगल इंफेक्शन हो सकते हैं। इस वजह से हथेलियों और तलुवों में जलन होने लगती है। इस स्थिति में तुरंत इलाज कराना चाहिए।

अल्कोहल की लत

बहुत ज्यादा और रेगुलर शराब पीने वाले लोगों में नर्व डैमेज का खतरा बना रहता है। इस वजह से इनमें पैरों में दर्द और जलन की समस्या बढ़ने लगती है। शराब पीने से अन्य शारीरक समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं। इनसे बचने के लिए शराब से दूरी बनाएं।

सर्दियों में बढ़ती है समस्या

ठंड बढ़ते ही शरीर में भी कई तरह के बदलाव आने लगते हैं। त्वचा रूखी हो जाती है, जिससे त्वचा में जलन और खुजली होने लगती है। सर्दियों में पैरों में जलन भी महसूस होने लगती है। इससे बचने के लिए गर्म कपड़े पहनना और ठंडी हवाओं से बचकर रहना जरूरी है।

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डायबिटीज में पैरों की सुरक्षा जरूरी, गैंगरीन होने पर अंग काटने तक की नौबत आ सकती है, जानें इससे बचने के आसान उपाय

एक्सीडेंट या चोट लगने पर डायबिटीज के रोगियों का घाव जल्दी ठीक नहीं होता, जिसके चलते गैंगरीन की समस्या हो सकती है। गैंगरीन ऐसी बीमारी है जो शरीर के किसी भी अंग में तब होती है जब उस अंग में ब्लड सर्कुलेशन पूरी तरह से खत्म हो जाता है। ब्लड न पहुंचने पर वह अंग के तरह से खत्म होने लगता है। डायबिटीज के रोगियों के पैरों में गैंगरीन की तकलीफ ज्यादा देखने को मिलती है। डायबिटीज बढ़ने पर गैंगरीन की समस्या हो सकती है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मुलेठी खाने का सही तरीका, सर्दी-जुकाम से बचाए, गला साफ करे, दर्द-सूजन से राहत दे, इम्यूनिटी बढ़ाए, लेकिन ज्यादा खाने से होगा नुकसान

सर्दियों में सर्दी-जुकाम, गले में खरास जैसी समस्याएं होना आम बात है। सर्द मौसम से शरीर को बचाए रखने के लिए गर्म कपड़े, हेल्दी डाइट और सर्दी से बचाने वाली जड़ी-बूटियों बहुत काम आती हैं।

औषधीय गुणों से भरपूर मुलेठी सर्दियों में कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाती है। सर्दियों में मुलेठी का कब और कितना इस्तेमाल करें, इसके बारे में बता रही हैं डायटीशियन कामिनी सिन्हा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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