नई दिल्ली/तेल अवीव/दुबई11 मिनट पहले

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इजराइल पर ईरान कभी भी हमला कर सकता है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की इस चेतावनी के बाद मध्य पूर्व, एशिया समेत दुनिया में तनाव बढ़ गया है। इसके चलते अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान को चेतावनी दी। कहा- हमला न करें। हम इजराइल की रक्षा करेंगे। इजराइल ने भी कहा है कि अगर हमला हुआ, तो ईरान को परिणाम भुगतने होंगे। स्कूल भी अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं।

अगर हमला हुआ और यह संघर्ष लंबा खिंचता है या दूसरे देशों में फैलता है, तो भारत पर गहरा असर हो सकता है। इसकी वजह है भारत के दोनों ही देशों से कारोबारी संबंध। दोनों देशों से भारत का बीते साल करीब 1.1 लाख करोड़ का कारोबार हुआ था। इनमें से ईरान के साथ 20,800 करोड़ का कारोबार शामिल है।

चाय, कॉफी और चीनी भेजी जीती है ईरान
भारत चाय, कॉफी और चीनी ईरान भेजता है। इन्हें मिलाकर पिछले साल ईरान को करीब 15,300 करोड़ रुपए का निर्यात किया। वहीं ईरान से हमने पेट्रोलियम कोक, नट्स और एसाइक्लिक एल्कोहल समेत अन्य चीजों का 5500 करोड़ रुपए का सामान आयात किया।

ईरान के चाबहार पोर्ट और इससे लगे चाबहार स्पेशल इंडस्ट्रियल जोन में भी भारत साझेदार है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2023 में इजराइल के साथ भारत ने करीब 89 हजार करोड़ रुपए का कारोबार किया था। इसमें से करीब 70 हजार करोड़ का निर्यात शामिल है।

इसके अलावा दोनों देशों में भारतीय बड़ी संख्या में रहते हैं। ईरान में लगभग 4000 भारतीय रहते हैं। वहीं, इजराइल में 18500 प्रवासी भारतीय रहते हैं। संघर्ष की स्थिति में इन्हें निकालने की तैयारी की जा रही है।

ईरान: 100 से अधिक ड्रोन, मिसाइलें तैयार कर चुका
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन और दर्जनों मिसाइलों को इजराइल के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए तैयार किया है। ईरान में क्रूज मिसाइलों और ड्रोन से जुड़ी भारी मूवमेंट ट्रैक की गई है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के सर्वोच्च नेता ने अब तक इजराइल पर हमले की मंजूरी नहीं दी है। हालांकि ईरान होर्मुज पास को बाधित कर सकता है। ऐसा होने पर तो दुनिया में तेल की सप्लाई बाधित होगी। इस रूट से दुनिया का 20% तेल का परिवहन किया जाता है।

इजराइल तैयार: लोग राशन जमा कर रहे, बंकर सुधरवा रहे
हमले की आशंका में कच्चा तेल 1% चढ़ गया। प्रति बैरल दाम 85 से बढ़कर 90 डॉलर के पार हुए। नीदरलैंड ने तेहरान में अपना दूतावास बंद कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ से लंदन जाने वाली फ्लाइट्स का रूट बदला।

ईरान के हमले से निपटने के लिए इजराइल भी तैयारी कर रहा है। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू वॉर कैबिनेट कर चुके हैं। आम नागरिकों ने भी राशन जुटाना शुरू कर दिया है।

यरूशलम, तेल अवीव समेत अन्य शहरों में लोग शॉपिंग सेंटर से खाने की चीजें और अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए लाइन में लगे दिखे। इसके साथ ही हमलों से बचने के लिए लोगों अपने भूमिगत कमरों की मरम्मत का काम तेजी से करवा रहे हैं।

अमेरिका: दो युद्धपोत-सेना रवाना की, जनरल भी भेजा
अमेरिका ने इजराइली क्षेत्र में अपने दो जंगी जहाजों को पूर्वी भूमध्य सागर में भेज दिया है। दो अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि अमेरिकी नौसेना लाल सागर में तैनात है। यहां वह यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्रों से दागी गई मिसाइलों और ड्रोनों को रोकती रही है।

इसके अलावा इराक और उत्तरपूर्वी सीरिया में भी अमेरिकी सेनाएं मौजूद हैं। इसके अलावा अमेरिकी सेना के शीर्ष जनरल हमले की स्थिति में इजराइली सेना की मदद करने के लिए पहुंच चुके हैं। मिडिल ईस्ट में 8 देशों में अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। जंग की स्थिति में ये इजराइल की मदद करेंगे।

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