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1 घंटे पहले

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तस्वीर आसिफ अली जरदारी और बेनजीर भुट्टो की सबसे छोटी संतान आसिफा भुट्टो की है। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

तस्वीर आसिफ अली जरदारी और बेनजीर भुट्टो की सबसे छोटी संतान आसिफा भुट्टो की है। (फाइल फोटो)

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की बहन आसिफा ने भी राजनीति में एंट्री कर ली है। आसिफा अपने पिता और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की खाली की गई सीट से चुनाव लड़ेंगी। 31 साल की आसिफा ने सिंध की शहीद बेनजीराबाद सीट से नोमिनेशन फाइल किया है।

8 दिन पहले 11 मार्च को वो पाकिस्तान की फर्स्ट लेडी बनीं थीं। दरअसल ये पद राष्ट्रपति की पत्नी का होता है। हालांकि, जरदारी ने अपनी बेटी को फर्स्ट लेडी बनाया। उनकी पत्नी और पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 2007 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी आसिफा को बेनजीर की परछाई के तौर पर पेश करती है।

आसिफा में उनकी मां बेनजीर भुट्टो की झलक नजर आती है। वो भाषण भी उसी अंदाज में देती हैं।

आसिफा में उनकी मां बेनजीर भुट्टो की झलक नजर आती है। वो भाषण भी उसी अंदाज में देती हैं।

परिवार में सबसे छोटी हैं आसिफा
18 दिसंबर 1987 में बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी का निकाह हुआ था। दोनों के तीन बच्चे हैं। आसिफा सबसे छोटी हैं। उनकी पूरी एजुकेशन ब्रिटेन में हुई। आसिफा की बड़ी बहन बख्तावर भुट्टो की लंदन के बिजनेसमैन से शादी हुई है। भाई बिलावल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन हैं। मां बेनजीर की 27 दिसंबर 2007 को एक रैली के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

आसिफा में बेनजीर भुट्टो की झलक दिखती है
आसिफा में कई लोग उनकी मां और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की झलक देखते हैं। उनकी स्पीच को भी काफी पसंद किया जाता है। यही वजह है कि आसिफ अली जरदारी आसिफा को सियासत में उतारना चाहते हैं। खबरें थीं कि आसिफा नेशनल असेंबली के लिए होने वाले उप-चुनाव में भाई बिलावल की शहदकोट सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।

बिलावल ने शहदकोट के अलावा लरकाना से भी चुनाव लड़ा था। वे दोनों सीट जीते। उन्हें एक सीट खाली करनी है। माना जा रहा है कि वे लरकाना सीट अपने पास रखेंगे और शहदकोट से बहन आसिफा की इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में एंट्री कराएंगे।

पिता और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ उनके तीनों बच्चे। बाएं से बख्तावर भुट्टो, बिलावल भुट्टो और बिल्कुल दाईं तरफ आसिफा। पीछे मरहूम बेनजीर भुट्टो की तस्वीर नजर आ रही है। (फाइल)

पिता और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ उनके तीनों बच्चे। बाएं से बख्तावर भुट्टो, बिलावल भुट्टो और बिल्कुल दाईं तरफ आसिफा। पीछे मरहूम बेनजीर भुट्टो की तस्वीर नजर आ रही है। (फाइल)

3 साल पहले इमरान को दिया था चैलेंज
तीन साल पहले यानी 2021 में भी आसिफा ने भाई बिलावल के साथ कई रैलियां की थीं। तब इमरान खान प्रधानमंत्री थे। एक रैली में आसिफा ने कहा था- अब वक्त आ गया है, जब मुल्क की सत्ता पर काबिज सिलेक्टेड सरकार को घर भेजा जाए। हम सब इमरान को इलेक्टेड नहीं, बल्कि सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर मानते हैं।

आसिफा ने आगे कहा था- इस्लामाबाद में बैठी सरकार इस गलतफहमी में है कि वह अपोजिशन को दबा लेगी। हम हर जुल्म के खिलाफ आवाज उठाएंगे। इमरान को एक ही मैसेज है- आपका वक्त खत्म हो गया है। अब बोरिया बिस्तर बांधकर रवाना हो जाइए। मेरी मां ने मुल्क के लिए कुर्बानी दी। पिता आज भी संघर्ष कर रहे हैं। इमरान को लगता है कि हम लोग जुल्म से डर जाएंगे। अगर वे हमारे भाईयों को गिरफ्तार करेंगे तो हम बहनें उनका सख्ती से मुकाबला करेंगी।

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