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  • At this time Is A Competition Of Advantage: On Vaishakh Amavasya, Ancestors Are Glad By Providing Water To The Solar And Bathing And Donating, There Is Additionally A Custom Of Lighting Lamps In The Night

1 घंटे पहले

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आज वैशाख महीने की अमावस्या है। बुधवार और अमावस्या का संयोग होना स्नान-दान के लिए शुभ माना जा रहा है। आज सूर्य और चंद्रमा एकसाथ मेष राशि में हैं। इनमें चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में है। जिसके स्वामी अश्विनी कुमार हैं। जो कि देवताओं के वैद्य हैं। वहीं सूर्य भरणी नक्षत्र में रहेगा। इस नक्षत्र का स्वामी यम हैं। जिससे इस दिन पितरों के लिए किए गए श्राद्ध और पूजा से सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

शुभ संयोग में स्नान-दान का अक्षय फल
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि शनिवार को पड़ने वाली इस अमावस्या पर पितरों की विशेष पूजा की जाए तो परिवार के रोग, शोक और दोष खत्म हो जाते हैं।

वैशाख महीने की अमावस्या पर स्नान-दान करने से अक्षय फल मिलता है। सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक की अवधि में अमावस्या के दौरान स्नान-दान करने का खास महत्व है। साथ ही इस समय पितरों के लिए श्राद्ध करना चाहिए। जिससे पितृ पूरी तरह संतुष्ट हो जाते हैं।

स्नान-दान का महत्व
अमावस्या के दिन दान करना सबसे अच्छा माना गया है। देव ऋषि व्यास ने ग्रंथों में कहा है कि इस तिथि में स्नान और दान करने से हजार गायों के दान का पुण्य फल मिलता है। नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है।

अन्न-जल और दीपदान
ग्रंथों में लिखा है कि वैशाख महीने की अमावस्या पर जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए। साथ ही जलदान भी करना चाहिए। इससे स्वर्ण दान करने जितना पुण्य मिलता है। वहीं, शाम को दीपदान करने से यम देवता प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं।

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