13 घंटे पहले
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हम कल्पना में जीने वाले प्राणी हैं। पुराने समय में हमारे साथ जो कुछ घटित हुआ है, उन घटनाओं से हमारी स्मृतियां बनती हैं। शास्त्र कहते हैं कि ईश्वर से श्रेष्ठ कोई और स्मृति नहीं है, ईश्वर से श्रेष्ठ कोई और कल्पना भी नहीं है। आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए कल्पना से हमें आनंद कैसे मिल सकता है?
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