हरिद्वार40 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
आध्यात्मिक यात्रा में हार-जीत, मान-सम्मान, लाभ-हानि का कोई महत्व नहीं है। अध्यात्म के साधक के लिए ये बहुत छोटी बातें हैं। सामान्य व्यक्ति ही ये सोचता है कि सब मुझसे आगे चले गए, मैं पीछे रह गया। आध्यात्मिक व्यक्ति कभी भी किसी से जलन की भावना नहीं रखता है। किसी से स्पर्धा ही करना चाहते हैं तो स्पर्धा स्वस्थ होनी चाहिए। हमारा स्वभाव अच्छा होना चाहिए।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए अच्छे स्वभाव से कौन-कौन से लाभ मिल सकते हैं?
आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।