हरिद्वार14 घंटे पहले
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हम जो भी काम करते हैं, उसमें निपुणता आना सिद्धि कहलाता है। सिद्धि ही हमें श्रेष्ठता की ओर ले जाती है। किसी भी काम में सिद्धि पा लेना इतना आसान नहीं होता। कोई कला हो, कोई साधना हो या कोई सामान्य सा काम अगर हमें सिद्धि पानी है तो उसके लिए हमें पहले खुद को ही साधना होगा। बिना खुद को साधे हम श्रेष्ठता नहीं पा सकते, सिद्धि हासिल नहीं कर सकते। इसके लिए एक महत्वपूर्ण काम जरूरी होता है। आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए सिद्धि और श्रेष्ठता कैसे पाई जा सकती है?
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