नई दिल्ली6 मिनट पहले
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अर्जुन मोहन बायजूस में बाहरी सलाहकार की भूमिका संभालेंगे। (फाइल फोटो)
बायजूस इंडिया के CEO अर्जुन मोहन ने पदभार संभालने के लगभग 7 महीने बाद इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद अब कंपनी ने फाउंडर रवींद्रन बायजू 4 साल बाद ने डेली ऑपरेशन की जिम्मेदारियां संभालेंगे। वहीं, मोहन बाहरी सलाहकार की भूमिका निभाएंगे।
कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि, ‘बायजूस के डेली ऑपरेशन को लीड करने के लिए ज्यादा रवींद्रन बायजू प्रो एक्टिव अप्रोच अपनाएंगे। चुनौतीपूर्ण समय के दौरान मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता को पहचानते हुए वह अब कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कामकाज में ज्यादा शामिल होंगे और अपनी स्पेशलाइजेशन का लाभ उठाते हुए बायजूस को डेवलपमेंट और इनोवेशन के अगले चरण की ओर ले जाएंगे।’
बिजनेस को 3 डिवीजन में रीऑर्गेनाइज करेगी कंपनी
बायजूस अपने बिजनेस को 3 डिवीजन -लर्निंग ऐप, ऑनलाइन क्लासेस एंड ट्यूशन सेंटर और टेस्ट प्रिपरेशन में रीऑर्गेनाइज करेगी। इनमें से प्रत्येक यूनिट में अलग-अलग लीडर होंगे, जो प्रॉफिटेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए बिजनेस को स्वतंत्र रूप से चलाएंगे।
यह बदलाव पूर्व CEO अर्जुन मोहन के नेतृत्व में 7 महीने की कंप्रिहेंसिव ऑपरेशनल रिव्यू और कॉस्ट-ऑप्टिमाइजेशन प्रैक्टिस के बाद किया गया है। बायूज रवींद्रन ने कहा,’यह रीस्ट्रक्चरिंग बायजू 3.0 की शुरुआत का प्रतीक है। यह उभरते बाजार की मोबिलिटी (गतिशीलता),खास तौर पर हाइपर-पर्सनलाइज एजुकेशन के साथ जल्दी से एडॉप्ट करने के लिए तैयार होगा।
5 बड़ी बातें जो बायजूस के साथ बीते दिनों हुई
- बायजूस शेयरहोल्डर्स ने पिछले महीने रवींद्रन को CEO पद से हटाने और पत्नी दिव्या और भाई रिजु को भी हटाने के लिए वोटिंग की थी।
- दिसंबर महीने में बायजू रवींद्रन ने एम्प्लॉइज को सैलरी देने के लिए अपने घर के साथ-साथ अपने फैमिली मेंबर्स का घर भी गिरवी रखा था।
- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू की। बायजूस पर ₹158 करोड़ के पेमेंट में चूक का आरोप है।
- ED ने 9,000 करोड़ से अधिक के FEMA उल्लंघन मामले में नोटिस भेजा। फॉरेन करेंसी फ्लो को लेकर 1999 में FEMA बना था।
- गुरुग्राम ऑफिस का रेंट पेमेंट न करने पर कर्मचारियों को प्रॉपर्टी मालिक ने बाहर कर दिया। उनके लैपटॉप जब्त कर लिए।
Byju’s के फाउंडर बायजू रवीन्द्रन की नेटवर्थ जीरो हुई
बायजू रवीन्द्रन की नेटवर्थ शून्य हो गई है। एक साल पहले यानी 4 अप्रैल 2023 को उनकी नेटवर्थ 2.1 बिलियन डॉलर (तब करीब ₹17,545 करोड़) थी। फोर्ब्स की बिलेनियर इंडेक्स 2024 में 4 अप्रैल 2024 को यह जानकारी सामने आई थी।
2022 में बायजूस का घाटा बढ़कर 8,245 करोड़ रहा
बायजूस को वित्त वर्ष 2022 में ₹8,245 करोड़ का घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2021 में घाटा 4,564 करोड़ रुपए था। यानी कंपनी का घाटा करीब-करीब दोगुना हो गया है।इस दौरान कंपनी का टोटल रेवेन्यू ₹5,298 करोड़ रहा। 2021 में रेवेन्यू 2,428 करोड़ रुपए था। यानी रेवेन्यू में 118% का उछाल आया है।
रवीन्द्रन ने मैथमैटिक्स टीचर के तौर पर की थी करियर की शुरुआत
बायजू रवीन्द्रन एक मैथमैटिक्स टीचर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। 2011 में उन्होंने बायजूस की स्थापना की, तब यह सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला स्टार्टअप बन गया। कंपनी ने 2022 में इसकी वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर करीब 1.84 लाख करोड़ रुपए बताई थी। बायजूस प्राइमरी लेवल से लेकर MBA तक के स्टूडेंट्स को कोचिंग देती है।