नई दिल्ली5 घंटे पहले

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रवींद्रन बायजू और उनकी फैमिली की कंपनी में लगभग 26% हिस्सेदारी है। - Dainik Bhaskar

रवींद्रन बायजू और उनकी फैमिली की कंपनी में लगभग 26% हिस्सेदारी है।

नकदी के संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस (Byju’s) के कर्मचारियों को फरवरी की सैलरी के लिए 10 मार्च तक इंतजार करना होगा। इस बात की जानकारी शनिवार को कंपनी के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों को लिखे एक लेटर में दी है।

न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों से कहा, ‘हमारे 150 से ज्यादा निवेशकों के ग्रुप में से 4 निवेशक निचले स्तर तक गिर गए हैं। इस कारण हम आपको वेतन का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। हमने सैलरी देने के लिए ही राइट्स इश्यू के जरिए फंड जुटाया था, लेकिन यह निवेशकों के साथ चल रहे कानूनी विवाद के चलते अभी एक अलग खाते में बंद है।’

10 मार्च तक वेतन देने का प्रयास कर रहे : बायजू रवींद्रन
रवींद्रन ने कहा, ‘यह एक दुखद वास्तविकता है कि कुछ निवेशकों ने पहले ही पर्याप्त मुनाफा कमा लिया है। इनमें से एक ने अपने शुरुआती निवेश से 8 गुना तक अधिक मुनाफा कमाया है। हम फिलहाल आपको वित्तीय सहायता देने में असमर्थ हैं, जिसके आप हकदार हैं। हम प्रयास कर रहे हैं कि आपके वेतन का भुगतान 10 मार्च तक कर दिया जाए।’

रवींद्रन ने कहा, ‘हम सैलरी तभी दे सकेंगे, जब हमें कानून के मुताबिक ऐसा करने की अनुमति मिलेगी। पिछले महीने कंपनी को फंड की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, और अब हम फंड होने के बावजूद देरी का सामना कर रहे हैं।’

निवेशकों ने ₹1,657 करोड़ के राइट्स इश्यू पर रोक लगाने की मांग की
बायजूस के निवेशकों प्रोसस एनवी, पीक एक्सवी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक और सोफिना एसए ने 225 मिलियन डॉलर के पोस्ट-मनी वैल्यूएशन पर 200 मिलियन डॉलर यानी करीब 1,657 करोड़ रुपए जुटाने के कंपनी के फैसले का विरोध किया है, जो कि कंपनी के पिछले फंडिंग राउंड से 99% कम है। पिछला फंडिंग राउंड 22 बिलियन डॉलर यानी करीब 1.82 लाख करोड़ रुपए के वैल्यूएशन पर हुआ था।

बायजू के निवेशकों का आरोप है कि कंपनी ने अमेरिका में एक अस्पष्ट हेज फंड में 533 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 4,416 करोड़ रुपए की हेराफेरी की और 1,657 करोड़ रुपए के राइट्स इश्यू पर रोक लगाने की मांग की। इसे अवैध और कानून के विपरीत बताया।

रवींद्रन ने सैलरी देने के लिए गिरवी रखा घर
बायजूस के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने एम्प्लॉइज को सैलरी देने के लिए अपने घर के साथ-साथ अपने फैमिली मेंबर्स का घर भी गिरवी रख चुके हैं। बेंगलुरु के दो घरों को गिरवी रखकर उन्होंने करीब 100 करोड़ रुपए जुटाए और करीब 15,000 एम्प्लॉइज को सैलरी दी थी।

साल 2011 में रवींद्रन ने थिंक एंड लर्न नाम से अपनी एडटेक कंपनी की शुरुआत की थी।

साल 2011 में रवींद्रन ने थिंक एंड लर्न नाम से अपनी एडटेक कंपनी की शुरुआत की थी।

बायजूस के इन्वेस्टर्स ने रवींद्रन को बोर्ड से बाहर किया
वहीं, 23 फरवरी को बायजूस के इन्वेस्टर्स ने एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) के बाद कंपनी के फाउंडर-CEO बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजु रवींद्रन को बोर्ड से हटा दिया था।
प्रोसस, जनरल अटलांटिक और पीक एक्सवी जैसे कई ब्लू चिप इन्वेस्टर्स ने EGM में रवींद्रन और उनकी फैमिली को हटाने के लिए वोट किया था। लगभग 60% शेयरहोल्डिंग वाले निवेशकों ने कंपनी में लीडरशिप और गवर्नेंस में बदलाव के प्रस्तावों को पारित करने के पक्ष में वोट किया था।

कंपनी में रवींद्रन और उनकी फैमिली की लगभग 26% हिस्सेदारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन्वेस्टर्स ने रवींद्रन की लीडरशिप वाले मैनेजमेंट के ​​​मिसमैनेजमेंट और फेल्योर्स की वजह से यह फैसला किया। जिन शेयरहोल्डर्स ने EGM बुलाई थी, उनके पास बायजूस में टोटल 30% से ज्यादा की हिस्सेदारी है। कंपनी में रवींद्रन और उनकी फैमिली की लगभग 26% हिस्सेदारी है।

EGM में निवेशकों ने लीडरशिप में सुधार करने, बोर्ड को रिकंस्टीट्यूट करने और एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े उल्लंघनों की फोरेंसिक जांच शुरू करने के लिए भी प्रस्ताव पारित किए थे।

रविंद्रन ने कहा- मैं बायजूस का CEO बना रहूंगा
इसके बाद 24 फरवरी को बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों को लिखे लेटर में कहा था कि ‘मैं आपको यह लेटर हमारी कंपनी के CEO के रूप में लिख रहा हूं। आपने मीडिया में जो भी पढ़ा होगा, वह गलत है। मैं कंपनी का CEO बना रहूंगा, मैनेजमेंट और बोर्ड भी वही रहेगा।’

रवींद्रन ने आगे कहा, ‘सेलेक्टेड माइनॉरिटी इन्वेस्टर्स के एक छोटे ग्रुप के किए गए दावे कि उन्होंने सर्वसहमति से EGM में प्रस्ताव पारित किया है, पूरी तरह से गलत है। 170 शेयरहोल्डर्स में से केवल 35 यानी लगभग 45% शेयरहोल्डर्स ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। यह अपने आप में ही है इस इर्रेलेवेंट मीटिंग को प्राप्त बहुत ही लिमिटेड सपोर्ट को दर्शाता है।’

बायजू रवींद्रन ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया और कहा कि मीटिंग के दौरान लिया गया कोई भी फैसला 13 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई तक प्रभावी नहीं होगा।

3 बड़ी चीजें जो बायजूस के साथ बीते दिनों हुई

  • भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू की। बायजूस पर ₹158 करोड़ के पेमेंट में चूक का आरोप है।
  • ED ने 9,000 करोड़ से अधिक के FEMA उल्लंघन मामले में नोटिस भेजा। फॉरेन करेंसी फ्लो को लेकर 1999 में FEMA बना था।
  • गुरुग्राम ऑफिस का रेंट पेमेंट न करने पर कर्मचारियों को प्रॉपर्टी मालिक ने बाहर कर दिया। उनके लैपटॉप जब्त कर लिए।

बायजूस का 2022 में घाटा बढ़कर 8,245 करोड़ रहा
एड-टेक कंपनी बायजूस को वित्त वर्ष 2022 में ₹8,245 करोड़ का घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2021 में घाटा 4,564 करोड़ रुपए था। यानी कंपनी का घाटा करीब-करीब दोगुना हो गया है। इस दौरान कंपनी का टोटल रेवेन्यू ₹5,298 करोड़ रहा। 2021 में रेवेन्यू 2,428 करोड़ रुपए था। यानी रेवेन्यू में 118% का उछाल आया है।

बायजूस की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने कंपनी रजिस्ट्रार के पास अपनी ऑडिटेड फाइनेंशियल रिपोर्ट दाखिल की है। घाटे का लगभग आधा हिस्सा (लगभग 3,800 करोड़ रुपए) व्हाइटहैट जूनियर और ओस्मो जैसी कंपनियों के कारण है। कंपनी की ओर से किए गए ये दो प्रमुख अधिग्रहण हैं।

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