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नई दिल्ली3 घंटे पहले

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टेक कंपनी गूगल का नया यूजर्स चॉइस बिलिंग सिस्टम (UCB) जांच के दायरे में आ गया है। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) का कहना है कि गूगल का UCB, कॉम्पिटिशन एक्ट-2002 का उल्लंघन है।

CCI ने 15 मार्च को जारी किए गए अपने आदेश में डायरेक्टर जनरल को इस बारे में जांच करने और 60 दिनों के अंदर एक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।

गूगल ने कॉम्पिटीशन एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन किया
CCI के आदेश में कहा गया है, ‘आयोग का विचार है कि गूगल ने कॉम्पिटीशन एक्ट के सेक्शन 4(2)(a), 4(2)(b) और 4(2)(c) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इसकी डिटेल्ड इनवेस्टिगेशन जरूरी है।’

CCI का यह आदेश स्टार्टअप्स के एक ग्रुप की ओर से दायर याचिका में दिया गया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि गूगल ने कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया के पहले के आदेश का उल्लंघन किया है। उस आदेश में कंपनी से गूगल प्ले पर ऐप डेवलपर्स को ऐप खरीदने या इन-ऐप बिलिंग के लिए थर्ड पार्टी बिलिंग या पेमेंट प्रोसेसिंग सर्विसेज का इस्तेमाल करने से न रोकने के लिए कहा गया था।

गूगल और भारतीय स्टार्टअप्स के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है। यह सब 6 साल पहले शुरू हुआ था, जब एंड्रॉइड और प्ले स्टोर इकोसिस्टम में गूगल द्वारा अपने दबदबे का गलत इस्तेमाल करने को लेकर CCI को शिकायत दर्ज की गई थी।

स्टार्टअप्स के एक ग्रुप की याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए माना SC
फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट गूगल की बिलिंग पॉलिसी को चुनौती देने वाले स्टार्टअप्स के एक ग्रुप की याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए मान गया था। हालांकि, अदालत ने इन स्टार्टअप्स को गूगल के प्ले स्टोर से हटाए जाने से बचाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था।

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