नई दिल्ली28 मिनट पहले
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दस में से कम से कम एक व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी डिप्रेशन का शिकार होता है। एक रिसर्च के मुताबिक चार में से एक व्यक्ति को यह मानसिक परेशानी होती है। डिप्रेशन को कर्ज, डिवोर्स और डायबिटीज से भी बदतर माना जाता है।
एक रिसर्च में बताया गया है कि सात ऑस्ट्रेलियाई लोगों में से एक व्यक्ति डिप्रेशन से निपटने की दवा लेता है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि विकसित देशों में डिप्रेशन से पीड़ित केवल आधे लोगों को ही इलाज मिल पाता है।
नए शोध से पता चलता है कि थेरेपी और डिप्रेशन से निपटने की दवाओं के साथ-साथ कसरत पर भी विचार किया जाना चाहिए। यह डिप्रेशन के इलाज में थेरेपी की तरह ही कारगर साबित हो सकता है, लेकिन यह मायने रखता है कि आप किस प्रकार का व्यायाम करते हैं और कैसे करते हैं।
टहलना, दौड़, वजन उठाना या डांस जैसे उपायों से डिप्रेशन को कम करने के लिए 218 ट्रायल किए गए। 14,170 लोगों पर किए गए शोध में पाया गया कि टहलना, दौड़ना, स्ट्रैंथ ट्रेनिंग, योग और एरोबिक्स एक्सरसाइज डिप्रेशन से निपटने में कारगर हैं।
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ग्राफिक्सः सत्यम परिडा