नई दिल्ली5 घंटे पहले
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चैत नवरात्रि के व्रत में लंबे समय तक ऊर्जा और ताजगी महसूस करना चाहते हैं तो मिश्रीकंद खाएं।
प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, फोलेट, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर मिश्रीकंद खाने से लंबे समय तक पेट भरा हुआ होने का एहसास होता है और जल्दी भूख नहीं लगी।
ठंडी तासीर वाले मिश्रीकंद को खाने से गर्मी में शरीर को ठंडक मिलती है और ताजगी का अनुभव होता है। मेडिका हॉस्पिटल, रांची की सीनियर डाइटीशियन डॉ. विजयश्री प्रसाद बता रही हैं मिश्रीकंद खाने के फायदे।
मिश्रीकंद एक मीठा फल है। इसकी पैदावार पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और असम के कुछ हिस्सों में पाई होती है। यह बसंत ऋतु से लेकर गर्मियों के मौसम तक बाजार में उपलब्ध रहता है।
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा में मां सरस्वती को मिश्रीकंद का भोग लगाया जाता है। यह फल कंद के रूप में होता है इसलिए इसे मिश्रीकंद कहा जाता है। मिश्रीकंद का आकार शंख की तरह होता है इसलिए इसे शंखालु भी कहते हैं।
गैस्ट्रिक समस्याओं से बचाए
गैस, एसिडिटी, सीने में जलन, कब्ज और पेट दर्द जैसी गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत पाने के लिए मिश्रीकंद खाना बहुत फायदेमंद है।
मिश्रीकंद में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। फाइबर से पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है। फाइबर के कारण गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं और अपच की समस्याएं कम होती है।
वजन घटाने के लिए खाएं मिश्रीकंद
मिश्रीकंद में फाइबर भएपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे लंबे समय कर पेट भरा हुआ लगता है और जल्दी भूख नहीं लगती।
अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो मिश्रीकंद को स्नैक्स की तरह बीच बीच में खा सकते हैं। इससे पेट की गर्मी और भूख शांत होती है। काफी समय तक भूख नहीं लगती, जिससे वजन कम करना आसान हो जाता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल करे
मिश्रीकंद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है। जिन लोगों को डायबिटीज है उनके लिए मिश्रीकंद का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल घटाने में मददगार
मिश्रीकंद में मौजूद फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी, फोलेट, आयरन जैसे पोषक तत्व शरीर का मोटापा घटाने में सहायक हैं। साथ ही मिश्रीकंद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम है।
जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा हुआ रहता है उनके लिए मिश्रीकंद का सेवन लाभकारी हो सकता है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
शरीर से टॉक्सिन बाहर निकाले
गलत लाइफस्टाइल, खानपान में गड़बड़ी, नींद की कमी और तनाव से शरीर में विषैले तत्व जमा हो जाते हैं। इन्हें बाहर निकालने के लिए लाइफस्टाइल में सुधार, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज बेहद जरूरी हैं। डाइट में मिश्रीकंद को शामिल करने से शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। बॉडी को डिटॉक्स करने में लिए मिश्रीकंद खाएं।
नई कोशिकाओं को बढ़ाए
इम्यूनिटी बढ़ाने और शरीर को इंफेक्शन से बचाने के लिए नई कोशिकाओं का बनना जरूरी है। इसके लिए शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स की मात्रा में कमी नहीं आनी चाहिए।
मिश्रीकंद खाने से शरीर में मिश्रीकंद नई कोशिकाओं के बनने में मदद मिलती है। अपने शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए रोजाना मिश्रीकंद का सेवन करना लाभकारी है।
कैंसर की रोकथाम में सहायक
रोजाना मिश्रीकंद खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है जिससे कई तरह के इंफेक्शन से राहत मिलती है। मिश्रीकंद कैंसर के खतरे को रोकने में सहायक है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, विटामिन ई, सेलेनियम और बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं।
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गर्मियों में खाएं ठंडी सब्जियां, लौकी, कद्दू, तोरी, टिंडा, पालक हैं सेहत से भरपूर; उल्टी, दस्त से राहत, पेट की गर्मी शांत होती
गर्मियों में सबसे जरूरी है शरीर को ठंडा रखना। इसके लिए ठंडी तासीर वाली चीजें खाना बेहद जरूरी है। गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए ठंडी तासीर वाली सब्जियां खानी चाहिए। ये सब्जियां शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित बनाए रखती हैं।
गर्मियों में ठंडी तासीर वाली सब्जियां जैसे लौकी, कद्दू चौलाई की साग, पालक, तोरी, टिंडा, भिंडी, करेला, शिमला मिर्च खाना क्यों जरूरी है, इसके बारे में बता रही हैं मेडिका हॉस्पिटल, रांची की सीनियर डाइटीशियन डॉ. विजयश्री प्रसाद। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
पेट साफ क्यों नहीं रहता, कब्ज, पानी कम पीना, एक्टिव न रहना, फाइबर की कमी से बढ़ती पाचन की समस्या
पाचन से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या कब्ज है। कब्ज कई कारणों से हो सकता है। लाइफस्टाइल से जुड़ी छोटी छोटी बातों पर ध्यान देकर कब्ज से आसानी से बचा जा सकता है। पेट में गैस, सूजन, कब्ज या दस्त पाचन संबंधी समस्याओं के प्रमुख संकेत हैं। पाचन सही न होने पर कई अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं इसलिए डाइजेशन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
पाचन सही नहीं तो हम दिनरात बेचैन रहते हैं। डाइजेशन सही नहीं रहता तो कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं। पाचन से जुड़ी समस्याएं और उनके बचने के उपाय बता रहे हैं मुंबई के ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल में कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉ. मेघराज इंगले। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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