रिंकी चकमा का 28 साल की उम्र में फ़ाइलोड्स ट्यूमर कैंसर से हुआ निधन, जानिए क्या है ये कैंसर

फ़ाइलोड्स ट्यूमर स्तन में होता है.

Phyllodes Tumor: कैंसर आज के समय में एक ऐसी बीमारी बन गई है जिसका नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं. बता दें कि इस जानलेवा बीमारी ने पूर्व मिस इंडिया त्रिपुरा रिंकी चकमा का निधन हो गया है. वो दो साल से इस बीमारी से जूझ रही थीं और महज 28 साल की उम्र में अपनी जान गंवा बैठी. फेमिना मिस इंडिया संस्‍था ने रिंकी चकमा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर एक बयान साझा किया है, जिसमें उन्हें “एक ऐसी शक्तिशाली महिला” बताया गया, जो अन्‍य महिलाओं की प्रेरणा थीं.

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फेमिना मिस इंडिया ने सोशल मीडिया पोस्‍ट में लिखा, “इस कठिन समय में उनके परिवार और दोस्तों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं हैं. उनकी आत्मा को शांति मिले. रिंकी, आपके उद्देश्य और सुंदरता की विरासत को हमेशा याद रखा जाएगा… जिन लोगों को आपको जानने का सौभाग्य मिला है, उन्हें आपकी बहुत याद आएगी.”

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बता दें कि रिंकी चकमा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर के लोगों को अपनी इस बीमारी के बारे में बताया था. पिछले महीने रिंकी चकमा ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में अपनी चैलेंजिंग जर्नी के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि वो काफी समय से अकेले संघर्ष कर रही थीं और अपने स्वास्थ्य के बारे में किसी को नहीं बताना चाहती थीं…. सोचा की मैं खुद ही लड़ूंगी और ठीक हो जाऊंगी, लेकिन मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि मैं हर किसी को अपने स्वास्थ्य के बारे में बताऊं.” उन्‍होंने बताया कि उन्हें घातक फ़ाइलोड्स ट्यूमर (स्तन कैंसर) है. आइए जानते हैं कि ये फ़ाइलोड्स ट्यूमर है क्या. 

फ़ाइलोड्स ट्यूमर क्या है?

ट्यूमर का नाम फाइलोड्स ग्रीक शब्द लीफलाइक से आया है, जो ट्यूमर के आकार का प्रतिनिधित्व करता है जो पत्ती जैसे पैटर्न की तरह होता है. फाइलोड्स ट्यूमर, पाए जाने वाले दुर्लभ ट्यूमर में से एक है. इस प्रकार का ट्यूमर ज्यादातर स्तन के कनेक्टिव टिश्यूज़ में पाया जाता है जिसे स्ट्रोमा कहा जाता है. फाइलोड्स ट्यूमर जीवन के किसी भी चरण में हो सकता है, लेकिन यह रोग अक्सर 30-55 आयु वर्ग में देखा गया है.

फाइलोड्स ट्यूमर कितनी जल्दी बढ़ सकता है?

फाइलोड्स ट्यूमर बहुत तेजी से बढ़ता है. कुछ हफ्तों या महीनों की के अंदर ही यह ट्यूमर की प्रकृति के आधार पर 2-3 सेमी या उससे ज्यादा साइज तक बढ़ सकता है. ट्यूमर का आकार भी 10 सेमी तक बढ़ सकता है या दुर्लभ मामलों में यह एक गांठ के आकार के 30-40 सेमी तक हो जाता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)



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