3 घंटे पहले
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डायबिटीज रोग जितना पुराना होता है, गैंगरीन रोग होने की आशंका उतनी बढ़ती जाती है। जन्द्रा हेल्थकेयर के डायबिटोलॉजी हेड डॉ. राजीव कोविल बता रहे हैं गैंगरीन के कारण और इससे बचने के उपाय।
गैंगरीन क्या है?
एक्सीडेंट या चोट लगने पर डायबिटीज के रोगियों का घाव जल्दी ठीक नहीं होता, जिसके चलते गैंगरीन की समस्या हो सकती है। गैंगरीन ऐसी बीमारी है जो शरीर के किसी भी अंग में तब होती है जब उस अंग में ब्लड सर्कुलेशन पूरी तरह से खत्म हो जाता है। ब्लड न पहुंचने पर वह अंग के तरह से खत्म होने लगता है। डायबिटीज के रोगियों के पैरों में गैंगरीन की तकलीफ ज्यादा देखने को मिलती है। डायबिटीज बढ़ने पर गैंगरीन की समस्या हो सकती है।
शुगर लेवल बढ़ने न दें
डायबिटीज के मरीजों में अगर ब्लड शुगर बढ़ा हुआ हो तो इसका असर सबसे ज्यादा पैरों पर पड़ता है। अगर शुगर लेवल बढ़ा हुआ हो तो ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है, जिससे शरीर इंफेक्शन से नहीं लड़ पाता और पैरों में गैंगरीन की समस्या होने लगती है। जिस हिस्से में गैंगरीन होता है उस हिस्से के टिशू सड़ने लगते हैं और गैंगरीन हो जाता है। कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि पैर का अंगूठा तक काटने की नौबत आ जाती है।
घाव, कट, फोड़े-फुंसी को नजरअंदाज न करें
डायबिटीज के मरीजों को अपने पैरों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शुगर लेवल कंट्रोल में रहे इसके लिए सही डाइट और नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए। साथ ही पैरों में घाव, कट, फोड़े-फुंसी, सूजन या किसी भी तरह का इंफेक्शन हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। पैरों और नाखूनों की सफाई पर विशेष ध्यान दें। छोटी सी चोट या घाव होने के बावजूद डायबिटीज के मरीजों का घाव भरने के बजाय बढ़ता जाता है। लापरवाही और इलाज में देरी होने पर कई बार पैर काटने तक की नौबत आ सकती है।
फुट अटैक से बचें
डायबिटीज रोग जितना पुराना है गैंगरीन होने की आशंका उतनी ही ज्यादा रहती है। डायबिटीज बढ़ने पर शरीर की नसों में खून के थक्के जमने लगते हैं, जिससे नसें सिकुड़ने लगती हैं। खून में शुगर लेवल बढ़ जाने पर डायबिटीज रोग होता है। शुगर लेवल का बहुत ज्यादा बढ़ना और घटना दोनों ही स्थितियां गंभीर होती हैं। डायबिटीज के रोगियों में शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ने पर हार्ट अटैक, हाई बीपी, पैरालिसिस या ब्रेन स्ट्रोक जैसी कई जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। इन सभी बीमारियों के अलावा डायबिटीज के रोगियों में फुट अटैक की आशंका भी सबसे ज्यादा रहती है।
सही जूतों का चुनाव
डायबिटीज का सबसे ज्यादा असर पैरों पर पड़ता है इसलिए जूते-सैंडल का चुनाव बहुत सोच-समझकर करें। ऐसे जूते-चप्पल न पहनें जो पैरों के लिए आरामदायक न हों या पंजों की तरफ से टाइट हों।
लापरवाही महंगी पड़ सकती है
डायबिटीज होने पर शरीर में ब्लड शुगर जब बढ़ जाता है। यदि डायबिटीज का रोग बहुत पुराना है तो शरीर की नसों में खून के थक्के जमने लगते हैं और नसें सिकुड़ने लगती हैं। डायबिटीज के रोगी के पैरों की नसों में जब खून के थक्के जमने लगते हैं, पैरों की नसें ब्लॉक होने लगती है, तो उन्हें गैंगरीन हो सकता है।
इसके अलावा खून के थक्के जमने से डायबिटीज के रोगियों की हार्ट की नसें ब्लॉक हो सकती हैं, जिससे हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।
डायबिटीज के रोगियों को पैरों में किसी भी तरह की चोट, घाव या इन्फेक्शन होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए
गैंगरीन से बचने के उपाय
गैंगरीन से बचने के लिए सबसे पहले शुगर कंट्रोल में रखें। इसके साथ ही सही डाइट लें, सिगरेट या तंबाकू का सेवन न करें। डायबिटीज कंट्रोल में रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करें। रोजाना अपने पैर चेक करते रहें, कोई घाव या इंफेक्शन दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। शुगर लेवल चेक करने के लिए अपना रेगुलर चेकअप कराते रहें।
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