नई दिल्ली19 घंटे पहलेलेखक: संजय सिन्हा

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स्पेन की महिला पति के साथ वर्ल्ड टूर पर निकली। पति-पत्नी बाइक से 66 देशों में घूमे। 6 साल में 1,70,000 किमी बाइक से ही यात्रा की।

अफगानिस्तान, पाकिस्तान जैसे देशों में भी वो बेधड़क रहीं जिन्हें ह्मूमन राइट्स वॉच संस्था ने रिहाइशी इलाकों के नजरिए से सबसे खतरनाक बताया है।

वही कपल भारत में पिछले 6 महीने से रह रहा था, देश में 20,000 किमी की यात्रा भी तय कर चुका था। लेकिन महिला दिवस से ठीक एक हफ्ता से पहले झारखंड के दुमका में इस स्पेनिश महिला के साथ 7 पुरुषों ने गैंगरेप किया।

दर्ज केस के मुताबिक विदेशी महिला का आरोप है कि वो पति के साथ कुंजी गांव में टेंट में रुकी थी। 1 मार्च की शाम 2 लोग आए।

उन्होंने अपने 5 और दोस्तों को बुला लिया। हथियार के बल पर इन 7 बदमाशों ने उसे टेंट से बाहर लाकर उसके साथ एक-एक कर रेप किया।

रेप करने का न्योता देते अपराधी

स्पेन की महिला ने बताया है कि पहले दो बदमाश आए। वह पति के साथ टेंट में थी, लेकिन उन्होंने फोन पर बात करते बदमाश को सुना।

कुछ ही समय में दो बाइक पर 5 लोग और आ गए। यानी अपराधी इस बात को जानते थे कि जहां टेंट लगा है वह मेन रोड से 2 किमी दूर सुनसान एरिया है।

ऐसे एरिया में वो कुछ भी करेंगे तो पकड़े नहीं जाएंगे। हैदराबाद स्थित मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. शर्मिला मजुमदार कहती हैं कि दरअसल, रेपिस्ट इसे मौके की तरह देखते हैं।

इस घटना में बदमाशों ने पहले रेकी की, फिर फोन कर दोस्तों को बुलाया। कह सकते हैं कि रेप करने के लिए न्योता दिया। दरअसल, गैंगरेप करने वाले अपराधी शिकार करते हैं बेहद आक्रामक और क्रूरता के साथ।

अकेले रहने पर उनमें इतनी हिम्मत नहीं होती। वे इस बात से डरे रहते हैं कि कहीं गड़बड़ न हो जाए। महिला पर काबू पाने के लिए वो संख्या में अधिक रहना चाहते हैं।

उनकी मानसिकता होती है कि ग्रुप में रहेंगे तो हम उन पर भारी पड़ेंगे। ये बाहरी लोग हैं हमारे इलाके में आए हैं, हम कुछ भी कर लेंगे तो ये कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे।

डॉ. शर्मिला कहती हैं कि कई बार ऐसे अपराधी ‘नारसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर’ से पीड़ित होते हैं। उन्हें दूसरों की कोई परवाह नहीं होती। वे किसी भी कीमत पर अपने मन की करते हैं रेप या मर्डर भी।

वो लोगों के साथ अमानवीयता की हद पारकर खुद को पॉवरफुल महसूस करते हैं। ऐसे लोग मानसिक रूप से सामान्य नहीं होते। उन्हें कानून का डर नहीं होता, न ही अपने भविष्य के बारे में सोचते हैं।कल क्या करेंगे, वो ये नहीं सोचते।

वे ये सोचते हैं कि आज शिकार हाथ लगा है तो इसे छोड़ेंगे नहीं। ऐसे लोगों में आत्मसम्मान नहीं होता। समाज में भी वो अलग-थलग होते हैं।

2022 में 10 नेपाली महिलाओं से रेप, रूसी-अमेरिकी नागरिक भी शिकार

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत में विदेशी महिलाओं के साथ अपराध की 192 घटनाएं हुईं।

इनमें से 28 विदेशी महिलाएं थीं जिनके साथ रेप की घटनाएं हुईं। इनमें से 13 विदेशी महिलाएं टूरिस्ट वीजा पर भारत आईं थीं। भारत में रेप की शिकार विदेशी महिलाओं में सबसे अधिक पीड़ित नेपाल की हैं।

2022 में 10 नेपाली महिलाओं के साथ रेप हुआ जबकि रूस की 5 और नाइजीरिया की 3 महिलाएं दुष्कर्म की शिकार हुईं।

कुछ एशियाई देशों के अलावा अमेरिका, साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ कोरिया, इटली की महिला भी भारत में रेप पीड़िता रही।

भारत में विदेशी नागरिकों के खिलाफ अपराधी की सबसे अधिक घटनाएं कर्नाटक में हुई, जहां 28 केस दर्ज किए गए। हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में 21-21 केस सामने आए जबकि गोवा और हरियाणा में 16-16 घटनाएं देखने को मिलीं।

2021 में विदेशी नागरिकों के साथ अपराध की 150 घटनाएं हुई थीं। 2022 में इन घटनाओं में 28% की बढ़ोतरी हुई। इसमें चोरी और रेप की घटनाएं प्रमुख रहीं।

2021 में विदेशी नागरिकों के साथ अपराध की 150 घटनाएं हुई थीं। 2022 में इन घटनाओं में 28% की बढ़ोतरी हुई। इसमें चोरी और रेप की घटनाएं प्रमुख रहीं।

भारत रेप कैपिटल के रूप में पहचाना जा रहा?

भारत में 2022 में 31,516 रेप की घटनाएं हुईं। इसमें पीड़ित 1,017 लड़कियां 18 साल से कम की उम्र की हैं। हर 20 मिनट में एक लड़की रेप की शिकार बनती हैं। 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर दिन रेप की 86 एफआईआर दर्ज कराई जाती हैं।

तो क्या भारत को विदेशों में रेप कैपिटल के रूप में पहचाना जा रहा है? इस सवाल पर आयरलैंड में रहने वाली सोशल वर्कर सुप्रिया सिंह कहती हैं कि विदेश में रहने वाले लोग भारत को सुरक्षित देश नहीं मानते।

निर्भया कांड के बाद भारत की छवि को काफी धक्का लगा। तब से 12 साल गुजर गए, कई सख्त कानून बनने के बावजूद भारत में रेप की घटनाएं कम होने के बजाय बढ़ ही रही हैं।

सुप्रिया कहती हैं कि पिछले कुछ सालों से अंतरराष्ट्रीय अखबारों में इंडिया को रेप कैपिटल लिखा जा रहा है। किसी विदेशी नागरिक से गैंगरेप की घटना होती है तो पूरी दुनिया में इसका बुरा मैसेज जाता है कि भारत में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।

विदेशी नागरिकों के साथ इस तरह के अपराध से देश की नेगेटिव छवि बनती है। हालांकि दुनिया के कई देशों में महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं भारत से कहीं ज्यादा हैं।

2022 में यूके और वेल्स में रेप की 70,663 घटनाएं हुई हैं। भारत में एक साल में हुई रेप की घटनाओं से यह दोगुने से ज्यादा है।

वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के अनुसार, किसी देश में 1 लाख की आबादी पर होने वाली रेप की घटनाओं को सेक्शुअल असॉल्ट रेट के रूप में देख जाता है। यूके में सेक्शुअल असॉल्ट रेट 250 से ऊपर है, भारत में यह 9 है।

इसकी बड़ी विदेशों में रेप जैसी घटनाओं को लेकर समाज और कानून का संवेदनशील नजरिया है।

वहां ऐसे मामलों को रिपोर्ट करने के पीछे किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होती, जबकि भारत में मामला दर्ज कराना ही मुश्किल होता है। इसके पीछे पिछली सामाजिक सोच, परिवार की इज्जत, पुलिस और प्रभावी व्यक्तियों का रवैया जिम्मेदार है।

विदेशी नागरिकों के साथ रेप के लिए गोवा कुख्यात

विदेशी नागरिकों के साथ रेप के हाई प्रोफाइल मामले हुए हैं जिसने दुनियाभर में भारत की किरकिरी कराई है। इसमें सबसे ज्यादा बदनामी गोवा को मिली है।

गोवा में 2022 में एक ब्रिटिश टूरिस्ट के साथ उसके पार्टनर के सामने रेप किया गया। अपराधी गोवा का लोकल व्यक्ति था और उसने मसाज देने के बहाने रेप किया।

मार्च 2022 में 12 साल की रूसी मूल की लड़की को होटल के रूम अटेंडेंट ने सेक्शुअल असाल्ट किया।

दिसंबर 2021 में नॉर्थ गोवा के सायोलिम में 31 साल की विदेशी महिला के साथ रेप किया गया।

मार्च 2017 में 28 साल की ब्रिटिश आइरिश महिला की रेप के बाद हत्या कर दी गई। उसका शव पणजी से 80 किमी दूर एक बीच पर मिला।

गोवा में विदेशी नागरिकों के साथ रेप की घटनाओं में सबसे सनसनीखेज स्कारलेट कीलिंग की हत्या रही थी। फरवरी 2008 में ब्रिटिश मूल की स्कारलेट कीलिंग का रेप के बाद मर्डर कर दिया गया था।उसका शव अंजुना बीच पर मिला था। तब इस घटना से भारत की काफी बदनामी हुई थी।

भारत में 2012 में निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इसके बाद रेप से जुड़े कई नए कानून बने, पॉक्सो जैसा सख्त कानून आया। इसके बावजूद घटनाओं में कमी नहीं आई है।

भारत में 2012 में निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इसके बाद रेप से जुड़े कई नए कानून बने, पॉक्सो जैसा सख्त कानून आया। इसके बावजूद घटनाओं में कमी नहीं आई है।

उत्तर भारत जाने से विदेशी नागरिक डरते हैं

पुणे की रहने वाली वेदांगी कुलकर्णी दुनिया का चक्कर लगाने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की साइकिलिस्ट हैं। उन्होंने 160 दिनों तक 29 हजार किमी साइकिल चलाकर पूरी दुनिया घूमी है।

ऑस्ट्रेलिया से साइकिल चलाते हुए न्यूजीलैंड गई। फिर कनाडा, आइसलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड और रूस से होकर गुजरी। रूस से भारत आई। यहां मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, भुवनेश्वर होते हुए कोलकाता पहुंची जहां 29000 किमी की यात्रा पूरी हुई।

इस यात्रा के दौरान उन पर स्पेन में बाइक सवार बदमाशों ने हमला किया। वेदांगी का सारा सामान लूट लिया। विरोध करने पर गड्‌ढ़े में धकेल दिया जिससे उन्हें ब्रेन इंजरी हुई और उन्हें दो महीने अस्पताल में रहना पड़ा।

वेदांगी अब लंबे समय से स्कॉटलैंड में रह रही हैं। वह कहती हैं कि स्कॉटलैंड, यूके या दूसरे देशों के नागरिक जरूर यह सोचते हैं कि भारत महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। हालांकि उनमें एक सामान्य अंडरस्टैंडिंग है कि उत्तर भारत दक्षिण भारत के मुकाबले कम सुरक्षित है।

देश भर में रेप के लगभग आधे केस उत्तर भारत से

उत्तर भारत मतलब जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान, यूपी। 2022 में उत्तर भारत में रेप की 14,260 घटनाएं हुईं जो कि देश में हुई कुल घटनाओं का लगभग आधी है।

इसमें दिल्ली, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश हैं जहां 1582 रेप हुए। जबकि उत्तर भारत के 7 राज्यों में रेप की 12678 घटनाएं हुईं।

दक्षिण भारत के 5 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश मिला दें, तो 2022 में रेप की 3,289 घटनाएं हुईं हैं। आंध्र प्रदेश में 627, कर्नाटक 598, तमिलनाडु 421, तेलंगाना 814, केरल 820 और पुडुचेरी में 9 घटनाएं हुईं।

उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम, देश के किसी इलाके में रेप की घटनाएं शर्मनाक हैं। अपने देश की महिला हो या विदेशी, रेप जैसी घटनाओं से देश की छवि खराब होती है।

मनुस्मृति में कहा गया है कि जिस स्थान पर स्त्रियों की पूजा होती है और उनका सत्कार किया जाता है, उस स्थान पर देवता सदा निवास करते हैं।

जहां ऐसा नहीं होता है, वहां सभी धर्म और कर्म निष्फ़ल होते हैं। कल हम पूरे जोश के साथ महिला दिवस मनाएंगे, ऐसा लगता है कि स्त्री को पूजनीय मानने वाले देश में रेपिस्ट खुलेआम घूमते हैं।

अतिथि देवो भवः मानने वाले देश में घर आई महिला मेहमान के सम्मान को ऐसी चोट पहुंचाई जाती है कि उसका अस्तित्व ही लहूलुहान हो जाए। जरा सोचिए क्या हम महिला दिवस मनाने का हक रखते हैं?

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