23 घंटे पहले

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दिनभर की थकान के बाद जब हम अपने मुलायम बिस्तर पर पसरते हैं तो जन्नत सा सुकून मिलता है। इसे दुनिया के सबसे बड़े सुखों में से एक कहा जा सकता है। लेकिन सुबह की शुरुआत करने से पहले बिस्तर छोड़ना उतना ही मुश्किल होता है।

हम में से कई लोग सबह के लिए घड़ी में दो-तीन अलार्म लगाकर रखते हैं, क्योंकि उन्हें मालूम होता है कि पहले अलार्म में वो बिस्तर का मोह नहीं छोड़ पाएंगे। अगर फुर्सत हो तो सुबह उठने से बाद कुछ समय के लिए बिस्तर में पसरे रहने के क्या फायदे-नुकसान हैं? चलिए, आराम और आलस के इस फर्क को जानते हैं।

समय की बर्बादी या सदुपयोग

कई लोग ये मानते हैं कि बेवजह बिस्तर पर पड़े रहना समय की बर्बादी है। लेकिन ये पूरी तरह से सही नहीं। बिस्तर पर पसरे रहना वो समय होता है जब हम तनावमुक्त होकर अपने साथ वक्त बिता रहे होते हैं। खुद से प्यार करना तनाव और कई बीमारियों से दूर रहने का एक आसान तरीका है। कई लोगों को इस समय में इतने शानदार आइडिया सूझते हैं जो उनकी जिंदगी बदल देते हैं। अगर आप सुबह उठते ही मोबाइल में उलझ जाते हैं, सोशल मीडिया पर रील्स और वीडियो देखने में घंटों बिता देते हैं, तो ये बिस्तर पर पड़े रहने से ज्यादा हानिकारक है।

आराम या काम

अगर आप जरूरी काम छोड़कर बिस्तर पर पड़े हैं तो ये समय की बर्बादी है। फुर्सत के पलों में बिस्तर पर पड़े हुए अलसाया समय बिताना सही है, लेकिन काम को ताक पर रख कर आराम करना आपको परेशानी में डाल सकता है।

कुछ लोग बिस्तर पर रहते हुए फोन पर बात करना, ईमेल चेक करना, न्यूज देखने जैसे काम करते हैं। ऐसा करना कुछ समय के लिए अच्छा लग सकता है, लेकिन लंबे समय तक बिस्तर पर लेटकर काम करना आपको असहज और तनावग्रस्त कर देता है। घंटों बिस्तर पर लेटकर काम करने से आपको वह सुख नहीं मिलेगा, जो कुछ समय के लिए बिस्तर पर यूं ही पड़े रहने से मिलता है।

खुद के साथ समय बिताएं

हम सभी को इस बात के प्रति सचेत रहना जरूरी है कि हम अपने दिन की शुरुआत कैसे करते हैं। बिस्तर छोड़ते ही ऐसे कामों की शुरुआत न करें जो आपका तनाव बढ़ाते हैं। सुबह उठने के बाद कुछ समय खुद को दें, अपने साथ समय बिताएं। इससे आप अपने दिन को अच्छी तरह प्लान कर सकते हैं। इस समय में आप चाहें तो अपना मनपसंद संगीत सुन सकते हैं।

अति से बचें

अगर आप जागने के बाद कुछ समय तक बिस्तर पर पड़े रहने से अच्छा महसूस करते हैं और यह आपकी दिनचर्या का हिस्सा है, तो ऐसा रोज करें। सुबह जागने के बाद कितनी देर तक बिस्तर पर पसरे रहें इसके लिए कोई तयशुदा नियम नहीं हैं। लेकिन आप अगर ऐसा रोज करते हैं तो सुबह उठने के बाद आपको 15 से 30 मिनट बाद बिस्तर छोड़ देना चाहिए।

आराम करने के लाभ

बिस्तर पर आराम करना नींद का विकल्प नहीं है। लेकिन थोड़ा आराम करने के बाद अगर आप बेहतर महसूस करते हैं, तो आपको कुछ लाभ जरूर मिल सकता है, भले ही यह नींद के समान न हो। शरीर को यदि आराम की जरूरत है तो आपको शरीर की बात सुननी चाहिए।

आराम करने के कई फायदे हैं। फुर्सत के पलों में आराम करने से तनाव दूर होता है, अच्छा महसूस होता है, मेंटल हेल्थ सुधरती है, स्किन यंग नजर आती है, इम्यूनिटी बढ़ती है और याददाश्त अच्छी रहती है। लेकिन कुछ लोग वीकेंड पर पूरा दिन बिस्तर पर पड़े रहते हैं, ऐसा न करें। इससे अपराधबोध होता है और कई जरूरी काम भी अटक सकते हैं।

अच्छी नींद नियामत है

आज के कॉम्पिटिशन भरे दौर में तनाव से बचना मुश्किल है, लेकिन अच्छी नींद काफी हद तक तनाव को दूर कर देती है। नींद की कमी से उम्र से पहले झुर्रियां पड़ती हैं। आंखों नीचे सूजन और काले घेरे हो जाते हैं। त्वचा रूखी और बाल बेजान हो जाते हैं। अच्छी नींद के लिए बिस्तर आरामदायक होना चहिए। साथ ही बेडशीट, पिलो कवर वगैरह भी साफ और सॉफ्ट होना चाहिए।

अच्छी नींद के हेल्दी टिप्स

नींद की क्वालिटी में सुधार के लिए अच्छी नींद की आदतें अपनाना और नींद के लिए अच्छा माहौल तैयार करना बेहद जरूरी है।

लगातार सोने का शेड्यूल बनाए रखें। हर दिन एक ही समय पर बिस्तर पर सोने जाएं और सुबह नियत समय पर जागें, ऐसा वीकेंड पर भी करें।

सोने से पहले पढ़ने, गर्म पानी से स्नान करने या अच्छा म्यूजिक सुनने से फायदा मिलता है।

बेडरूम का माहौल आरामदायक हो। इसके लिए अच्छा गद्दा, तकिया, बेडशीट खरीदें। बेडरूम ठंडा, कोजी और शांत हो।

सोने से पहले मोबाइल को खुद से दूर रखें। सोशल मीडिया पर रील्स और वीडियो देखने से बचें।

हेल्दी डाइट लें। सोने से पहले हैवी खाना खाने से बचें। सोने से पहले कैफीन और शराब के सेवन से बचें, इससे नींद में खलल पड़ता है।

योग, मेडिटेशन करें, अच्छी किताब पढ़ें।

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