बीजिंग/वॉशिंगटन9 घंटे पहले

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तस्वीर 2018 की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चीन के वुहान में मुलाकात की थी। (फाइल) - Dainik Bhaskar

तस्वीर 2018 की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चीन के वुहान में मुलाकात की थी। (फाइल)

टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी दी है कि चीन भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव में रुकावट डालने की कोशिश करेगा। चीन ने ऐसा ही कुछ जनवरी में ताइवान में हुए चुनाव में भी किया था।

माइक्रोसॉफ्ट की थ्रेट इंटेलिजेंस टीम ने कहा कि चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए वोटरों का पॉलिटिकल पार्टियों की तरफ झुकाव बदलने या उन्हें भटकाने करने की कोशिश करेगा। वह सोशल मीडिया पर ऐसा कंटेंट पोस्ट करेगा, जिससे चुनावों के दौरान जनता की राय चीन के पक्ष में हो सके।

बॉर्डर विवाद के चलते भारत में पड़ोसी देश के तौर पर चीन की छवि अच्छी नहीं है। चीन पोस्ट के जरिए छवि बदलने की कोशिश करेगा।

थ्रेट इंटेलिजेंस टीम के मुताबिक, चीन समर्थित साइबर ग्रुप्स नॉर्थ कोरिया के साथ मिलकर 2024 में होने वाले कई देशों के चुनावों को निशाना बनाने वाले हैं। चीन यही हथकंडा अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में भी इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है।

भारत में लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव सात फेज में होगा। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे।

माइक्रोसॉफ्ट थ्रेट इंटेलिजेंस टीम के 4 दावे

1. 63 देशों में संसदीय-राष्ट्रपति चुनाव, चीन फायदा उठाएगा
2024 दुनिया के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे अहम साल साबित होने जा रहा है। इस साल 63 देशों (और यूरोपीय यूनियन) में राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव होंगे। दुनिया की कुल आबादी का 49% हिस्सा वोटिंग राइट्स का इस्तेमाल करेगा।

माइक्रोसॉफ्ट ने अपने बयान में कहा, “इस साल दुनिया भर में, विशेष रूप से भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं। हमारा आकलन है कि चीन अपने हितों को फायदा पहुंचाने वाला AI जनरेटेड कंटेंट बनाएगा और लोगों तक इसे पहुंचाएगा।”

2. भविष्य में AI जनरेटेड कंटेंट का प्रभाव ज्यादा होगा
ब्रिटिश मीडिया “द गार्जियन” ने रिपोर्ट में लिखा कि माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी दी है कि चीन की इस हरकत का प्रभाव आने वाले समय में बढ़ेगा। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, “AI जनरेटेड कंटेंट का तुरंत प्रभाव तो कम नजर आएगा, लेकिन चीन जिस तरह इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा रहा है, उससे इसका असर आगे ज्यादा प्रभावी हो सकता है।”

3. ताइवान में चुनाव के दौरान गलत जानकारी फैलाई गई थी
टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि ताइवान के चुनाव को प्रभावित करने के लिए चीन ने AI के जरिए गलत जानकारियां सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। इस दौरान स्टॉर्म 1376 (स्पैमौफ्लैज) नाम का चीनी ग्रुप काफी एक्टिव था। यह ग्रुप नेताओं के फेक ऑडियो और मीम्स बनाता था। इसे सोशल मीडिया पर वायरल करता था। मकसद कुछ उम्मीदवारों को बदनाम करना और मतदाताओं को भ्रमित करना था।

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, “स्टॉर्म-1376 ने ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विलियम लाई और अन्य ताइवानी अधिकारियों के साथ-साथ दुनिया भर के चीनी विरोधियों के AI जनरेटेड मीम्स बनाए थे। इसके अलावा एक AI न्यूज एंकर ने कहा था विलियम लाई के कई नाजायज बच्चे हैं। इस न्यूज एंकर को टॉकटॉक डेवलप करने वाली कंपनी बाइटडांस ने बनाया था।

ताइवान में रूलिंग पार्टी के नेता और मौजूदा उपराष्ट्रपति विलियम लाई चिंग-ते ने राष्ट्रपति चुनाव जीता था।

ताइवान में रूलिंग पार्टी के नेता और मौजूदा उपराष्ट्रपति विलियम लाई चिंग-ते ने राष्ट्रपति चुनाव जीता था।

4. चीन की कोशिश सफल या नहीं, जानकारी नहीं
टेक कंपनी ने कहा कि इस बात के बहुत कम प्रमाण हैं कि जनता को भ्रमित या प्रभावित करने की चीन की यह कोशिश सफल रही। चीन ने ऐसा कुछ अमेरिका में भी करने की कोशिश की है।

माइक्रोसॉफ्ट मे एक बयान में कहा, “अमेरिका में हाल के महीनों में चीनी AI जनरेटेड कंटेंट का उपयोग बढ़ गया है। ये नवंबर 2023 में केंटुकी में ट्रेन हादसे, अगस्त 2023 में लगी जंगल की आग, जापान के फुकुशिमा प्लांट से छोड़े जाने वाले जहरीले पानी, अमेरिका में ड्रग्स के इस्तेमाल समेत कई मुद्दों पर अमेरिका और अन्य जगहों पर जनता को विभाजित या प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है।”

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