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- India Will Improve Commerce With Oman Through Iran| India To Increase Center East Ties With Oman Commerce Deal
मस्कट/नई दिल्ली2 घंटे पहले
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दो महीने बाद ओमान के साथ ट्रेड बढ़ाएगा भारत। (फाइल)
ईरान के कई देशों के साथ जारी तनाव के बीच भारत ईरानी रास्ते से ओमान में ट्रेड बढ़ाएगा। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, चीन और पाकिस्तान के ओमान के साथ बढ़ते ट्रेड को देखते हुए भारत ओमान के साथ ट्रेड बढ़ाना चाहता है।
रॉयटर्स के मुताबिक, इस कदम से भारत को एक रणनीतिक साझेदार और ईरानी रास्ते से ट्रेड करने में मदद मिलेगी।
भारत और ओमान की ट्रेड ईरान के रास्ते होगी।
अभी ट्रेड 1 लाख करोड़ रुपए से भी कम
भारत और ओमान के बीच एक साल में 1 लाख करोड़ रुपए से भी कम ट्रेड होता है। ओमान मिडिल ईस्ट में एक अहम जियोलॉजिकल लोकेशन पर है, जिस कारण भारत को इससे सीधे U.A.E, कतर, सऊदी अरब, यमन और यूरोप से ट्रेड करने में फायदा मिलेगा। इसी रूट से भारत को 60% से ज्यादा क्रूड ऑयल मिलता है।
भारत को लगभग 85% तेल इम्पोर्ट करना पड़ता है। ओमान के साथ ट्रेड लोकसभा चुनाव के बाद होगी। लेकिन इस ट्रेड के लिए कवायद तेज हो गई है। भारत ने हाल ही में गल्फ कोऑपरेशन कौन्सिल (GCC) से ओमान और UAE के साथ एक द्विपक्षीय समझौते की मांग की है।
दोनों देश इम्पोर्ट ड्यूटी कम करेंगे
ओमान की तरफ से भी पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है। ओमान ने भारतीय निर्यात पर कम टैक्स लगाने की बात कही है। अभी भारत ने एक साल में ओमान को 25 हजार करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर प्रोडक्ट, रत्न और आभूषण, चमड़ा, ऑटोमोबाइल, चिकित्सा उपकरण, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट दिए है।
इसके अलावा भारत ने भी ओमान से निर्यात कुछ पेट्रोकेमिकल, एल्युमीनियम और तांबे पर टैक्स कम किए हैं। इससे पहले तक इन सामानों में इम्पोर्ट ड्यूटी ज्यादा थी।
ईरान ने जब्त किया था जहाज
ईरान की नौसेना ने इस साल जनवरी में ओमान की खाड़ी में एक तेल ले जा रहे एक जहाज (ऑयल टैंकर) को जब्त कर लिया था। सेंट निकोलस नाम का यह जहाज इराक से तुर्किये जा रहा था। इसमें इराकी तेल था। यह वही जहाज है जिसे अप्रैल 2022 में अमेरिका ने जब्त किया था। तब इस जहाज का नाम नाम स्वेज राजन था। इसमें लगभग 10 लाख बैरल ईरानी तेल था।
अमेरिका ने यह कार्रवाई ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध के तहत की थी। हालांकि ईरान ने इसे चोरी बताया था। ईरान ने कहा था- अमेरिकी ने ईरानी तेल से भरा जहाज चुरा लिया। इस घटना के बाद जहाज का नाम बदल दिया गया था।