10 घंटे पहलेलेखक: मरजिया जाफर

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व्यक्ति दाएं हाथ की बजाए बाएं हाथ से काम करता है तो उसे लेफ्टी कहते हैं। बाएं हाथ से काम करने वाले कई नामचीन लोग हैं। आखिर क्यों वो दूसरों से ज्यादा स्मार्ट और अलग होते हैं। लेफ्ट हैंडेड लोगों को क्रिएटिव और इंटेलिजेंट तो माना ही जाता है पर इन्हें कुछ ऐसे भी फायदे मिलते हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। लेफ्ट हैंडेड लोगों से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में बता रही हैं मनोवैज्ञानिक योगिता कादियान।

बाया हाथ दिला सकता है स्कॉलरशिप

बाएं हाथ से जुड़े कई रोचक तथ्य सुने ही होंगे, लेकिन क्या कभी यह सोचा है कि यह स्कॉलरशिप भी दिला सकता है। सुनने में अजीब लेकिन यह सच है। पेंसिल्वेनिया के जुनियाता कॉलेज में लेफ्ट हैंडेड स्टूडेंट को उनके बाएं हाथ से काम करने पर स्कॉलरशिप दी जाती है। यह याद रखें कि इसके लिए एकेडमिक रिकॉर्ड भी अच्छा होना चाहिए।

अमेरिका के छह प्रेसिडेंट लेफ्ट हैंडेड रहे

लेफ्टी बहुत मशहूर होते हैं और इस बात की पुष्टि करने के लिए वह अमेरिका के छह प्रेसिडेंट की मिसाल काफी है। स्टैंफोर्ड में हुई एक स्टडी के मुताबिक बाएं हाथ से लिखने वाले लोगों के पास नए और क्रिएटिव सुझाव होते हैं। वहीं सुझाव या आइडिया से थोड़ा आगे बढ़कर सोचें तो बाएं हाथ से वेव करना बुरा और दाएं हाथ से वेव करना अच्छा माना जाता है।

क्या कहती है रिसर्च

एनसीबीआई की रिसर्च के मुताबिक यह एक आम एक्टिविटी है जो या तो जेनेटिक या फिर सीखने की कला और आपके ब्रेन की शेप पर निर्भर करती है। हालांकि राइट हैंड प्रयोग करने के मुकाबले लेफ्ट हैंड प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। इनका अनुपात है 85 और 10। जबकि 5% लोग ऐसे भी हैं, जो दोनों हाथों का प्रयोग करते हैं। मेडिकल टर्म में उन्हें क्रॉस वायर्ड बोला जाता है।

जुड़वा बच्चों में लेफ्ट हैंडेड होने के चांस ज्यादा

बच्चे जुड़वा हैं तो उनमें टैलेंट कूट-कूटकर भरा होगा क्योंकि सन् 1996 की बेल्जियम की एक स्टडी के मुताबिक 1700 जुड़वा बच्चों में से 21 परसेंट बच्चे ले​फ्ट हैंडेड थे। बाएं हाथ से लिखने वालों के ज्ञान की चर्चा देश-दुनिया में फैली हुई है। इसका मतलब यह नहीं कि बच्चा बाएं हाथ से लिखता है तो यह अंधविश्वास करके बैठ जाएं कि वो तो अब स्टार ही बनेगा। जरूरी नहीं कि ऐसा हो भी।

गर्भ में ही तय हो जाता है बच्चा लेफ्टी होगा

दुनिया की 10-15 पर्सेंट आबादी ले​फ्टी होती है और यह गर्भ में ही तय हो जाता है। हालांकि इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं है। इसपर शोध भी चल रहे हैं। दरअसल इंग्लैंड के शोधकर्ताओं ने 2,228 बच्चों पर सर्वे कर यह पाया कि जिन महिलाओं ने 40 साल के बाद बच्चों को जन्म दिया उनके बच्चों के लेफ्ट हैंडेड होने के चांस ज्यादा थे। हालांकि, कई केस में मां की उम्र का बच्चे के लेफ्टी होने से कोई ताल्लुक नहीं रहता।

लेफ्टी पड़ते हैं सब पर भारी

स्टैनफोर्ड में हुई एक और स्टडी में पाया गया कि जो लोग लेफ्टी होते हैं, वो हर वक्त किसी चीज को लेकर नए आइडिया दे सकते हैं। इसके अलावा वो दुनिया के तमाम लोगों के मुकाबले एक समझदार सोच रखते हैं। इतना ही नहीं लेफ्टी लोग टेनिस, बास्केटबॉल, टेनिस खेलों में दूसरों पर ज्यादा भारी पड़ते हैं। कई बार ये किसी एक बाएं हाथ के ज्यादा असर से होता है तो कई बार दोनों हाथ से खेल लेने की क्षमता की वजह से।

यह मशहूर हस्तियां लेफ्ट हैंडेड हैं

अमेरिका के 6 प्रेसिडेंट के साथ ही बेबे रुथ, बिल गेट्स, रिंगो स्टार, एंजेलिना जोली, अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, सोनाक्षी सिन्हा और कपिल शर्मा जैसे सेलिब्रिटी भी लेफ्ट हैंडेड हैं। इसके अलावा अपोलो अंतरिक्ष मिशन पर 29 अंतरिक्ष यात्रियों में से सात लेफ्ट हैंडेड ही थे।

पर्सनैलिटी में नहीं होता फर्क

सन् 2013 में न्यूजीलैंड के शोधकर्ताओं ने बताया कि लेफ्ट हैंडेड या राइट हैंडेड लोगों की पर्सनालिटी में कोई फर्क नहीं होता।

गलती बाएं हाथ की नहीं

कई लोगों को लगता है कि बाएं हाथ वाले लोग हर काम गड़बड़ करते हैं। यह सच नहीं है और यह बात दाएं हाथ वालों को तब समझ आती है जब उन्हें अपने दाएं हाथ के बजाए बाएं हाथ से काम करना पड़े। बाएं हाथ वालों के साथ काम में गड़बड़ी या देरी होने का कारण हाथ के हिसाब से चीजों का बना न होना है। आप भी लेफ्ट हैंडेड हैं तो अपनी प्रतिभा को खोजने की कोशिश करें। यहां प्रतिभा का मतलब किसी लड़की से नहीं टैलेंट से है। तो उस टैलेंट को खोजें और फेमस होने की तैयारी करें।

क्यों मनाया जाता है लेफ्ट हेंडर्स डे

आज से कई साल पहले डीन आर कैम्पबेल जो कि लेफ्ट हैंडर थे,ने पहली बार 13 अगस्त को वर्ल्ड लेफ्ट हेंडर्स डे सेलिब्रेट किया। तब से हर साल इस दिन को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य था बाएं हाथ से काम करने वाले लोगों को इसकी विशेषता और फायदे या नुकसान के बारे में जागरूकता फैलाना।

लेफ्ट हैंडर्स होते हैं ज्यादा स्मार्ट

2007 में किए गए एक शोध, जर्नल ऑफ इंडियन एकेडमी ऑफ अप्लाइड साइकोलॉजी के अंतर्गत पाया गया कि जो लोग बाएं हाथ से काम करते थे, उन्होंने अपना काम जल्दी पूरा किया। जबकि दाएं हाथ से काम करने वाले लोगों को थोड़ा अधिक समय लगा।

अनुवांशिकता की थ्योरी भी काम करती है

मनोचिकित्सक योगिता कादियान के मुताबिक मां के पेट में ही यह तय हो जाता है कि बच्चा कौन सा हाथ का इस्तेमाल करेगा। यह बात कई शोधों में भी साबित हो चुकी है। बच्चे को अपने मां-बाप से एक खास प्रकार का जीन अनुवांशिक तौर पर मिलता है, जिसकी वजह से बच्चा लेफ्ट हैंडर बनता है।

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