1 दिन पहलेलेखक: मरजिया जाफर
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शरीर को स्वस्थ रहने के साथ ही बीमारियों और कुपोषण से बचने के लिए कई तरह के न्यूट्रिशन की जरूरत होती है, उन्हीं में से एक अमीनो एसिड है। शरीर के लिए अमीनो एसिड के फायदे कई हैं, जिनके बारे में जान जहान में बता रहे हैं जनरल फिजिशियन डॉ. अनिल तोमर।
अमीनो एसिड क्या है
अमीनो एसिड ऑर्गेनिक कंपाउंड है जो हमारा शरीर में प्रोटीन बनाने के लिए होता है, ताकि शरीर को भोजन तोड़ने, विकास, टिशू की मरम्मत करने में मदद मिल सके। अमीनो एसिड का इस्तेमाल शरीर को एनर्जी देने के लिए किया जाता है।
अमीनो एसिड को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें एसेंशियल, नॉन एसेंशियल और कंडीशन अमीनो एसिड शामिल हैं। इन सभी ग्रुप में कई तरह के अमीनो एसिड आते हैं। 20 अमीनो एसिड मिलकर प्रोटीन बनाते हैं और उसके सिंथेसिस में मदद करते हैं।
अमीनो एसिड कम होने की वजह
- गंभीर बीमारी या चोट लग जाने की वजह से नॉन एसेंशियल अमीनो एसिड की कमी होती है।
- न्यूट्रिशन की कमी की वजह से अमीनो एसिड की कम होती है।
- शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम होने के कारण भी अमीनो एसिड कम होता है।
- डाइजेशन सही नहीं होने से भी अमीनो एसिड की कमी होती है।
अमीनो एसिड की कमी की पहचान
अमीनो एसिड की कमी से कई बीमारियां होती हैं। इसकी कमी से मौत तक हो सकती है, इसलिए अमीनो एसिड की कमी होने पर इसके लक्षणों को पहचान कर इसे दूर करना जरूरी होता है। अमीनो एसिड की कमी के लक्षण ग्रैफिक से समझते हैं।
अमीनो एसिड के फायदे
मूड फ्रेश रखे: अमीनो एसिड एक प्रकार से ट्रिप्टोफैन भी है। यह मूड सुधारने और दिमाग की सेहत दुरूस्त बनाए रखने में फायदेमंद है। ये शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन को बनाने में मदद करता है। इस हार्मोन को मूड बेहतर करने के साथ ही मनोदशा को सुधारने और कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है। एनसीबीआई के एक शोध के मुताबिक ट्रिप्टोफैन से मूड से जुड़ी सभी परेशानी को दूर करता है।
अनिंद्रा से राहत: नींद की गुणवत्ता को सुधारने में अमीनो एसिड कारगर है। नींद के रोगियों पर किए एक रिसर्च में नींद की गुणवत्ता को बेहतर करने में ग्लाइसिन अमीनो एसिड बेहतर हो सकता है। शोध के दौरान, रोगियों को नींद की क्वालिटी सुधारने के लिए 3 ग्राम ग्लाइसिन दिया गया और नींद से जुड़ी परेशानी में सुधार पाया गया। ग्लाइसीन में अनिद्रा के साथ ही थकान दूर करने का असर होता। यही नहीं, ट्रिप्टोफैन अमीनो एसिड को भी नींद की क्वालिटी बेहतर करने के लिए जाना जाता है।
स्ट्रेस फ्री: अमीनो एसिड स्ट3ेस लेवल को कम कर सकता है। इसकी खुराक डिप्रेशन और मानसिक बीमारियों के लक्षणों को कम करती है, क्योंकि ये न्यूरोट्रांसमीटर में बदलाव करता है। मना जाता है कि ट्रिप्टोफैन, टायरोसिन और फेनिलएलनिन जैसे अमीनो एसिड भी डिप्रेशन से बचाने में अहम।
मसल्स मजबूत बनाए: मसल्स की कमजोरी को दूर रख उन्हें मजबूती देने के लिए अमीनो एसिड बेहतरीन विकल्प है। ज्यादा मात्रा में लिया गया ल्यूसीन मसल्स में प्रोटीन की कमी को दूर करता है। यह सार्कोपेनिया यानी मसल्स की कमजोरी की रोकथाम और इलाज में मददगार है। ल्यूसीन के साथ ही अन्य अमीनो एसिड को भी मसल्स के लिए जरूरी है।
वजन कम करे: मोटापे को कई बीमारियों की जड़ माना जाता है। शरीर की चर्बी और मोटापा को कम करने के लिए भी अमीनो एसिड अच्छा विकल्प है। ब्रांच चेन अमीनो एसिड (BCAA), विटामिन B6 के साथ पैर, कमर और कूल्हों की चर्बी को कम कर सकता है। ग्लूटामेट अमीनो एसिड वजन काबू कर सकता है।
अमीनो एसिड के नेचुरल सोर्स
- अनाज, सोया
- फल, सब्जियां
- स्नैक्स और मिठाई
- दूध या डेयरी प्रोडक्ट
- फलियां, सेम,मटर, बीन्स
- अंडा, मांस ,मछली और सी फूड
अमीनो एसिड की रोजाना की खुराक
अमीनो एसिड की मात्रा उम्र और लिंग के अनुसार अलग-अलग होती है, जिसे डॉक्टर की सलाह लेकर ही लेना चाहिए।
- छोटी बच्चों के लिए रोजाना 50 ग्राम मात्रा।
- बड़े बच्चों के लिए 70 से 85 ग्राम की मात्रा।
- किशोर के लिए 90 से 110 ग्राम मात्रा।
- किशोरियों के लिए 65 से 70 ग्राम मात्रा।
- 65 साल से ज्यादा के पुरुषों में 75 से 80 ग्राम मात्रा।
- 65 साल से ज्यादा की महिलाओं में 55 से 65 ग्राम मात्रा।
अमीनो एसिड साइड इफेक्ट
- खाने की आदत और ग्रोथ पर इसका असर होता होता है।
- ज्यादा मात्रा में अमीनो एसिड लेने से शरीर में विषाक्तता पैदा होता है।
- अधिक मात्रा में लेने पर ब्रेन अमीनो एसिड के स्तर में बदलाव हो सकता है।
- ज्यादा इस्तेमाल से हड्डियों को नुकसान होता है।
- किडनी और लिवर पर दबाव पड़ता है।