नई दिल्ली12 मिनट पहले

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देश की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी अपनी पैरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन (SMI) के साथ मिलकर एक इलेक्ट्रिक कार बनाने की तैयारी कर रही है। इस इलेक्ट्रिक एयर कॉप्टर को घर की छत से ही उड़ाया जा सकेगा और लैंडिंग भी हो सकेगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, SMI में ग्लोबल ऑटोमोबाइल प्लानिंग डिपार्टमेंट के असिस्टेंट मैनेजर केंटो ओगुरा ने बताया कि फ्लाइंग कार को डेवलप करने के लिए जापान के स्टार्टअप स्काईड्राइव के साथ पार्टनरशिप की है। इसका नाम स्काईड्राइव होगा।

इलेक्ट्रिक एयर कॉप्टर ड्रोन से बड़ा, लेकिन पारंपरिक हेलीकॉप्टर से छोटा होगा। इसमें पायलट सहित कम से कम तीन लोग बैठ सकेंगे। इसका इस्तेमाल शहरी इलाकों में इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी सर्विस के तौर पर किया जा सकेगा।

कंपनी ने हाल ही में हुए ग्लोबल मोबिलिटी शो में

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भारत में होगी मैन्युफैक्चरिंग, कीमत भी होगी कम
कंपनी आर्थिक कारणों से भारत में फ्लाइंग कार की मैन्युफैक्चरिंग पर भी विचार कर रही है। ओगुरा ने बताया कि ‘अभी तक कोई निश्चित समयसीमा नहीं है, हालांकि भारत में निर्माण करना उचित है। इसके लिए एविएशन रेग्युलेटर DGCA के अधिकारियों से बात की जा रही है। अगर हम मेक इंन इंडिया के तहत यहां आते हैं, तो फ्लाइंग कार निश्चित रूप से यहां सस्ती होगी।’

जापान-अमेरिका के बाद भारतीय बाजार में बेचा जाएगा
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​ओगुरा ने कहा, ‘मोटर और रोटर्स की 12 यूनिट के साथ इसे जापान में 2025 ओसाका एक्सपो में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। सबसे पहले ये फ्लाइंग कार जापान और अमेरिकी मार्केट में बिक्री के लिए अवेलेबल होगी। इसके बाद ‘मेक इन इंडिया’ के तहत इसे भारत में बेचे जाने की प्लानिंग है। हम भारत में कस्टमर्स और पार्टनर्स की तलाश के लिए मार्केट रिसर्च कर रहे हैं।’

पारंपरिक हेलीकॉप्टर से आधा वजन
1.4 टन वजनी एयर कॉप्टर का वजन पारंपरिक हेलीकॉप्टर के वजन का लगभग आधा है। यह हल्का वजन इसे टेक-ऑफ और लैंडिंग के लिए इमारत की छतों का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इलेक्ट्रिफिकेशन की वजह से विमान के पार्ट्स की संख्या में काफी कमी आई है। इससे मैन्युफैक्चिरिंग और रखरखाव लागत कम हो गई है।

शुरुआत में 15 किलोमीटर की रेंज मिलेगी
ओगुरा ने कहा कि शुरुआत में तीन-पैसेंजर एडिशन की रेंज 15 किलोमीटर होगी। इसके बाद 2029 तक इसके दोगुनी होकर 30 किलोमीटर और उसके बाद 2031 तक 40 किलोमीटर होने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘भारत एक बड़ा देश है और हमें एक रेंज की आवश्यकता है जो निश्चित रूप से 15 किलोमीटर से अधिक है।’

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