चुराचांदपुर42 मिनट पहले

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ये वीडियो मैतेई सोसाइटी ने अपने वेरीफाइड सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। - Dainik Bhaskar

ये वीडियो मैतेई सोसाइटी ने अपने वेरीफाइड सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है।

मणिपुर के चुराचांदपुर में एसपी ऑफिस पर गुरुवार (15 फरवरी) देर रात हमला हुआ है। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, 300 से 400 लोगों की भीड़ ने SP-CCP कार्यालय पर पथराव करते हुए आगजनी की। RAF और SF ने भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।

विभाग ने बताया कि एसपी ने एक हेड कांस्टेबल को निलंबित किया है, जिसके विरोध में यह हमला किया गया है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि 14 फरवरी को एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सियामलालपॉल नाम का हेड कांस्टेबल हथियारबंद लोगों के साथ नजर आ रहा है। अनुशासित पुलिस बल का सदस्य होने के नाते सियामलालपॉल की ये हरकत बहुत गंभीर मामला है।

चुराचांदपुर SP शिवानंद सुर्वे ने हेड कांस्टेबल के खिलाफ एक्शन लिया और उसे अगले आदेश तक के लिए सस्पेंड कर दिया। उसके खिलाफ विभागीय जांच भी कराई जा सकती है।

ये वीडियो मैतेई सोसाइटी ने अपने वेरीफाइड सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है।

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ये वीडियो मैतेई सोसाइटी ने अपने वेरीफाइड सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है।

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मंगलवार को इंफाल में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर-IRB पोस्ट पर हमला हुआ था
मणिपुर के इम्फाल ईस्ट में मंगलवार को फिर हिंसा भड़क उठी थी। गोलीबारी में एक की मौत हो गई और 3 लोग घायल हुए थे। उपद्रवियों ने पेंगेई के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में हमला किया और हथियार लूटने की कोशिश की थी।

इसके अलावा तेजपुर इलाके में इंडिया रिजर्व बटालियन की पोस्ट पर भी हमला किया गया। यहां स 6 एके-47, 4 कार्बाइन, 3 राइफल, 2 एलएमजी और कुछ ऑटोमैटिक हथियार भी लूटे गए। गोलीबारी, हमले और हथियारों की लूट के वीडियो भी सामने आए।

हिंसा के बाद ड्रोन फुटेज में डेडबॉडी ले जाते दिखे उपद्रवी
हिंसा के बाद का ड्रोन फुटेज सामने आया है। इसमें पहाड़ी पर मौजूद लोग अपने घायल और मृत साथियों को ले जाते नजर आ रहे हैं। हिंसा में मरने वाले शख्स की पहचान 25 साल के सागोलसेम लोया के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि घायल हुए लोगों में से एक को पैर में और एक को कंधे में गोली लगी। हालांकि वे खतरे से बाहर हैं। घायल हुए लोग मैतई समुदाय के हैं या कुकी, यह अभी साफ नहीं हो पाया है।

हिंसा में 1 युवक की मौत हुई है और 3 घायल हैं। मरने वालों को संख्या बढ़ सकती है।

हिंसा में 1 युवक की मौत हुई है और 3 घायल हैं। मरने वालों को संख्या बढ़ सकती है।

फुटबॉल खेल रहे बच्चों पर भी चलाई गोलियां
शांतिपुर इरिल नदी के पास जब गोलीबारी शुरू हुई तो वहां कुछ बच्चे फुटबॉल खेल रहे थे। उन पर भी हथियारबंद लोगों ने गोलियां चलाईं। घबराए हुए बच्चे अपनी जान बचाने के लिए झाड़ियों में छिप गए। इस दौरान वह घायल हो गए। बच्चों का भी वीडियो सामने आया है, जिसमें उनके पैरों में जख्म नजर आ रहे हैं। बच्चे रो रहे हैं और आस-पास गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दे रही है।

दरअसल, इम्फाल ईस्ट के खामेनलोक में जहां यह घटना हुई, वह मैतई बहुल इलाका है। इसके पास ही कांगपोकपी इलाका है, जो कुकी बहुल इलाका है। दोनों गुटों के बीच पहले भी हिंसा हुई है।

यह वीडियो इम्फाल ईस्ट इलाके में हुई गोलीबारी के दौरान का है।

यह वीडियो इम्फाल ईस्ट इलाके में हुई गोलीबारी के दौरान का है।

हाल ही में मणिपुर में सुरक्षाबलों पर हुआ था हमला
मणिपुर के थौबल जिले में उपद्रवियों ने 17 जनवरी को पुलिस हेडक्वार्टर पर हमला किया था। उपद्रवी भीड़ की तरफ से की गई फायरिंग में तीन जवान घायल हो गए थे। पुलिस के अनुसार भीड़ ने पहले हेडक्वार्टर में दाखिल होने की कोशिश की थी। जब पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया, तो भीड़ के बीच से कुछ उपद्रवियों ने फायरिंग कर दी।

इस हमले में घायल जवानों की पहचान कॉन्स्टेबल गौरव कुमार, ASI सोबराम सिंह और ASI रामजी के तौर पर हुई थी। घटना के बाद जिला प्रशासन ने थौबल में कर्फ्यू लगा दिया था। हालांकि हेल्थ, मीडिया सहित जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों और कोर्ट के कामकाज में शामिल लोगों समेत हवाई अड्डों पर जाने वाले यात्रियों को कर्फ्यू के दायरे से छूट दी गई थी। पूरी खबर पढ़ें

मणिपुर में अब तक 200 से ज्यादा मौतें, 1100 घायल
राज्य में 3 मई 2023 से कुकी और मैतेई के बीच जारी जातीय हिंसा में 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राज्य में अब तक 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

मणिपुर CM बोले- 1961 के बाद आए लोगों को बाहर निकालेंगे
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार (12 फरवरी) को ऐलान किया था कि 1961 के बाद राज्य में आए लोगों को बाहर निकाला जाएगा। उन्होंने कहा- 1961 के बाद मणिपुर आने और बसने वाले लोगों की पहचान की जाएगी। वे किसी भी जाति या समुदाय के हों, उन्हें बाहर किया जाएगा।

मणिपुर सरकार का ये फैसला राज्य के स्थानीय जाति समूहों के लोगों की रक्षा को लेकर उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है। राज्य में मई 2023 से सांप्रदायिक हिंसा जारी है। सीएम बीरेन ​​​​ने हिंसा के लिए ड्रग माफिया और अवैध प्रवासियों, खासकर म्यांमार के शरणार्थियों को दोषी ठहराया था। पूरी खबर पढ़ें

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