नई दिल्ली58 मिनट पहले
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सड़क परिवहन और मार्ग मंत्री नितिन गडकरी
रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए नई दिल्ली के द पार्क होटल में “रोड रक्षक” पहल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सड़क परिवहन और मार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि रोड सेफ्टी के लिए आम भागीदारी जरूरी है। रोड सेफ्टी के नियमों का पालन करें, लोगों में कानून का डर होना चाहिए और सम्मान भी होना चाहिए। रेड सिग्नल है तो रूकना चाहिए।
आजकल लोग आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर लेते हैं, लेकिन उसके लिए नियम कड़े होने चाहिए। ड्राइविंग लाइसेंस लेने से पहले एक टेस्ट होना चाहिए, जिसे आप घर में कहीं भी बैठ कर दे सकते हैं। आपसे तुरंत सवाल पूछा जाएगा और तुरंत उसका नंबर मिलेगा।
ह्यूमन बिहेवियर बदलने से सक्सेसफुल होगा अभियान
नितिन गडकरी ने कहा कि रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता पर काम कर रहे हैं लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। लोगों में अवेयरनेस बढ़ाने के लिए हम, ऑटोमोबाइल सेक्टर, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस और सोशल एनजीओ काम कर रहे हैं। सबसे इंपॉर्टेंट बात यह है कि बड़े पैमाने पर स्कूल और कॉलेजों में इसके लिए प्रोगाम्स हो रहे हैं। इससे ह्यूमन बिहेवियर जब बदलेगा तब यह अभियान सक्सेसफुल होगा।
रोड के ब्लैक स्पॉट को आइडेंटिफाई कर रही सरकार
लेन डिसिप्लिन पर बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे यहां लोग कोई भी लेन पर चल देते हैं, लेन डिसिप्लिन बहुत इंपॉर्टेंट है। इसके साथ ही गडकरी ने बताया कि सरकार ने लगभग 4 हजार ब्लैक स्पॉट को आइडेंटिफाई किया है, जहां एक्सीडेंट होते हैं। उन्होंने हम बड़े पैमाने पर ब्लैक स्पॉट को आइडेंटिफाई करके उसमें सुधार कर रहे हैं। इसके अलावा हम रोड सेफ्टी ऑडिट कर रहे हैं।
रैश ड्राइविंग करेंगे तो एक्सीडेंट होगा
गडकरी ने कहा कि लोगों को यह जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी की अगर वह रैश ड्राइविंग करेंगे तो इससे एक्सीडेंट होगा और उसमें उनकी जान तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि मुझे कई बार बड़ा दुख होता है कि पढ़े-लिखे लोग रास्ता क्रॉस करने के लिए बीच में से घुस जाते हैं। इन लोगों को समझना होगा और हमें समझाना भी होगा कि आपका जीवन बहुत महत्वपूर्ण है।
आपको कुछ आंकड़े बता दें जो इस मुद्दे पर सोचने को मजबूर करते हैं –
- भारत में ही हर साल लगभग 80 हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं, जो पूरी दुनिया में होने वाली कुल मौतों का 13% है।
- दुनियां भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 13.5 लाख लोग मारे जाते हैं।
- सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के 2022 के रोड एक्सीडेंट डाटा के अनुसार, भारत में रोज 1263 सड़क दुर्घटनाओं से 462 मौतें होती हैं।
- भारत में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें और घायल होने वालों का बहुत बड़ा हिस्सा यानी 78% उस उम्र समूह का है, जो आर्थिक रूप से कमाने वाला वर्ग माना जाता है यानी 15 से 64 साल के बीच के लोग।
- भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 15 से 49 साल तक के लोगों में मरने वालों का अनुपात पुरुषों और महिलाओं के बीच 3:1 का है
- भारत में सड़क दुर्घटनाओं में मौत का सबसे बड़ा कारण ओवर स्पीडिंग यानी सीमा से अधिक तेज गति से वाहन चलाना है, 2022 में 71.2% मौतों की वजह ओवरस्पीडिंग ही थी।
- हाईवेज पर दुर्घटनाओं में मरने वालों में 68% हिस्सा पैदल चलने वालों, साइकिल या मोटर साइकिल सवारों की होती है।
- 5 साल से लेकर 29 साल तक के बच्चों व युवाओं की मौत का दुनियां भर में सबसे बड़ा कारण ही सड़क दुर्घटना है।