नई दिल्ली8 घंटे पहले

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NPS यानी नेशनल पेंशन सिस्टम की सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (CRA) में लॉगिन करने के लिए अब टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की जरूरत होगी। नए नियम के मुताबिक, सभी यूजर्स को पासवर्ड के अलावा आधार OTP के जरिए लॉगिन करना होगा।

फिलहाल, केंद्र और राज्य सरकार के नोडल ऑफिसर और उनकी ऑटोनोमस संस्थाएं केवल पासवर्ड के जरिए इसमें लॉगिन करके सभी रिकॉर्ड एक्सेस कर सकती हैं। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने इस बदलाव का ऐलान किया है। नया नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा।

अनअथॉराइज्ड एक्सेस का रिस्क कम होगा
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन से अनअथॉराइज्ड एक्सेस का रिस्क कम हो जाएगा। इससे केवल CRA सिस्टम के वेरिफाइड यूजर ही लॉगिन कर पाएंगे। एक्सट्रा सिक्योरिटी लेयर से NPS ट्रांजैक्शन ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।

निकासी के नियमों में भी बदलाव
इससे पहले 1 फरवरी से PFRDA ने निकासी के नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक, NPS अकाउंट होल्डर्स को टोटल जमा राशि के 25% से ज्यादा राशि निकालने की अनुमति नहीं है।

इसमें अकाउंट होल्डर और नियोक्ता (कंपनी) दोनों की ही योगदान राशि शामिल होगी। इसके अनुसार अगर आपके नाम पर पहले से एक घर है, तो उसके लिए NPS अकाउंट से आंशिक विड्रॉल की परमिशन नहीं होगी।

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) क्या है?
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) सरकार की एक पेंशन-कम-इन्वेस्टमेंट स्कीम है। जिसके जरिए आप रिटायरमेंट के लिए बचत कर सकते हैं। NPS में जमा की गई 40% राशि को एन्युटी में जमा करना जरूरी है। बाकी बची 60% राशि आप रिटायरमेंट के दौरान एकमुश्त निकाल सकते हैं।

60 साल की उम्र तक होता है मैच्योर
NPS को PFRDA रेगुलेट करता है। इसमें 18 से 70 साल की उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है। इसकी मैच्योरिटी 60 साल के उम्र तक होती है। लेकिन, आप चाहे तो इसे 75 साल की उम्र तक जारी रख सकते हैं।

बीच में कैसे निकाल सकते हैं पैसे
हालांकि अगर आप बीच में चाहें तो बिमारी, बच्चों की पढ़ाई औ घर बनाने के लिए पैसे निकाल सकते हैं। अगर आप पैसे नहीं निकालते हैं तो रिटायरमेंट के समय टोटल जमा राशि का 60% निकाल सकते हैं और बची हुई 40% राशि पेंशन योजना में चली जाती है।

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