39 मिनट पहले

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व्रत में कई घरों में साबूदाना की खीर, खिचड़ी, वडा बनाए जाते हैं, इन्हें बड़े चाव से खाया जाता है। अगर आपको भी व्रत में साबूदाना खाना पसंद है, तो पहले ये जान लें कि इसे कब और कितनी मात्रा में खाना चाहिए। मेडिका हॉस्पिटल, रांची की सीनियर डाइटीशियन डॉ. विजयश्री प्रसाद बता रही हैं साबूदाना खाने के फायदे और परहेज के नियम।

एनर्जी बढ़ाए

साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसे खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है और व्यक्ति व्रत में कमजोरी महसूस नहीं करता। नवरात्रि व्रत में आप भी पूरी ऊर्जा के साथ अपने काम करना चाहते हैं तो साबूदाना की खीर या खिचड़ी बनाकर खाएं।

दस्त से राहत दे

साबूदाना पेट की तकलीफों में आराम पहुंचाता है। अगर किसी को दस्त हो रहे हों, तो उसे साबूदाना का पतला घोल बना कर पिलाएं। ये पेट में उठने वाले मरोड़ को कम करता है और व्यक्ति को आराम मिलता है।

गुड बैक्टीरिया को बढ़ाए

साबूदाना खाने से गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं। साबूदाना में एक तरह का रेसिस्टेंट स्टार्च होता है, जो जल्दी पचता नहीं। लेकिन सेहत के लिए ये अच्छा होता है। पेट के अच्छे बैक्टीरिया का ये भोजन होता है, जिसके कारण ये अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाता है।

साबूदाना खाने का सही तरीका

यदि आप भी साबूदाना खाने के शौकीन हैं, तो इसे दूध, सीड्स, ड्राईफ्रूट्स या सीजनल सब्जियों के साथ खाएं। इससे आपको स्वाद और सेहत दोनों मिलेंगे। साबूदाना खिचड़ी को दही एक साथ खाएं, इससे इसकी पौष्टिकता बढ़ जाएगी।

ज्यादा खाना हानिकारक

साबूदाना ग्लूटेन फ्री होता है और कार्ब का बेहतरीन स्रोत होने के कारण ये इंस्टेंट एनर्जी देता है। इसमें प्रोटीन बहुत कम मात्रा में होता है इसलिए इसकी न्यूट्रीशनल वैल्यू बढ़ाने के लिए साबूदाना खिचड़ी और वडा में मूंगफली, गाजर, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां, आलू, पनीर आदि मिलाए जाते हैं। साबूदाना खीर में दूध, सीड्स और ड्राई फ्रूट्स इसका स्वाद और न्यूट्रीएंट्स दोनों बढ़ा देते हैं।

साबूदाना को लेकर भ्रांतियां

साबूदाना कैसे बनता है, इस बात को लेकर कई भ्रांतियां हैं। कुछ लोगों के मन में ये डर है कि साबूदाना बनाते समय सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता, इसे पैरों से मैश करके बनाया जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है। साबूदाना बनाने के लिए मशीनों का इस्तेमाल ही किया जाता है। कुछ लोग इसे अनाज समझते हैं इसलिए व्रत में खाने से डरते हैं। साबूदाना अनाज नहीं है। इसे आप व्रत में खा सकते हैं। दरअसल, साबूदाना ‘सागो पाम’ नामक पेड़ के तने के गूदे से तैयार किया जाता है। इसे टैपिओका रूट और कसावा भी कहा जाता है।

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चैत नवरात्रि के व्रत में लंबे समय तक ऊर्जा और ताजगी महसूस करना चाहते हैं तो मिश्रीकंद खाएं।

प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, फोलेट, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर मिश्रीकंद खाने से लंबे समय तक पेट भरा हुआ होने का एहसास होता है और जल्दी भूख नहीं लगी।

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