इस्लामाबाद/लाहौर8 घंटे पहले

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PML-N और PPP के बीच केंद्र में सरकार बनाने के मुद्दे पर 11 फरवरी को बातचीत शुरू हुई थी। अब तक यह बेनतीजा साबित हुई है। (फाइल) - Dainik Bhaskar

PML-N और PPP के बीच केंद्र में सरकार बनाने के मुद्दे पर 11 फरवरी को बातचीत शुरू हुई थी। अब तक यह बेनतीजा साबित हुई है। (फाइल)

पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए चुनाव के नतीजे आए हुए 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की वजह से सरकार नहीं बन सकी है। मंगलवार को नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) और आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के बीच अलायंस की उम्मीदें भी टूटती नजर आईं।

पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने मीडिया से बातचीत में कहा- हमने कभी सरकार बनाने में मदद से इनकार नहीं किया। हम पीएमएल-एन को समर्थन के लिए तैयार हैं। अगर उन्हें सरकार बनानी है तो हमारी शर्तें माननी होंगी, हम उनकी शर्तें क्यों मानें?

सरकार बनाने के लिए PML-N और PPP समीकरण तैयार कर रही हैं। हालांकि, पांच दौर की बातचीत अब तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है।

PML-N को रवैया बदलना होगा

  • बिलावल मंगलवार को एक केस के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। कोर्ट से बाहर आने के बाद उन्होंने सरकार बनाने के मुद्दे पर मीडिया से बातचीत की। पहली बार इस मामले में उनका रुख बदला नजर आया।
  • पीपीपी के चेयरमैन ने कहा- हमने कब कहा कि हमारी पार्टी नवाज शरीफ की पीएमएल-एन को समर्थन नहीं देगी। हम आज भी इसके लिए तैयार हैं और बातचीत भी चल रही है, लेकिन एक बात तो तय है कि उन्हें अपना रवैया बदलना होगा।
  • बिलावल पिछले साल तक शाहबाज शरीफ सरकार में फॉरेन मिनिस्टर थे। इमरान की सरकार गिरने के बाद शाहबाज ने सत्ता संभाली थी। 13 दलों की सरकार ने 16 महीने सरकार चलाई थी। पीपीपी चीफ ने कहा- अगर वो (पीएमएल-एन) अपना रवैया नहीं बदलते तो बातचीत कैसे आगे बढ़ेगी? वो अपनी बात पर अड़े हुए हैं। ऐसे में कोई हमसे ये उम्मीद कैसे कर सकता है कि हम उनकी हर शर्त मान लें।
एक तरफ पीपीपी और पीएमएल-एन सरकार बनाने के मुद्दे पर एकराय नहीं हो सकी हैं तो वहीं सोमवार को इमरान की पार्टी पीटीआई ने कट्टरपंथी धार्मिक दल सुन्नी इत्तिहाद काउंसिल (SIC) से हाथ मिला लिया है। दोनों ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

एक तरफ पीपीपी और पीएमएल-एन सरकार बनाने के मुद्दे पर एकराय नहीं हो सकी हैं तो वहीं सोमवार को इमरान की पार्टी पीटीआई ने कट्टरपंथी धार्मिक दल सुन्नी इत्तिहाद काउंसिल (SIC) से हाथ मिला लिया है। दोनों ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

डेमोक्रेसी को नुकसान नहीं होना चाहिए

  • एक सवाल के जवाब में बिलावल ने कहा- फिलहाल, मुल्क में जो सियासी हालात हैं, उनसे अवाम नाउम्मीद हो रही है। अगर ये परेशानी जल्द हल नहीं की गई तो इससे डेमोक्रेसी को नुकसान होगा। इलेक्शन के बाद हर पार्टी का फर्ज है कि वो मसलों का हल निकाले। तभी हम डेमोक्रेसी को बचा पाएंगे।
  • 35 साल के बिलावल ने सरकार के मुद्दे पर तल्ख जवाब दिया। कहा- सच्चाई ये है कि इस वक्त पीएमएल-एन को हमारे वोट की जरूरत है और हम इससे इनकार भी नहीं कर रहे हैं। बात सिर्फ इतनी है कि उन्हें हमारी शर्तें माननी होंगी, हम उनकी बात क्यों मानें।
  • बिलावल ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) से बातचीत के बारे में किसी सवाल का जवाब देने से परहेज किया। कहा- मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि जितनी जल्द सरकार की तस्वीर साफ हो जाएगी, उतना ही इस मुल्क के लिए बेहतर होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी जरदारी को प्रेसिडेंट बनाने के अलावा नेशनल असेंबली के स्पीकर और सीनेट चेयरमैन के पद मांग रही है। इसके बावजूद वो केंद्र सरकार में शामिल होने को तैयार नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी जरदारी को प्रेसिडेंट बनाने के अलावा नेशनल असेंबली के स्पीकर और सीनेट चेयरमैन के पद मांग रही है। इसके बावजूद वो केंद्र सरकार में शामिल होने को तैयार नहीं है।

सुन्नी इत्तिहाद काउंसिल के साथ इमरान

  • इमरान समर्थक निर्दलीयों ने सोमवार को सुन्नी इत्तिहाद काउंसिल (SIC) में शामिल होने का फैसला किया। PTI पार्टी के चेयरमैन बैरिस्टर गौहर खान ने कहा- PTI समर्थक निर्दलीय केंद्र, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में SIC को जॉइन करेंगे। बता दें कि हाल ही में हुए चुनाव में इस पार्टी ने केवल 1 सीट पर जीत दर्ज की है।
  • SIC के नेता हाफिज रजा ने कहा- PTI से हमारे रिश्ते 8 साल पुराने हैं। हम हमेशा से हमेशा सांप्रदायिक हिंसा का विरोध करते आए हैं। PTI और इमरान खान को हमारा समर्थन बना किसी शर्त के है। पार्टी और सरकार बनाने को लेकर पॉलिसी PTI और इमरान ही बनाएंगे।
बिलावल पिछले साल तक शाहबाज शरीफ सरकार में फॉरेन मिनिस्टर थे। पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर थीं।

बिलावल पिछले साल तक शाहबाज शरीफ सरकार में फॉरेन मिनिस्टर थे। पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर थीं।

कट्टरपंथी के साथ क्यों गई PTI

  • इसकी सीधी सी वजह सत्ता में आना है। दरअसल, PTI को इलेक्शन में अपने सिम्बल बैट पर चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला था। इसके कैंडिडेट निर्दलीय लड़े। तकनीकि तौर पर ये सरकार बनाने का दावा तभी पेश कर सकते हैं, जब वो किसी सियासी पार्टी के बैनर तले एकजुट हों।
  • आसान शब्दों में कहें तो सरकार बनाने की दावेदारी पेश करने के लिए इमरान के निर्दलीयों को किसी पार्टी या गठबंधन का हिस्सा बनना पड़ेगा। PTI चीफ गौहर खान के मुताबिक- हम चुनाव आयोग के सामने SIC और निर्दलीयों के बीच हुआ करार पेश करेंगे। केंद्र में 70 और पूरे देश में 227 में रिजर्व सीटें हैं। ये सीटें सिर्फ राजनीतिक पार्टियों को ही दी जाती हैं। अपने हक की रिजर्व सीटों को बचाने के लिए हमने SIC में शामिल होने का फैसला किया है।
  • गौहर ने यह दावा भी किया कि PTI ने नेशनल असेंबली में 180 सीटें जीती हैं। उन्होंने कहा- जितने भी निर्दलीयों ने चुनाव लड़ा वो PTI समर्थक थे। हम प्रांतीय चुनावों में भी बड़ी जीत हासिल हुई है। इसके अलावा इमरान की तरफ से चुने गए PTI के PM पद के उम्मीदवार अयूब खान ने कहा- हमारा अगला लक्ष्य केंद्र में सरकार बनाना है।
PTI का कहना है कि अगर वो सत्ता में आती है तो सबसे पहले इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को रिहा कराएगी। इमरान अडियाल जेल में हैं। बुशरा को घर में कैद रखा गया है। घर को सब जेल में तब्दील किया गया है।

PTI का कहना है कि अगर वो सत्ता में आती है तो सबसे पहले इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को रिहा कराएगी। इमरान अडियाल जेल में हैं। बुशरा को घर में कैद रखा गया है। घर को सब जेल में तब्दील किया गया है।

सबसे पहले इमरान, बुशरा को आजाद करेंगे

  • एक सवाल के जवाब में अयूब ने कहा- हमारा अगला लक्ष्य केंद्र में सरकार बनाना है। इसके बाद हम सबसे पहले PTI के नेताओं जैसे इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी, शाह महमूद कुरैशी और परवेज इलाही को आजाद कराएंगे। अयूब ने मजलिस-ए-वहदत मुसलिमीन (MWM) को भी गठबंधन में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया।
  • दूसरी तरफ, PTI और मौलाना फजल-उर-रहमान की JUI-F पार्टी ने भी राजनीतिक स्थिरता के लिए गठबंधन की घोषणा की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलाना ने कहा- राजनीतिक उठापटक के बीच PTI ने गठबंधन के लिए हमें चुना और हम इसके लिए उनके आभारी हैं। हमारा लक्ष्य देश में लोकतंत्र और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना है।

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