नई दिल्ली20 घंटे पहलेलेखक: ऐश्वर्या शर्मा

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हर लड़की चाहती है कि उनकी स्किन ग्लो करे। बेदाग त्वचा के लिए आजकल बाजार में कई तरह के ब्यूटी कॉस्मेटिक्स मौजूद हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे एसेंशियल ऑयल भी पॉपुलर होने लगे हैं। यह नैचुरल तरीके से त्वचा को खूबसूरत और चमकदार बनाते हैं। बाजार में 90 से ज्यादा अलग-अलग तरह के एसेंशियल ऑयल मौजूद हैं। लेकिन यह हर किसी की त्वचा को फायदा पहुंचाए यह जरूरी नहीं। अक्सर ऐसा सोचा जाता है कि एसेंशियल ऑयल नेचुरल है तो यह कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता, जबकि ऐसा नहीं है।

यह त्वचा को बेदाग करने के बजाय दागदार भी बना सकते हैं इसलिए इनका इस्तेमाल सही तरीके और सही मात्रा में करना जरूरी है।

एसेंशियल ऑयल स्किन के साथ दिमाग को दें शांति

हाउस ऑफ ब्यूटी की संस्थापक और ब्यूटी एक्सपर्ट विभूति अरोड़ा कहती हैं कि एसेंशियल ऑयल को पौधों के तने, पत्तों, फूलों और फलों के अर्क से भाप या कोल्ड प्रोसेसिंग के जरिए तैयार किया जाता है। अर्क की वजह से इस तेल में पौधे की खुशबू आने लगती है। एसेंशियल ऑयल अरोमाथेरेपी में भी इस्तेमाल होता है।

अरोमाथेरेपी का इस्तेमाल सदियों से हो रहा है। इस तेल की खुशबू यानी इसके सेंट मॉलिक्यूल्स शरीर में मौजूद ऑल फैक्ट्री नाम की नस के जरिए दिमाग में पहुंचते हैं और दिमाग के एमिग्डाला (amygdala) नाम के हिस्से को प्रभावित करते हैं। यही हिस्सा इंसान के इमोशन्स को कंट्रोल करता है। इसके जरिए व्यक्ति का मूड अच्छा रहता है और मेंटल हेल्थ दुरुस्त होती है।

इसके अलावा एसेंशियल ऑयल त्वचा में मिल जाते हैं और स्किन को हेल्दी बनाते हैं। स्किन के हिसाब से एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए।

ड्राई स्किन के लिए लैवेंडर ऑयल बेस्ट

जिनकी त्वचा रुखी और बेजान है, उन्हें हमेशा मॉइश्चराइजर लगाने की सलाह दी जाती है। लेकिन कई बार वातावरण और बढ़ती उम्र के साथ स्किन ड्राई होने लगती है। कुछ एसेंशियल ऑयल भी उनकी त्वचा को मॉइश्चराइज कर सकते हैं।

ड्राई स्किन वालों को लैवेंडर ऑयल त्वचा पर लगाना चाहिए। यह त्वचा में नमी को बैलेंस करता है और चूंकि इसमें एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं इसलिए यह स्किन को रिपेयर भी करता है।

कैमोमाइल ऑयल और सैंडलवुड ऑयल भी स्किन में मॉइस्चर को बढ़ाते हैं।

ऑयली नहीं रहेगी स्किन

ऑयली स्किन वालों को ब्लैक हेड्स, वाइट हेड्स, एक्ने जैसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनके ऑयल ग्लैंड से ज्यादा सीबम यानी तेल निकलता है। त्वचा पर अतिरिक्त तेल जमा ना हो, इसके लिए क्लारे सेज ऑयल लगाना फायदेमंद होता है। यह सीबम यानी स्किन ऑयल को कंट्रोल करता है। इसके अलावा रोजमैरी ऑयल भी ऑयली स्किन के लिए फायदेमंद होता है।

अगर त्वचा पर एक्ने हैं तो लेमनग्रास, सिनेमन और टी ट्री का एसेंशियल ऑयल लगाना चाहिए।

सेंसिटिव स्किन पर संभलकर लगाएं

स्किन ड्राई, ऑयली, सेंसिटिव या कोई भी हो सकती है। जिन लोगों को स्किन से जुड़ी बीमारियां जैसे स्किन एलर्जी, एक्जिमा, सोरिएसिस हो तो ऐसे लोगों को अत्यधिक एसिडिक ऑयल जैसे लेमन या लेमनग्रास से हमेशा दूर रहना चाहिए। सेंसिटिव स्किन वालों के लिए लैवेंडर, फ्रैन्किनसेंस और सैंडलवुड एसेंशियल ऑयल सुरक्षित होते हैं।

अगर स्किन पर रैशेज हों तो पेपरमिंट टी, विंटरग्रीन, यूकेलिप्टस और पचौली का तेल फायदा पहुंचाता है।

लोबान करें एंटी एजिंग दूर

उम्र बढ़ने के साथ त्वचा से कोलेजन नाम का केमिकल घटने लगता है जिससे स्किन का लचीलापन खत्म होने लगता है। इससे चेहरे पर फाइन लाइन्स और झुर्रियां पड़ने लगती हैं। स्किन पर कुछ एसेंशियल ऑयल लगाने से ऐजिंग के असर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

प्राचीन मिस्र की महिलाएं लोबान के तेल को एंटी-एजिंग के लिए इस्तेमाल करती थीं। यह एसेंशियल ऑयल एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाकर स्किन से झुर्रियों को दूर करता है।

विटामिन ए और सी से भरपूर रोज ऑयल स्किन सेल्स को हेल्दी बनाता है और एजिंग की रफ्तार को घटाता है। कैरी सेज, लैंवेडर और कैरेट सीड ऑयल भी उम्र के साथ चेहरे पर आने वाले धब्बों पर झाइयों को घटाता है।

प्रेग्नेंसी में रहें दूर

प्रेग्नेंसी में एसेंशियल ऑयल से दूर रहना चाहिए। इस दौरान एक महिला के शरीर में पहले ही कई हॉर्मोनों की उथल-पुथल मच रही होती है। ऐसे में एसेंशियल ऑयल की खुशबू प्रेग्नेंट महिला को परेशान कर सकती है। प्रेग्नेंसी में डॉक्टर की सलाह से ही एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए।

अमेरिका में हुई स्टडी के अनुसार प्रेग्नेंसी, लेबर या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को कपूर, पार्सले सीड, हायसोप, पैनी रॉयल, विंटरग्रीन और वार्मवुड ऑयल का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

सीधे स्किन पर लगाना खतरनाक

कुछ एसेंशियल ऑयल को त्वचा पर डायरेक्ट लगाने से स्किन पर रिएक्शन हो सकता है। इसलिए इसे हमेशा कुछ बूंदें लेकर कैरियर ऑयल जैसे जोजोबा ऑयल या ऑलिव ऑयल के साथ मिक्स करके लगाना चाहिए। जोजोबा ऑयल या ऑलिव ऑयल को कैरियर ऑयल इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें एसेंसियल ऑयल की बुंदें डालकर इस्तेमाल किया जाता है।

कैमोमाइल, साइप्रेस, यूकेलिप्टस, लैवेंडर, टी ट्री, रोज और सैंडलवुड ऑयल को सीधा त्वचा पर लगाया जा सकता है लेकिन बे, सिनेमम, क्लोव बड, कुमिड, लेमनग्रास, ऑर्गेनो और थाइम जैसे एसेंशियल ऑयल को कभी सीधे तौर पर त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए।

हर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट करना जरूरी है। एसेंशियल ऑयल को जांचने से पहले कलाई को बिना खुशबूदार साबुन के अच्छे से धोएं और पोंछ लें। फिर एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदें कैरियर ऑयल में घोलकर लगाएं और 24 घंटे के लिए छोड़ दें। अगर कलाई पर खुजली, सूजन या लाल चकत्ते दिखने लगे तो एसेंशियल ऑयल से दूर रहें।

एसेंशियल ऑयल से दौरे भी पड़ सकते हैं

हर एसेंशियल ऑयल का अपना अलग गुण और लगाने का अलग तरीका होता है। इनका गलत इस्तेमाल चेहरा ही नहीं सेहत को भी बिगाड़ सकता है।

एनिस यानी चक्र फूल का तेल अगर शरीर के अंदर चला जाए तो यह दिमाग की नसों को नुकसान पहुंचा सकता है।

दालचीनी के तेल को अगर बिना मिक्स किए लगाया जाए या पिया जाए तो उल्टी, उबकाई या कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस नाम की स्किन की बीमारी हो सकती है।

युकलिप्टुस यानी नीलगिरी का तेल पीने से दौरे पड़ने लगते हैं। लैंवेडर का तेल उन लड़कों के हॉर्मोन्स का संतुलन बिगाड़ देते हैं जो प्यूबर्टी में नहीं पहुंचे हैं।

जायफल से बना एसेंशियल ऑयल स्किन पर रैशेज कर सकता है। इसको गलती से पी लिया जाए तो व्यक्ति कोमा में जा सकता है।

पेपरमिंट के तेल को पीने से दिल पर गलत असर पड़ सकता है। सेज का तेल किडनी को डैमेज कर सकता है। इसलिए एसेंशियल ऑयल को संभल कर इस्तेमाल करें और ब्यूटी ट्रीटमेंट के लिहाज से कैरियर ऑयल में कुछ बूंदें मिलाकर ही यूज कर सकते हैं।

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