वाशिंगटन3 घंटे पहले

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रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में परमाणु युद्ध होने वाला था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर परमाणु हमले का प्लान बना लिया था। बाद में पीएम मोदी के चलते एटमिक वॉर रुक गया।

यह दावा दो अमेरिकी अधिकारियों ने किया है। CNN ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि, उस वक्त अमेरिकी प्रशासन पुतिन के रवैये से काफी परेशान हो गया था। फिर बाइडेन ने भारत सहित कई देशों से सहयोग मांगा।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने उस वक्त जो चीजें कीं उनमें से एक न केवल रूस को सीधा संदेश देना था। बल्कि उन देशों से भी मदद मांगी। जिनकी बात पुतिन तक पहुंच सके। तब बाहर से डाला गया दबाव काफी काम आया।

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोगों के आउटरीच और सार्वजनिक बयानों से संकट को टालने में मदद मिली।

2022 में खेरसन में तनाव के चलते परमाणु हमला हो सकता था
रिपोर्ट में बताया गया है कि, रूस के परमाणु हमले के कदम के बारे में 2022 के अंत में पता चला था। जब यूक्रेन की आर्मी दक्षिण में रूस के कब्जे वाले खेरसन में तेजी से आगे बढ़ रही थीं। उन्होंने रूसी सेना को पूरी तरह से घेर लिया था।

यह ऐसे हालात थे जो रूस की सरकार को परेशान कर रहे थे। अमेरिकी प्रशासन के अंदर चर्चा होने लगी कि खेरसन में तत्कालीन स्थिति परमाणु हमले की बड़ी वजह बन सकती है। इसके बाद अमेरिका ने भारत सहित अन्य ग्लोबल साउथ के देशों से मदद मांगी। अधिकारी ने बताया कि, भारत, चीन सहित अन्य देशों ने रूस से संपर्क किया और दबाव बनाया।

मोदी ने पुतिन से कहा था- यह युद्ध का युग नहीं है
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने हमेशा से नागरिक हत्याओं की निंदा की है और संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने की बात की। PM मोदी ने पिछले साल उज्बेकिस्तान में SCO शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह बयान भारत की अध्यक्षता में जी20 विज्ञप्ति में भी दिया गया।

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