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  • She Runs Campaigns Towards Feminine Foeticide And Dowry, Her Father Says You Are Nonetheless Younger, Develop Up And Work For The Nation

5 घंटे पहलेलेखक: मरजिया जाफर

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बच्चों से मिलती नसीहत से बड़े-बड़े सूरमा भी हैरत में पड़ जाते हैं। इनके मासूम सवाल समाज की समस्याओं और अनसुलझी पहेलियों का हल ढूढ़ ही लेते हैं। समाज की जिन बुराइयों को हम सदियों से नजरअंदाज करते चले आ रहे हैं, उन्हें सुधारने का जिम्मा सोशल एक्टिविस्ट याचिका जागलान ने लिया है। वह महज 10 साल की हैं। उम्र पर मत जाइए उनके कामों पर नजर डालिए जो कन्याभ्रूण हत्या जैसे गंभीर मुद्दों पर लोगों को नसीहत देती हैं। आइए, आज बातों की बादशाह याचिका जागलान से खुद उनकी कहानी जानते हैं…

नमस्ते दोस्तों…

मैं याचिका जागलान हरियाणा के बीबीपुर गांव में रहती हूं। अभी मैं जींद के सुप्रीम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई कर रही हूं। मैं अपने स्कूल में टीचर और बच्चों से बहुत सवाल करती हूं। सवाल पूछने की मेरी आदत ने कई ऐसे कारनामे कर दिखाए, जिस पर बात करने में भी लोगों को शर्म आती है।

कन्या भ्रूण अभियान

मैंने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान इसलिए शुरू किया क्योंकि आज भी कुछ लोग बेटी को कोख में ही खत्म कर देते हैं और अगर गलती से बेटी पैदा हो गई तो उससे सौतेला व्यवहार करते हैं। घर का काम करा-करा कर बच्ची का बचपन छीन लेते हैं। इस अभियान के जरिए मैं उन लोगों को कहना चाहती हूं कि अगर उन्हें लगता है कि लड़कियां कुछ नहीं कर सकतीं तो वह गलत सोचते हैं, बेटियों को मौका देकर तो देखिए, बेटों से ज्यादा कुछ कर दिखाने की काबिलियत लड़कियों में होती है।

लाडो सशक्तिकरण अभियान का हिस्सा हूं

बेटियों की पढ़ाई, देखभाल और सुरक्षा के लिए शुरू की गई लाडो सशक्तिकरण योजना के लिए सोशल मीडिया के कई अभियान चला रही हूं। जिसमें ‘बहन दूज’ मनाने पर जोर देती हूं।

लाडो गो ऑनलाइन

‘लाडो गो’ ऑनलाइन अभियान में मैंने लड़कियों को हिम्मत दी कि सोशल मीडिया पर वो अपनी फेक प्रोफाइल न बनाएं। आपका नाम आपकी पहचान और आपका हक भी है। इसे छिपाना क्यों? मैंने कई राज्यों में यह अभियान चलाकर लड़कियों को उनकी असली पहचान के साथ प्रोफाइल बनाने को प्रेरित किया।

सेल्फी अंगेस्ट डॉवरी अभियान से जुड़ी

हरियाणा में लड़कियों से दहेज की डिमांड कर शादी तोड़ रहे युवाओं को सही दिशा दिखाने के लिए ‘सेल्फी अंगेस्ट डॉवरी’ अभियान में हिस्सा लिया। यह अभियान युवा पीढ़ी काफी पंसद कर रही है। ‘हैशटैग अंगेस्ट डॉवरी’ पॉपुलर हो रहा है। इस अभियान में बिना दहेज के शादी करने वाले जोड़े अपनी सेल्फी पोस्ट करते हैं जिसे फाउंडेशन की तरफ से अवॉर्ड दिया जाता है।

थैंक यू प्राइम मिनिस्टर अभियान

कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए मैंने थैंक यू प्राइम मिनिस्टर अभियान भी चलाया है जिसमें मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लड़कियों के लिए स्कीम चलाने के लिए शुक्रिया कहने का एक नया तरीका निकाला है।

मैं छोटी छोटी अपील कर के लोगों को एहसास दिलाने की कोशिश करती हूं कि लड़कियां बोझ नहीं, बल्कि हमारे समाज का अहम हिस्सा हैं। इनके अधिकारों को न छीनें। लड़कियां भी बराबरी की हकदार हैं। चाहे शिक्षा हो या स्वास्थ्य, सरकार से मिलने वाली हर सुविधा पर उनका हक है। लड़कियों को भगवान ने बोझ नहीं बल्कि सहारा बनने की काबिलियत दी है, आपको बस बेटियों को आगे बढ़ने का मौका देना है।

गुड टच बैड टच के बारे में बताती हूं

मैं अपनी दोस्तों को गुड टच बैड टच के बारे में भी बताती हूं। मुझे बताया गया है कि अगर कोई आपको गलत ढंग से छुए जो आपको अच्छा न लगे तो उसे ‘बैड टच’ कहते हैं। मैंने अपनी सहेलियों को भी इसके बारे में जानकारी देती हूं ताकि वो भी इस विषय को जानें समझें और जागरूक बनें।

मैं अपनी उम्र की सभी लड़कियों से यह कहना चाहती हूं कि सिर्फ मम्मी-पापा, दादी-नानी बुआ-मौसी दीदी हमारी बॉडी टच कर सकती हैं। उनके अलावा चाहे कोई भी छूने की कोशिश करे तो घर पर आकर अपने माता-पिता को जरूर बताएं।

आईपीएस ऑफिसर बनना चाहती हूं

मैं बड़ा होकर आईपीएस ऑफिसर बनना चाहती हूं जिसके लिए मुझे बहुत पढ़ाई करनी है। मैंने जानती हूं कि आईपीएस ऑफिसर बनकर देश के लिए काम करने के अनगिनत मौके हैं। मैं भी आईपीएस ऑफिसर बन कर उन्हीं की तरह देश और समाज की सेवा करूंगी। मैं लड़कियों की शिक्षा और सेहत के लिए अभियान चलाऊंगी।

यूनिवर्सिटी की मांग पर डटी हूं

लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए शिक्षा को समझना जरूरी है। अपने मुल्क, सूबे, जिले, कस्बे, गांव, मोहल्ले में शांति और एकता बनाए रखने के लिए शिक्षा ही एकमात्र विकल्प है। इसलिए मैं सरकार से विनती करती हूं कि वह मेवात में यूनिवर्सिटी बनवा दे ताकि यहां के युवा पढ़ लिख सकें। कम से कम स्कूल के बाद जिन बच्चों की पढ़ाई शहर से बाहर दूर जाने की वजह से रुक जाती है। उन्हें पढ़ने का मौका मिल सके। यूनिवर्सिटी खुलने पर बेटे-बेटियां दोनों बराबर से बढ़ सकेंगे।

डांस और पेंटिंग का शौक

मुझे डांस और पेेंटिंग बनाने का बहुत शौक है। मैं अपनी छोटी छोटी पेंटिंग्स के जरिए पॉजिटिव मैसेज देती हूं। मैं अक्सर अपने पापा के साथ गांव में लोगों से मिलती हूं उसकी समस्याओं को सुनना उस पर पापा के साथ डिस्कस करना मुझे अच्छा लगता है। मैं गांव वालों के लिए कुछ करना चाहती हूं, लेकिन पापा कहते हैं अभी मैं बहुत छोटी हूं। पढ़ने लिखने के बाद ही कुछ कर पाऊंगी।

मैं बड़ी होकर सबकी मदद करुंगी

मैं बड़ी होकर पापा के साथ मिलकर जरूरतमंदों की मदद करूंगी। मुझे बहुत दुख होता है कि लोग अपनी लड़कियों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। उनके साथ भेदभाव करते हैं। अब तो सरकार की तरफ से लड़कियों को पढ़ाने के लिए कितनी सुविधाएं दी जा रही हैं। लेकिन आज भी समाज में लड़कियों को पढ़ाना ज्यादा जरूरी नहीं समझा जाता। मेरी उन सभी माता पिता से हाथ जोड़कर विनती है कि बेटियों को पढ़ाओ, कल वो आपका सहारा बनेगी।

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