3 घंटे पहले

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आज (14 मार्च) से खरमास शुरू हो गया है, क्योंकि सूर्य ग्रह ने गुरु ग्रह की मीन राशि में प्रवेश किया है। अब ये ग्रह 13 अप्रैल तक इसी राशि में रहेगा। ज्योतिष की मान्यता है कि जब सूर्य धनु या मीन राशि में रहता है तो इस समय को खरमास कहा जाता है। सूर्य एक राशि में करीब एक माह ठहरता है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, सूर्य के मीन राशि में आने से विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन, जनेऊ जैसे मांगलिक संस्कार के मुहूर्त नहीं रहते हैं। अब 13 मार्च तक इन मांगलिक कार्यों के मुहूर्त नहीं रहेंगे, इसलिए ये शुभ काम नहीं करने की सलाह ज्योतिषियों द्वारा दी जाती है। इस महीने में क्रोध, नशा, देर तक सोना, मांसाहार नहीं करना चाहिए। जानिए इस महीने में कौन-कौन से शुभ काम करना चाहिए…

सूर्य को जल चढ़ाकर करें दिन की शुरुआत

खरमास में सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। इन दिनों में रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य को अर्घ्य चढ़ाएं। ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य से संबंधित दोष हैं, उन्हें ये शुभ काम खासतौर पर करना चाहिए।

घर के मंदिर में सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। गणेश जी को स्नान कराएं। वस्त्र, हार-फूल और पूजन सामग्री से श्रृंगार करें। धूप-दीप जलाएं। मिठाई और फलों का भोग लगाएं। आरती करें। गणेश पूजा के बाद शिवलिंग का अभिषेक करें।

अगर आपके घर में बाल गोपाल की प्रतिमा है जल और पंचामृत से भगवान को अभिषेक करें। वस्त्र, हार-फूल से श्रृंगार करें। तुलसी के साथ माखन-मिश्री का भोग लगाएं। कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जप करते हुए पूजा करें।

घर के आसपास किसी मंदिर में दर्शन-पूजन जरूर करें। अगर मंदिर में दर्शन करने नहीं जा पा रहे हैं तो जहां कोई मंदिर दिखाई दे, वहां मंदिर के शिखर के दर्शन करें। शिखर दर्शन करने से भी पुण्य फल मिलता है।

जरूरतमंद लोगों को अनाज, खाना, जूते-चप्पल, कपड़े, छाता, धन का दान करें। किसी गौ शाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। गायों को हरी घास खिलाएं।

इस माह में अपने इष्टदेव की कथाएं पढ़ें, सुनें। किसी संत के सत्संग में शामिल हो सकते हैं। धर्म कथाएं सुनेंगे तो मन शांत होगा और पूजा-पाठ में एकाग्रता बनी रहेगी।

खरमास में क्यों नहीं रहते हैं शुभ मुहूर्त

किसी भी शुभ काम की शुरुआत में पंचदेवों का पूजन किया जाता है। इन पंचदेवों में गणेश जी, शिव जी, विष्णु जी, देवी दुर्गा और सूर्य देव शामिल हैं। इन पांचों देवताओं की पूजा के बाद ही शुभ काम आगे बढ़ते हैं। खरमास में सूर्य देव अपने गुरु की सेवा में रहते हैं, इस कारण वे हमारे शुभ काम में उपस्थित नहीं हो पाते हैं। सूर्य की अनुपस्थिति में किए गए शुभ काम सफल नहीं होते हैं। इसी मान्यता की वजह से खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे कामों के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं।

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