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  • Somebody Was Calling Once more And Once more, Raha Thought That Somebody Would Be Very Upset At This Time Of Night time, However After Seeing The Title She Did Not Choose Up The Name.

29 मिनट पहले

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नीली आंखें, कर्ली हेयर, पिंक चीक्स, न्यूड लिप कलर और ब्लू जींस-वाइट शर्ट के साथ ओवरसाइज़्ड हूप्स में राहा तू एकदम ऐश्वर्या राय माफिक लग रही है…यह कहना था उसकी दोस्त नित्या का। यह बात सच भी थी, क्योंकि ऑफिस की एनुअल मीट के दौरान राहा को ‘मोस्ट चार्मिंग गर्ल’ का टैग मिला था।

राहा रिलेशनशिप कोच थी, जिसका काम ऐसा था कि उसे हर फोन कॉल रिसीव करनी ही होती और सभी मैसेज रिप्लाई करने होते। कोई कॉल मिस हो गई तो कॉल बैक भी करना होता। रिलेशनशिप कोच का काम ही ऐसा होता है कि उसे 24 घंटे ऑनलाइन रहना पड़ता है। न जाने उसकी कही कौन सी लाइनें किसकी लाइन क्लियर कर दे या लाइफ ही बना दे। राहा अपने काम को बहुत गंभीरता से लेती है चाहे वह कितनी उलझी हुई क्यों न हो, पर उसे अपने हर क्लाइंट का बड़े धैर्य के साथ जवाब देना पड़ता है।

आज तेरे चेहरे पर 12 क्यों बजे हुए हैं, राहा? यह सवाल नित्या ने पूछा था।

कुछ नहीं यार! रात के तीन बजे से जग रही हूं। राहा ने अपने हेयर फ्रिंज को हवा से उड़ाते हुए कहा…।

यार कोई बार-बार फोन कर रहा था, मुझे लगा इतनी रात में कोई एंग्जायटी का शिकार होगा, तो फोन उठाया पर बात नहीं हो पाई।

कॉल बैक करने का मन तो नहीं था, क्योंकि ट्रूकॉलर आईडी पर उसकी प्रोफाइल मिस्टर आशिक के नाम से बनी हुई थी।

नित्या बोली, राहा प्लीज़ ट्रू कॉलर पर सही प्रोफाइल की ही कॉल अटेंड करना। अगर रॉन्ग प्रोफाइल तुम्हारा क्लाइंट बना तो बॉस भड़क जाएंगे। बॉस अपनी कंपनी का प्रोफाइल कभी खराब नहीं करना चाहेंगे।

तू सही कह रही है नित्या। मैं उसका कॉल ही नहीं उठाने वाली। यह सही इंफॉर्मेशन दे दी तूने।

थैंक्स मेरी जान कहकर राहा ने नित्या को हग कर लिया।

उस दिन से लेकर रोज़ाना एक महीने तक मिस्टर आशिक का कॉल आने की तय टाइमिंग थी। मानो वो अलार्म लगाकर कॉल कर रहा था, पर राहा मिस्टर आशिक देखते ही उसका कॉल रिसीव नहीं करती थी।

नित्या ने कहा कि रोज़-रोज़ की चिक-चिक से अच्छा है तू उसका मिस्टर आशिक का नंबर ब्लॉक कर दे।

वैसे तो कंपनी में किसी कॉलर का नंबर ब्लॉक करने की मनाही थी। पर नहा-धोकर कॉल करने के पीछे पड़े इस मिस्टर आशिक से राहा खासी परेशान हो गई थी। इसलिए ‘वॉट एन आइडिया, माई लव’ कहकर राहा ने नित्या को चूम लिया।

राहा ऐसी ही चुलबुली थी। सबके रिलेशनशिप मामलों को सुलझाया करती पर रियल लाइफ में इश्क-मोहब्बत की बातों में ट्यूबलाइट थी। उसकी दिमाग की बत्ती इन मामलों में थोड़ी देर से जलती लेकिन बाकी कामों में वह हाइपरएक्टिव और एक्स्ट्रोवर्ट थी।

इस मंथली मीटिंग के बाद उसने छोटा सा ब्रेक लिया, जिसमें उसे अपने होम टाउन जाना था। बस मीटिंग सक्सेसफुल होने के बाद उसे ‘स्टार ऑफ द मंथ’ अवॉर्ड मिला, जिसकी खुशी राहा के चेहरे पर साफ झलक रही थी।

फिर क्या था? उसे रात में ड्राइव करके देहरादून जाना था। इस बार वह अकेली नहीं थी, बल्कि उसके साथ नित्या भी जा रही थी। दोनों बीएफएफ यानी बेस्ट फ्रेंड फॉरएवर, लाउड म्यूजिक और बीयर पाइंट को मुंह में लगाकर फुल मस्ती के साथ ड्राइव कर रही थी। दोनों की इस तरह मस्ती से साफ जाहिर था कि वो काफी दिनों बाद रेंटेड हाउस से निकलकर अपने होम टाउन जा रही हैं।

तड़के सुबह दोनों बीएफएफ देहरादून में थीं। वहां के क्लॉक टावर पर रुक कर उन्होंने रील्स बनाई और थोड़ा आगे जाकर सन राइज होते हुए भी देखा। राहा पोल्यूटेड एटमॉस्फेयर से इतना परेशान हो चुकी थी कि देहरादून का साफ सर्द मौसम उसको सुकून दे रहा था।

थोड़ी देर बाद वे दोनों अपने घर पर थीं। पापा आंगन में न्यूजपेपर पढ़ रहे थे और राहा की गाड़ी का हॉर्न सुनते ही वे उछल पड़े थे, वहीं पास में सोई उसकी फेवरेट कैट मिमी कूदकर कार के बोनट पर बैठ गई थी। मम्मी किचन से भागती हुई राहा और नित्या के वेलकम के लिए आ खड़ी हुई थी। मम्मी की आंखों में आंसू थे, राहा महीनों बाद जो घर आई थी। मम्मा आप भी… देख नित्या कितनी स्लिम हो गई हो यार मम्मा? यह कहकर उसने सभी को हंसा दिया था।

शाम के वक्त पापा ने बोनफायर लगाया और उस दिन बार्बेक्यू का पूरा इंतजाम किया हुआ था ताकि राहा और नित्या के लिए वह रात यादगार हो सके। राहा के पापा ने उसके सभी दोस्तों को भी इनवाइट कर लिया था, जिसका पता दोनों ही बीएफएफ को नहीं था।

ये सभी गाजे-बाजे के साथ ठुमकते हुए बारबेक्यू फूड के साथ मस्ती कर रहे थे। राहा खुशी से चिल्ला रही थी…ओ पापा थैंक यू कि आपने सभी को बुला लिया। वरना मुझे तो लग रहा था कि मैं इस बार अपने दोस्तों से बिना मिले ही चली जाऊंगी। सभी मस्ती कर रहे थे कि तभी वहां एक लंबा हैंडसम लड़का आया, जो 90s के कुमार गौरव जैसा लग रहा था।

राहा के पापा ने आशीष का इंट्रो करवाया कि यह मेरे दोस्त का बेटा है। तुमको शायद याद नहीं होगा। तुम दोनों 5वीं क्लास में थे तब ये लोग दुबई शिफ्ट हो गए थे। ये आज शाम ही दुबई से आया है।

राहा मीट आशीष, इसने तुम्हें कई बार कॉल भी किया होगा। ये तुम्हारे साथ मिलकर देहरादून में रिलेशनशिप बेस्ड कंपनी के प्रोजेक्ट पर काम करना चाहता है। मैंने ही तुम्हारा नंबर दिया था इसे।

‘हाय, मिस्टर आशीष’ कहते हुए राहा ने हाथ आगे बढ़ाया।

हाय राहा, तुमसे मिलने के लिए मुझे सात समंदर पार करके आना पड़ा। तुम मेरी कॉल ही नहीं उठा रही थी। आशीष ने उसे गहरी नजर से भेदते हुए कहा।

पर व्हाय मिस्टर आशीष?

वो इसलिए कि मैं और आप एक-दूसरे को एज ए पार्टनर…सॉरी बिजनेस पार्टनर जान सकें। पता नहीं राहा को 20 साल बाद देख रहे आशीष की जबान लड़खड़ाई थी या सच बाहर आ गया था।

राहा ने पापा की ओर देखते हुए कहा- पर इनका तो कोई कॉल नहीं आया मेरे पास।

राहा ने कहा, आशीष आप अपना नंबर बताएं। वह जैसे ही आशीष का नंबर डायल करती है, यह क्या, मिस्टर आशिक आप, कहते ही राहा चुप हो गई…

पास खड़ी नित्या को पूरा मैटर समझते ही हंसी छूट गई थी।

मिस्टर आशीष की हालत देखने लायक थी। उसने अपनी सफाई में कहा- वो असल में ये सब मेरे दोस्तों की कारस्तानी है। जानबूझकर इन्होंने मेरे नाम में लास्ट वर्ड H को Q से रिप्लेस करके मेरा नंबर सेव किया है। ऐसे मैं आशीष से आशिक बन गया और ट्रूकॉलर में भी मेरी प्रोफाइल इसी नाम से सेव है। मुझे मेरे एक और दोस्त ने ये बात बताई थी तो यकीन नहीं हुआ था।

राहा बोली- और मैं तुम्हें सिरफिरा आशिक समझकर इग्नोर कर रही थी। बाद में ब्लॉक भी कर दिया था।

राहा के साथ सभी बोनफायर के पास खड़े लोगों की यह कहानी सुनते ही हंसी छूट गई और राहा ने एक मीनिंगफुल स्माइल से देखते हुए आशीष का नंबर अनब्लॉक करके मिस्टर आशिक के नाम से ही सेव किया था।

उसकी इस हरकत को नित्या और आशीष दोनों ने देख लिया था। आशीष ने मुस्कुराते हुए गिटार अपने हाथों में ले लिया था….

-गीतांजलि

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