नई दिल्ली10 घंटे पहले

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स्पाइसजेट एयरलाइन में अभी करीब 9,000 एम्प्लॉइज हैं। - Dainik Bhaskar

स्पाइसजेट एयरलाइन में अभी करीब 9,000 एम्प्लॉइज हैं।

नकदी संकट से जूझ रही स्पाइसजेट एयरलाइन्स अपनी कॉस्ट कटिंग प्रोसेस के तहत अपनी टोटल वर्कफोर्स में से 10-15% यानी करीब 1,400 एम्प्लॉइज की छंटनी करने का प्लान बना रही है। एविएशन कंपनी ने सोमवार (12 फरवरी) को इस बात की जानकारी दी है।

छंटनी से 100 करोड़ की एनुअल सेविंग करेगी स्पाइसजेट
स्पाइसजेट के स्पोक्सपर्सन ने कहा, ‘हमारे टर्नअराउंड और कॉस्ट कटिंग स्ट्रेटेजी के हिस्से के रूप में हालिया फंड इन्फ्यूजन के बाद स्पाइसजेट ने कई उपाय शुरू किए हैं। इसका मकसद प्रॉफिटेबल ग्रोथ हासिल करना और इंडियन एविएशन इंडस्ट्री में अवसरों का लाभ उठाने के लिए खुद को तैयार करना है। इस पहल के माध्यम से हमें 100 करोड़ रुपए तक की एनुअल सेविंग की उम्मीद हैं।’

छंटनी की खबर आने के बाद स्पाइसजेट का शेयर आज 4.18% की गिरावट के साथ 65.33 रुपए पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप भी 4.47 हजार करोड़ रुपए पर आ गया है।

छंटनी की खबर आने के बाद स्पाइसजेट का शेयर आज 4.18% की गिरावट के साथ 65.33 रुपए पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप भी 4.47 हजार करोड़ रुपए पर आ गया है।

छंटनी को लेकर इस हफ्ते फाइनल फैसला होने की उम्मीद
मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि वित्तीय संकट, कानूनी लड़ाई और कई विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रही एयरलाइन आगे और भी कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। क्योंकि, एयरलाइन के अभी जितने एयरक्रॉफ्ट सर्विस में हैं, उनकी तुलना में एम्प्लॉइज ज्यादा हैं। कितने लोगों की छंटनी होगी, इसको लेकर इस हफ्ते फाइनल फैसला होने की उम्मीद है।

एम्प्लॉइज की संख्या 10-15% तक कम करने पर विचार किया जा रहा
अधिकारी ने बताया कि एयरलाइन में अभी करीब 9,000 एम्प्लॉइज हैं। एम्प्लॉइज की संख्या 10-15% तक कम करने पर विचार किया जा रहा है। टोटल लागत को कम करने के लिए छंटनी जरूरी है और इससे वार्षिक बचत 100 करोड़ रुपए तक हो सकती है। 15% की कटौती का मतलब होगा कि करीब 1,350 एम्प्लॉइज की छंटनी होगी।

सभी डिपार्टमेंट में छंटनी की आशंका है और फाइनल लिस्ट तैयार की जा रही
मामले की जानकारी रखने वाले एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि सभी डिपार्टमेंट में छंटनी की आशंका है और फाइनल लिस्ट तैयार की जा रही है। छंटनी की यह घोषणा स्पाइसजेट के सामने कई चुनौतियों के बीच आई है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने एयरलाइन को 15 फरवरी तक दो इंजन लेसर्स पर 40 लाख डॉलर की बकाया राशि का निपटान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट के निर्देश का पालन करने में विफल होने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। साथ ही लेसर्स ने एयरलाइन के खिलाफ मुकदमेबाजी को आगे बढ़ाने की बात कही है।

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