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  • Story Of Chhatrapati Shivaji Maharaj In Patanjali Yogapeeth 350 Years In the past Shivaji Established A Hindu Empire And Took Oath At The Age Of 15

5 घंटे पहले

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चैत्र नवरात्रि और स्वामी रामदेव के 30वें संन्यास दिवस पर पतंजलि योगपीठ में स्वामी गोविंद देव गिरि ने “छत्रपति शिवाजी महाराज कथा” शुरू की। कथा शुरू होने से पहले स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने व्यास पीठ की पूजा की।

स्वामी गोविंद देव गिरि ने कहा शिवाजी का राज्याभिषेक आम बात नहीं बल्कि भारतीय इतिहास का सबसे महान क्षण था। उन्होंने कहा उम्र के 15वें साल में शिवाजी ने हिन्दू साम्राज्य की स्थापना के लिए प्रतिज्ञा ली और कई तरह की परेशानियां झेलते हुए दुश्मनों को हराकर लगभग 350 किले बनाए।

देश में हर जिले में थे गुरुकुल, अंग्रेजों ने भारत की शिक्षा को बर्बाद किया
अंग्रेजों से पहले देश में ऐसा कोई जिला नहीं था जहां गुरुकुल न हो। सन 1818 से पहले भारत में 70 फीसदी लोग बहुत पढ़े लिखे थे। अंग्रेजों ने उनकी शिक्षा नीति हम पर थोपकर भारत की शिक्षा को बर्बाद कर दिया। षड्यंत्र से भारत के गौरवशाली इतिहास और भारतीय राजाओं की पराक्रम गाथा को पढ़ाई के सिलेबस से हटा दिया गया। गांधी जी ने भी लंदन में भाषण देते हुए कहा था कि ‘आप लोगों ने मेरे देश की शिक्षा पद्धति को नष्ट किया है।’

1 अरब साल से ज्यादा पुरानी है भारतीय संस्कृति
इस मौके पर स्वामी रामदेव ने कहा कि सनातन हिन्दू धर्म के दो पक्ष हैं। पहला, भारत की वेद, ऋषि और सनातन ज्ञान परंपरा जो 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हजार 122 साल पुरानी हमारी सांस्कृतिक विरासत है। दूसरा, हमारे भारत के पूर्वजों का पराक्रम, शौर्य व वीरता।

हमारा कैलेंडर 2024 साल पुराना नहीं है। बदकिस्मती से हम अपने इतिहास, संस्कृति, वैभव और गौरव को इतने भूल गए कि करीब 200 करोड़ साल पुरानी संस्कृति, संस्कार और ज्ञान को भूल गए। जिससे हम गुलाम हुए और खुद को कमतर समझने लगे।

स्वामी रामदेव ने कहा, सनातन धर्म को किसी कॉर्पोरेट हाउस या राजनैतिक पार्टी के सहारे की जरूरत नहीं है। सनातन धर्म तो शाश्वत है, लेकिन इस धर्म और देश को जब विरोधी ताकतें तोड़ने की कोशिश करती हैं तो उस समय हिंदुत्व की जरूरत होती है। उस हिंदुत्व के संस्थापक, छत्रपति शिवाजी महाराज हैं।

छत्रपति शिवाजी ने बनाया हिंदू साम्राज्य
छत्रपति महाराज ने 350 साल पहले मां भवानी की उपासना करके सनातन और राष्ट्र धर्म के रास्ते पर चलकर हिन्दू साम्राज्य बनाया। हिंदवी साम्राज्य की प्रतिष्ठा के 350 साल पूरे होने पर पहली बार व्यास पीठ से गोविंद देव गिरि जी ये कथा कर रहे हैं। गोविंद देव महाराज हमारी संत, ऋषि और सनातन परंपरा के बहुत बड़े महापुरुष हैं।

स्वामी रामदेव ने कहा कि कथा इसलिए हो रही है, ताकि हम छत्रपति शिवाजी के चरित्र से प्रेरणा लेकर अखंड भारत को आगे बढ़ाएं। मत, पंथ, जाति, संप्रदाय के नाम पर बंटे भारत को फिर से एकता, अखंडता और संप्रभुता के साथ भारत को जोड़े रखें। साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया, कम्बोडिया, अक्साई चीन तक जो भारत का साम्राज्य फैला था, उस भारत को वापस जोड़ने की कोशिश करें।

कथा के मौके पर पतंजलि योगपीठ की सभी युनिट के अधिकारी, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, थैरेपिस्ट, डॉक्टर्स, टीचर्स, स्टूडेंट्स और पतंजलि संन्यासाश्रम के सभी संन्यासी भाई-बहन मौजूद थे।

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