नई दिल्ली14 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (9 मई) को कहा कि ओपन जेल की स्थापना जेलों में भीड़ भाड़ और रिहेब की समस्या का समाधान हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि ओपन या हाफ ओपन जेल कैदियों को दिनभर जेल परिसर से बाहर काम करने और शाम वापस जेल में लौटने का ऑप्शन देता है।

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि ओपन जेल कैदियों को समाज में घुलने-मिलने और उनके साइकोलॉजिकल प्रेशर को कम करने में भी मदद करेगा। साथ ही कैदियों की आजीविका में भी सुधार करेगा।

देश भर में हो ओपन जेल का विस्तार – सुप्रीम कोर्ट

जेल और कैदियों की हालत से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि मौजूदा दौर में राजस्थान ओपन जेल की व्यवस्था पर अच्छे ढंग से काम हो रहा है। कोर्ट चाहती है कि देश भर में ओपन जेल का विस्तार हो।

हालांकि कोर्ट यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले के माध्यम से कोर्ट अन्य अदालतों में चल रहे जेल और कैदियों से जुड़ें लंबित मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी।

सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि एजेंसी ने ओपन जेल को लेकर सभी राज्यों से उनके विचार मांगे थे। जिस पर अब तक 24 राज्यों ने अपना जवाब भेजे हैं।

कोर्ट ने ई-प्रिजन मॉड्यूल की आवश्यकता पर दिया जोर

मामले में न्यायमित्र के तौर पर काम कर रहे सीनियर वकील विजय हंसारिया ने कैदियों में लॉ अवेयरनेस की कमी का हवाला देते हुए कहा कि दोषियों को सूचित नहीं किया जाता है कि वे कानूनी सेवा प्राधिकरण के माध्यम से अपीलीय अदालत में संपर्क करके अपने मामले से जुड़ी कमियों को दूर करवा सकते हैं और सजा से बच सकते है।

हंसरिया के इस तर्क पर कोर्ट ने देश में यूनिफॉर्म ई- प्रिजन मॉड्यूल की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि ई प्रिजन मॉड्यूल इस तरह की समस्याओं को आसानी से निपटाया जा सकता है।

कोर्ट ने NALSA के वकील और सीनियर वकील विजय हंसारिया से मामले में आगे भी न्यायमित्र के तौर पर कोर्ट की सहायता करने का अनुरोध किया है। मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी।

ये खबर भी पढ़ें…

ED ने SC में केजरीवाल की जमानत का विरोध किया; कहा- प्रचार करना मौलिक अधिकार नहीं; कोर्ट ने कहा था- चुनाव 5 साल में होते हैं

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED ने अदालत में एफिडेविट फाइल किया। एजेंसी ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और इससे पहले किसी नेता को प्रचार के लिए न्यायिक हिरासत से जमानत नहीं मिली है। प्रचार करना मौलिक अधिकार नहीं है। पूरी खबर पढ़ें…

एअर इंडिया क्सप्रेस ने 30 क्रू-मेंबर्स को बर्खास्त किया:200 वर्कर्स एकसाथ छुट्टी पर गए, सभी पर एक्शन की तैयारी; आज भी 85 उड़ानें कैंसिल

65 साल में 7.8% घटी हिंदू आबादी:सरकार की रिपोर्ट में दावा- मुस्लिम 43.15% बढ़े; ओवैसी ने वॉट्सऐप रिपोर्ट बताया

भारत में 1950 से लेकर 2015 तक हिंदुओं की आबादी में 7.8% की गिरावट आई है। जबकि मुस्लिम की आबादी में 43.15% का इजाफा हुआ। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है।

रिलीजियस माइनॉरिटीज: अ क्रॉस-कंट्री एनालिसिस (1950-2015) रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जैनों की जनसंख्या में भी गिरावट आई है। 1950 में जैनों की आबादी 0.45% थी, जो 2015 में घटकर 0.36% रह गए। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here