5 घंटे पहले

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इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने वाली कंपनी टेस्ला 8 अगस्त को सेल्फ-ड्राइविंग कार ‘टेस्ला रोबोटैक्सी’ अनवील करेगी। कंपनी के मालिक एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर यह जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने रोबोटैक्सी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

मस्क लंबे समय से टेस्ला की ऑटोमैटिक इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए काम कर रहे हैं। अप्रैल 2019 में कंपनी ने कहा था कि 2020 तक रोबोटैक्सियों का ऑपरेशन (संचालन) शुरू हो सकता है।

कंपनी ने अनुमान लगाया था कि ऑटोमैटिक कार 11 साल तक चलेगी, जो 1 मिलियन मील (16 लाख किलोमीटर से ज्यादा) की दूरी तय करेगी। इससे कंपनी और कार के ऑपरेटर्स को हर साल 30,000 डॉलर (24 लाख से ज्यादा) का फायदा होगा।

टेस्ला रोबोटैक्सी की प्रतीकात्मक तस्वीर

टेस्ला रोबोटैक्सी की प्रतीकात्मक तस्वीर

बिना स्टीयरिंग व्हील के चलने वाली सेल्फ ड्राइविंग कार होगी रोबोटैक्सी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला की रोबोटैक्सी कार में क्लच, ब्रेक और एक्सीलेटर का पैडल नहीं होगा। वहीं, यह बिना स्टीयरिंग व्हील के चलने वाली सेल्फ ड्राइविंग कार होगी। मस्क ने पहले कहा था कि फुल सेल्फ-ड्राइविंग कैपेसिटी से लैस टेस्ला कारें सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए धीरे-धीरे ड्राइविंग में बेहतर होंगी।

उन्होंने कहा था कि कुछ समय बाद कारें पूरी तरह से ऑटोनोमस टैक्सियों के रूप में काम करने में कैपिबल होंगी। ऐसी कारें अपने मालिकों के लिए खुद टैक्सी चलाकर पैसे कमा सकती हैं।

भारत के लिए टेस्ला ने कार बनाना शुरू किया
हाल ही में हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि टेस्ला ने गीगाफैक्ट्री बर्लिन में भारत के लिए राइट-हैंड ड्राइव कारों का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। कंपनी इस साल के अंत तक देश में कार ला सकती है।

इससे पहले 3 अप्रैल को ब्रिटेन की फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया था कि टेस्ला इस महीने भारत में एक टीम भेजेगी, जो देश में 2 से 3 बिलियन डॉलर (₹16 हजार करोड़ से ₹25 हजार करोड़) के इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए जगह की तलाश करेगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…

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