4 घंटे पहले

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वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन महिलाओं को होने वाली एक आम समस्या है। इसका असर चेहरे पर भी दिखाई देता है जिससे महिलाओं के चेहरे की रंगत खो जाती है। वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन और उससे होने वाले नुकसान के बारे में बता रही हैं मदरहुड हॉस्पिटल, पुणे की ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. पद्मा श्रीवास्तव।

वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन से ज्यादातर महिलाएं परेशान रहती हैं। यीस्ट इंफेक्शन होने पर जलन, खुजली, सूजन जैसी तकलीफें होने लगती हैं। इससे बचने के लिए कुछ सावधानियों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

चेहरे पर क्यों होता है यीस्ट इंफेक्शन

अगर आपके चेहरे पर एलर्जी या रैशेज हो रहे हैं तो इसकी वजह वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन भी हो सकता है। यीस्ट इंफेक्शन मुख्य रूप से कैंडिडा फंगस के बढ़ने के कारण होता है।

कैंडिडा त्वचा पर स्वाभाविक रूप से मौजूद रहता है। लेकिन समस्या तब बढ़ जाती है जब इसकी संख्या अस्वाभाविक रूप से बढ़ने लगती है। यीस्ट इंफेक्शन प्राइवेट पार्ट के अलावा, चेहरे, नाखूनों और शरीर पर कहीं पर भी हो सकता है।

यीस्ट इंफेक्शन जब चेहरे और स्किन को प्रभावित करता है, तो इसे स्किन कैंडिडिआसिस कहते हैं। ज्यादातर केसेस में यीस्ट इंफेक्शन चेहरे के साथ साथ पूरे शरीर में भी फैल सकता है।

यीस्ट इंफेक्शन की वजहें

वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन होने के कई कारण हैं। इससे बचने के लिए लाइफस्टाइल, इम्यूनिटी और कुछ आदतों पर ध्यान देना जरूरी है।

एंटीबायोटिक्स

अगर आप एंटीबायोटिक दवाइयां लेती हैं तो इससे वजाइनल एरिया के अच्छे बैक्टीरिया डैमेज हो जाते हैं। जब अच्छे बैक्टीरिया अपना काम ठीक से नहीं कर पाते तो फंगस को पनपने का मौका मिल जाता है। इससे वजाइनल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।

कमजोर इम्यूनिटी

बीमारी, तनाव, कमजोर इम्यूनिटी और कुछ दवाइयों के कारण के कारण शरीर वजाइनल इंफेक्शन के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।

हार्मोनल इम्बैलेंस

हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव के दौरान, जैसे प्रेग्नेंसी, पीरियड्स के दौरान, गर्भनिरोधक गोलियां लेने पर भी कई बार वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।

ज्यादा मीठा खाना

जो महिलाएं मीठी चीजें बहुत ज्यादा खाती हैं उन्हें वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन होने की आशंका ज्यादा रहती है।

सफाई का ध्यान न रखना

जो महिलाएं सफाई का ध्यान नहीं रखतीं उन्हें बार बार वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन हो जाता है। इससे बचने के लिए वजाइनल एरिया को साफ रखने के साथ ही कॉटन पैंटी पहनें और दिन में दो बार पैंटी बदलें। रात में सोने से पहले पैंटी जरूर बदलें।

वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण

वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण पहचान इसे तुरंत रोका जा सकता है। जल्दी इलाज करने से कई समस्याओं से बचा जा सकता है। आमतौर पर वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन के ये लक्षण दिखाई देते हैं:

योनि और योनी में खुजली, जलन और दर्द।

पेशाब और संभोग के दौरान जलन और असुविधा।

गाढ़ा, सफेद, पानी जैसा योनि स्राव।

योनि के आसपास रैशेज, सूजन और दर्द।

यीस्ट इंफेक्शन मुख्य रूप से महिलाओं को प्रभावित करता है। पुरुषों में यीस्ट इंफेक्शन होने पर लिंग पर खुजली या जलन जैसे लक्षण विकसित हो सकते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाना जरूरी

जब आप इसे पहली बार अनुभव कर रहे हैं।

यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण गंभीर या असामान्य हैं।

प्रेग्नेंट महिलाओं को यीस्ट इंफेक्शन होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

जब आप निश्चित नहीं हैं कि यह यीस्ट इंफेक्शन है।

आपको बार-बार इंफेक्शन होता है।

आपने बहुत प्रयास किया, लेकिन इंफेक्शन में सुधार नहीं हो रहा है।

वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन से बचने के उपाय

इंफेक्शन से बचने के लिए प्राइवेट पार्ट को साफ और सूखा रखें।

कॉटन पैंटी पहनें और दिन में दो बार पैंटी जरूर बदलें। हर बार यूरिन पास करने के बाद वजाइना को टिशु से ड्राई करें।

ज्यादा मीठा खाने से फंगस तेजी से बढ़ता है इसलिए मीठी चीजें न खाएं।

नमी से इंफेक्शन जल्दी फैलता है इसलिए लंबे समय तक गीले स्विमवियर या पसीने वाले वर्कआउट कपड़े पहनने से बचें।

दिनभर में खूब पानी पिएं। इससे विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं और इंफेक्शन से बचाव होता है।

टाइट फिटिंग के कपड़े फंगस को बढ़ने के लिए अनुकूल माहौल देते हैं इसलिए टाइट कपड़े न पहनें। ढीले-ढाले कम्फ़र्टेबल कपड़े पहनें जिनमें त्वचा खुलकर सांस ले सके।

संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए संबंध बनाते समय कंडोम का उपयोग करें।

बार-बार संक्रमण या गंभीर लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से इलाज कराएं।

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वजाइनल इंफेक्शन का खतरा, प्राइवेट पार्ट की सफाई पर ध्यान दें, मीठा न खाएं, सर्दी की दवा बढ़ाती समस्या

कुछ महिलाओं को सर्दियों में बार-बार वजाइनल इंफेक्शन हो जाता है, जिससे उन्हें बार बार डॉक्टर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वजाइनल इंफेक्शन की कई वजहें हैं। मुंबई के हिंदुजा व वॉकहार्ट हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सरिता नाइक बता रही हैं सर्दियों में वजाइनल इंफेक्शन के कारण, लक्षण और उपाय।

सर्दियों में जैसे जैसे तापमान गिरने लगता है त्वचा का रूखापन भी बढ़ने लगता है। शरीर के अन्य अंगों की तरह प्राइवेट पार्ट की स्किन भी ड्राई होने लगती है। उस पर सर्दियों में हम गर्म ऊनी कपड़े पहनते हैं। बाहर से तो हमें ठंड लगती है, लेकिन पसीने की ग्रंथियां पसीना बनाती रहती हैं। इतने सारे कपड़ों के कारण प्राइवेट पार्ट को हवा नहीं मिल पाती। त्वचा का रूखापन, पसीना, ऊनी कपड़ों की लेयर्स और हवा की कमी, ये सब मिलकर बैक्टीरिया के पनपने का माहौल तैयार करते हैं। इससे वजाइनल इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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झुर्रियां हटाने के लिए सेलिब्रिटीज सर्जरी तक कराते हैं। लेकिन इस महंगे खर्च से आसानी से बचा जा सकता है। झुर्रियां रोकने के लिए आपको बस अपनी कुछ आदतें बदलनी होंगी।

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