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  • Vijaya Ekadashi Quick On 6 March: Shri Ram And His Military First Noticed This Quick, After This Quick They Bought Victory Over Lanka.

5 घंटे पहले

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फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष के 11वें दिन विजया एकादशी व्रत होता है। जो इस बार 6 मार्च को है। ये व्रत सबसे पहले भगवान राम ने किया था। विजया एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस एकादशी का नाम विजया एकादशी है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से सभी काम पूरे होते हैं। दुश्मनों पर भी जीत मिलती है।

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर पानी में गंगाजल और तिल मिलाकर नहाना चाहिए। फिर उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद एकादशी व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद मंदिर में जाकर भगवान विष्णु के दर्शन करने चाहिए। तुलसी और पीपल के पेड़ में जल चढ़ाकर परिक्रमा करें। घी का दीपक लगाएं।

एकादशी पूजा की विधि
भगवान विष्णु की मूर्ति की स्थापना करें। शालग्राम भगवान का आवाहन और स्थापना करें। धूप, दीप, चंदन, फल, फूल व तुलसी से श्री हरि की पूजा करें और भोग लगाएं। जिसमें तुलसी जरूर होनी चाहिए। एकादशी का व्रत निर्जला रहकर, फलाहार करके या फिर एक समय सात्विक भोजन करके भी रखा जा सकता है।

व्रत कथा: वकदाल्भ्य मुनि ने राम को बताई इस व्रत की विधि
लंका पर चढ़ाई के वक्त जब श्रीराम और उनकी सेना के रास्ते में समुद्र रुकावट बना तो श्रीराम, लक्ष्मण के कहने पर वकदाल्भ्य मुनि के आश्रम गए और अपनी परेशानी बताई।

ऋषि ने श्रीराम को को सेना समेत फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष की एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी। श्रीराम ने अपनी सेना समेत मुनि के बताए नियमों से एकादशी का व्रत रखा और समुद्र पर पुल बनाने का काम शुरू किया। व्रत के प्रभाव से रुकावटें नहीं आई। पुल बना और श्रीराम ने लंका पहुंचकर रावण पर जीत हासिल की। तब से इसे विजया एकादशी के रूप में माने जाने की मान्यता है।

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